tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post1461978867148737337..comments2024-02-01T17:17:24.739+05:30Comments on धान के देश में!: पाकिस्तान बना - पर किसकी लाश पर?Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-69119189102597881832009-11-12T10:19:21.051+05:302009-11-12T10:19:21.051+05:30नमस्ते,
मैंनें १९७९ में जन्म लिया है। यह सब मेरे ...नमस्ते,<br /><br />मैंनें १९७९ में जन्म लिया है। यह सब मेरे लिए इतिहास है। अपने बड़ों से उनके दुःखद अनुभव सुन चुका हूँ। आपका सचित्र लेख उनके विवरण से पूर्णतया मेल खाता है।<br /><br />मैंने आउटलुक पत्रिका में (पिछले एक वर्ष में कभी) किसी पाठक की टिप्पणी में जाना कि १९८८ के बाद से एनसीआरटी की इतिहास की पुस्तकों मे से यह सब हटा दिया गया। अब यह सिर्फ बड़ों के मुँह से सुनने को मिलता है।<br />यह भी दुःखद है क्योंकि इतिहास को नकारा या छुपाना तो गलत है। इससे क्या समाधान निकलेगा ?<br /><br />आपका प्रयास और मेहनत सराहनीय है। <br />धन्यवाद,<br />सुरेश शुक्लSuresh Kumar Shuklahttps://www.blogger.com/profile/05394524544849265309noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-47730880246983096652009-09-27T06:41:11.284+05:302009-09-27T06:41:11.284+05:30niceniceRandhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-5922128898777301582009-09-24T19:45:37.206+05:302009-09-24T19:45:37.206+05:30सबकुछ दुःखद है ।सबकुछ दुःखद है ।Chandan Kumar Jhahttps://www.blogger.com/profile/11389708339225697162noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-31051852063441978702009-09-23T22:32:21.897+05:302009-09-23T22:32:21.897+05:30padh ke aisa lag raha tha.......ki yeh manzar poor...padh ke aisa lag raha tha.......ki yeh manzar poora abhi bhi saamne hi ho raha hai................main itihaas bahut padhta hoon........ bipin chandra se lekar DN jha tak..irfan habib se lekar....... Mamoria tak........ aur bhi meri kai research hain............ <br /><br />aur sach kahoon to meri yeh research aapke is lekh se mail khhaatin hain.......... <br /><br />==================<br /><br />Aapne mera hausla badhaya....... main aapka bahut shukrguzaar hoon.......... <br />aise hi apna ashirwaad banaye rakhiye.........<br /><br />dhanyawaad.........डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-64083424158659259182009-09-23T08:50:03.495+05:302009-09-23T08:50:03.495+05:30इतिहास तो इतिहास है वर्तमान में ही भारत के भीतर बह...इतिहास तो इतिहास है वर्तमान में ही भारत के भीतर बहुतेरे पाकिस्तान हैं। हिन्दू नागरिकों की दुर्दशा देखनी हो तो यहाँ जाएँ:<br /><br />http://kashmiris-in-exile.blogspot.com/<br /><br />आँख पर पट्टी बाँधे और कान में तेल डाले हम सभी बैठे हैं कि शिकारी आए और हमें शिकार बनाए। ये चित्र तो मैंने पहले भी देखे थे - इन्हें फिर दिखाने के लिए आभार। लोगों की यादों को जीवित रखना चाहिए।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-1047795639526030472009-09-23T07:49:18.345+05:302009-09-23T07:49:18.345+05:30राष्ट्र की स्वतंत्रता के साथ जुड़े इस दुखद अध्याय क...राष्ट्र की स्वतंत्रता के साथ जुड़े इस दुखद अध्याय को कभी भी भुलाया तो न जा सकेगा.... किन्तु हम क्या कर रहें हैं....राष्ट्र देवी को समर्पित 'संतान' धर्म का पुनुर्थान होना चाहिए....धर्म, भाषा और प्रांतीय मतभेदों को भुलाकर कर समवेत स्वरों में वन्देमातरम का उद्घोष करना होगाSudhir (सुधीर)https://www.blogger.com/profile/13164970698292132764noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-18106774830814541222009-09-22T20:07:41.302+05:302009-09-22T20:07:41.302+05:30अवधिया जी सच से रु-बा-रु करवाने का आपका प्रयास सरा...