tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post1271951042738353878..comments2024-02-01T17:17:24.739+05:30Comments on धान के देश में!: हम तुम्हें गाली दें, तुम हमारे मुँह पे थूकोAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-18466747745187872642009-10-08T17:39:33.114+05:302009-10-08T17:39:33.114+05:3013 तुझको अर्पण.. क्या लागे है मेरा.
kush bhai jind...13 तुझको अर्पण.. क्या लागे है मेरा.<br />kush bhai jindabaaddhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-71911865586676492872009-10-07T23:14:01.744+05:302009-10-07T23:14:01.744+05:30पर इन पागल कुत्तों के पीछे हम हलकान क्यों हो रहे ह...पर इन पागल कुत्तों के पीछे हम हलकान क्यों हो रहे हैं? हम अपने काम से मतलब रखें, वे भॊंक भोंक कर चुप हो जाएंगे:)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-40448595026049285392009-10-07T23:00:18.346+05:302009-10-07T23:00:18.346+05:30पागलों के मुंह नही लगते अवधिया जी।पागलों के मुंह नही लगते अवधिया जी।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-133862420456000612009-10-07T21:25:58.820+05:302009-10-07T21:25:58.820+05:30आप से सहमत हुं जीआप से सहमत हुं जीराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-36361731407886463402009-10-07T19:51:24.348+05:302009-10-07T19:51:24.348+05:30अवधिया जी मैं शर्मा जी से सहमत हूँ ...
चलते चलते...अवधिया जी मैं शर्मा जी से सहमत हूँ ... <br /><br />चलते चलते भी मजेदार रही .....Rakesh Singh - राकेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/03770667837625095504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-48774833405959759102009-10-07T18:09:23.192+05:302009-10-07T18:09:23.192+05:30अवधिया जी सही लिखा है आपने ऐसे पागल कुत्तो को भगान...अवधिया जी सही लिखा है आपने ऐसे पागल कुत्तो को भगाने यही एक उपाय हैMishra Pankajhttps://www.blogger.com/profile/02489400087086893339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-875405414441922842009-10-07T16:53:32.417+05:302009-10-07T16:53:32.417+05:30अवधिया जी, हम लोग यहीं तो भूल कर जाते हैं....जिसे ...अवधिया जी, हम लोग यहीं तो भूल कर जाते हैं....जिसे आप पागल समझ रहे हैं, वो कोई पागल नहीं बल्कि पागलपन का तो उन्होने सिर्फ एक मुखौटा औढ रखा है...ताकि पागल समझकर कोई उसकी ओर ध्यान न दे..ओर वो चुपचाप अपने काम को अन्जाम देते जाएं(जिसके लिए कि उन्हे भेजा गया है)Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-76029653410112274302009-10-07T15:12:36.010+05:302009-10-07T15:12:36.010+05:30अवधिया जी, पागलो का कोई इलाज नहीं !
वैसे आपने पागल...अवधिया जी, पागलो का कोई इलाज नहीं !<br />वैसे आपने पागलो की बात की तो एक जोक याद आ रहा है, मैं भी सूना देता हूँ :<br />एक बार एक हीरो एक पागल खाने घूमने गया, एक पागल के बाड़े के बाहर रुका तो पागल ने घूरते हुए पूछा, <br />तू कौन है ? <br />हीरो बोला , मैं हीरो हूँ और फिल्मो में काम करता हूँ ! <br />पागल जोर से हँसा और बोला- मैं भी सुरु में अपने को यही बताता था, बैठ जा चुपचाप किसी कोने पे आराम से, कुछ दिनों बाद सब ठीक हो जाएगा !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-974797275920477422009-10-07T14:46:53.785+05:302009-10-07T14:46:53.785+05:30सच में चिंता का विषय है यह ।सच में चिंता का विषय है यह ।Chandan Kumar Jhahttps://www.blogger.com/profile/11389708339225697162noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-86126771709851388952009-10-07T13:59:29.858+05:302009-10-07T13:59:29.858+05:30संगीता जी,
गंभीर बने रहना है या नहीं यह तो पाठकों...संगीता जी,<br /><br />गंभीर बने रहना है या नहीं यह तो पाठकों पर निर्भर करता है।<br /><br />वैसे मुझे आपके प्रश्न का तात्पर्य समझ में नहीं आया। समझ नहीं पाया मैं कि क्या कहना चाहती हैं आप?Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-63468468862340781592009-10-07T13:56:07.281+05:302009-10-07T13:56:07.281+05:30संगीता जी से सहमत..संगीता जी से सहमत..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-61251450061739826662009-10-07T13:55:36.918+05:302009-10-07T13:55:36.918+05:3013 तुझको अर्पण.. क्या लागे है मेरा..13 तुझको अर्पण.. क्या लागे है मेरा..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-89222266608734104562009-10-07T13:52:32.350+05:302009-10-07T13:52:32.350+05:30ऐसी बात है तो बचना और बचाना होगा ब्लॉगर जगत को ऐसे...ऐसी बात है तो बचना और बचाना होगा ब्लॉगर जगत को ऐसे पागलों से..विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-19226496786424155132009-10-07T13:48:50.103+05:302009-10-07T13:48:50.103+05:30आपके पोस्टों को पढने के बाद की बनी गंभीरता 'च...आपके पोस्टों को पढने के बाद की बनी गंभीरता 'चलते चलते' पढकर समाप्त हो जाती है .. क्या सही है ये ?संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.com