अवधिया जी सच से रु-बा-रु करवाने का आपका प्रयास सराहनीय है | ऐसी कई बातें हैं जिसे आपने पोस्ट मैं लिखा है, जो हम जानते ही नहीं | सच को अभी तक छुपाया जा रहा है | वैसे चित्र भी बहुत कुछ बयां कर रही है |<br /><br />अब एक नए विभाजन या एक नए कश्मीर (North East) के लिए हमें मानशिक रूप से तैयार हो जाना चाहिए | वैसे हम कुछ कर तो नहीं पायेंगे पर पहले से ही खबर के लिए तैयार रहने से पीडा थोडी कम तो हो जायेगी |Rakesh Singh - राकेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/03770667837625095504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-21142061178090993232009-09-22T19:29:46.346+05:302009-09-22T19:29:46.346+05:30इतने वीभत्स,दर्दनाक और ह्रदय को झकझोर देने वाले मं...इतने वीभत्स,दर्दनाक और ह्रदय को झकझोर देने वाले मंजर की तो हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी... बडे-बुजुर्गों से ये तो सुनते आए थे कि बँटवारे के समय हालात बेहद दुखद एवं भयंकर थे किन्तु स्थितियाँ इतनी ह्रदयविदारक रही होंगी..ऎसी कल्पना नहीं कर पाए थे....लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए ये भय जरूर मन में जन्म लेने लगा है कि कहीं भविष्य में ऎसे ही हालातों का सामना आने वाली पीढी को न करना पड जाए!!!Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-44333890601729824062009-09-22T16:01:53.471+05:302009-09-22T16:01:53.471+05:30"दूसरा विभाजन कौन होने देगा?"
मैं पूछता..."दूसरा विभाजन कौन होने देगा?"<br /><br />मैं पूछता हूँ कौन रोक लेगा? <br /><br />डायरेक्ट एक्शन के आगे घुटने हमने ही टेके थे. जैसे को ऐसा जवाब दिया जाता है तब वह "भारत के लिए कंलक" हो जाता है. हिन्दु शांति शांति का ही पाठ कर सकते है. शांति के लिए लड़ नहीं सकते. क्या फर्क पड़ता है.....<br /><br /><br />उदाहरण देखें. पूरे भारत को इस्लामी बना देने का सपना देखते है पाकिस्तान के कुछ लोग. इतने सारे लोगो को मुस्लिम बना देने का जुनुन...और एक भारतीय को देखो, जो कहते है, शांति होती हो तो कश्मीर दे दो....यही अंतर है. शांति और अहिंसा का पाठ हजार साल से डीएनए में घुस गया है. <br /><br />देश धर्म की रक्षा के लिए मरना मारना नहीं आएगा...सीमाएं सिकुड़ती जाएगी....संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-21543210032447004772009-09-22T15:05:59.853+05:302009-09-22T15:05:59.853+05:30किसी को बुरा लगे तो लगे, पर यह सब पढ़ने और देखने क...किसी को बुरा लगे तो लगे, पर यह सब पढ़ने और देखने के बाद जो मान मे आ रहा है उसे ईमानदारी से लिख रहा हूँ.<br /><br />विभाजन के समय हिंदुओं के साथ जो कुछ हुआ वह आज पाकिस्तान, भारत, और बांग्लादेश मे बसे पाकिस्तान समर्थकों के साथ किया जाना चाहिए. ये भारत मे रहकर भी पहली निष्ठा इस्लाम, पाकिस्तान, काफिरों के खिलाफ जेहाद और आतंकवाद के प्रति रखते हैं. ये कश्मीर की "आज़ादी" का खुलेआम समर्थन करते हैं. आज के संपूर्ण ज्ञान को नकार कर मध्यायुग मे लिखी किसी लड़ाके बद्दू सरदार की अतर्किक किताब को ही अंतिम सत्य मानते हैं.<br /><br /> इस्रएल इन जन्मजात पागलों अच्छा इलाज कर रहा है. अब तो इन आतंकियो के हाथ परमाणु हथियार भी लग चुके हैं आजकल इसी के दम पर ब्लेकमेल करते रहते हैंab inconvenientihttps://www.blogger.com/profile/16479285471274547360noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-89102819435924035432009-09-22T14:55:21.540+05:302009-09-22T14:55:21.540+05:30ज्ञानदत्त जी,
क्षमा चाहूँगा, मैं कोई घाव नहीं कुर...ज्ञानदत्त जी,<br /><br />क्षमा चाहूँगा, मैं कोई घाव नहीं कुरेद रहा हूँ बल्कि उन जानकारियों को सामने लाने का प्रयास कर रहा हूँ जिन्हें तथाकथित धर्मनिरपेक्ष लोगों ने जानबूझ कर छुपा कर रखना चाहा। यह घाव कुरेदना नहीं बल्कि सच्चा इतिहास है।<br /><br />एक विभाजन ही हमेशा के लिए नासूर बन चुका है, दूसरा विभाजन कौन होने देगा?Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-71578974354008123372009-09-22T14:38:20.920+05:302009-09-22T14:38:20.920+05:30ये घाव कुरदने से क्या लाभ? बस एक और विभाजन न हो!ये घाव कुरदने से क्या लाभ? बस एक और विभाजन न हो!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-90143342048614773032009-09-22T13:58:17.740+05:302009-09-22T13:58:17.740+05:30जी.के. अवधिया आप ने तो हिला कर रख दिया, ऎसा मंजर म...जी.के. अवधिया आप ने तो हिला कर रख दिया, ऎसा मंजर मेरे मां बाप ने देखा है, हम पंजाब से है, लेकिन जो गाडियां पाकिस्तान से आती थी उन के साथ यही हाल होता था, लगता है इन लोगो के दिलो मै दया भाव बिलकुल नही,बाते बडी बडी करते है, विभाजन के बाद पाकिस्तान मै २५% हिन्दू बचे थे आज १% भी नही, भारत मै १२% बचे थे मुसलमान आज यह २५% हो गये है.<br />संजय बेंगाणी जी की टिपण्णी से सॊ प्रतिशत सहमत हुंराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-75497654437122964052009-09-22T12:46:16.578+05:302009-09-22T12:46:16.578+05:30हिला देने वाला नग्न सत्य है ये.
हर लिहाज से एक ब...हिला देने वाला नग्न सत्य है ये. <br /><br />हर लिहाज से एक बेहतरीन पोस्ट.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-30480813705958064142009-09-22T11:56:21.211+05:302009-09-22T11:56:21.211+05:30शरणार्थी शिविरों में लोगो की सहायता कौन कर रहा था?...शरणार्थी शिविरों में लोगो की सहायता कौन कर रहा था? समाजवादी? गाँधीवादी? कॉंग्रेसी? <br /><br />नहीं.<br /><br /><br />वे साम्प्रदायिक, हाफ पेंटिये आरएसएस के लोग थे.<br /><br />स्वतंत्रता के समय जो मारे गए थे, जिन्होंने दर्द को भोगा था, उनके लिए यह पोस्ट लिखी थी कभी:<br /><br />http://www.tarakash.com/joglikhi/?p=143संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-63821532973994659272009-09-22T11:40:28.781+05:302009-09-22T11:40:28.781+05:30मुसीबत यह है अवधिया जी कि ये क.. हिन्दू लोग तब भी ...मुसीबत यह है अवधिया जी कि ये क.. हिन्दू लोग तब भी तो नहीं सुधरे !वो तो आज भी जो इक्का-दुक्का बचे भी है, उन्हें भी भगाने में लगे है ! हमारे तथाकथित विद्वान लोग कहते है कि मुसलमान इस लिए भारत में पैर ज़माने में कामयाव रहे क्योंकि उन्होंने हमारे रीतिरिवाजों को अपना लिया, जबकि अंग्रेज ऐसा न कर सके और जल्दी उखड गए ! लेकिन मैं कहता हूँ कि अंग्रेजो के रीतिरिवाज रहन सहन हमारे से उच्च कोटि का था, अथ वे क्यों हमारे रिवाजो का अनुसरन करते, रही मात मुस्लिम आक्रमंकारियो की तो उनका अपना रहन सहन बहुत ही घटिया दर्जे का था, अतः यहाँ जो कुछ मिला सब अपना लिया ! जो विद्वान यह तर्क देते फिरते है कि पहले हिन्दुवों की महिलाए भी पर्दों में रहती थी तो उन्हें भी मेरा सीधा सा जबाब है कि अगर गौर से इसका अध्यन करे तो हिन्दू महिलाए उन जगहों पर अधिक पर्दा सिस्टम अपनाती थी जहा पर मुसलमान आकर्मंकरियो का और बाद में अंग्रेजो का ख़तरा बना रहता था, क्योंकि उन कमीने आकर्मंकारियो का कोई ईमान नहीं था !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-9538062430355675912009-09-22T11:32:58.971+05:302009-09-22T11:32:58.971+05:30अपनी बौद्धिक विलासिता में मगन हमारे नेताओं ने देश ...अपनी बौद्धिक विलासिता में मगन हमारे नेताओं ने देश की जनता के साथ घोर अमानवीय छल किया. विभाजन को रोक पाने में अक्षम होने के बावजूद वे देश की जनता को बहलाते रहे और इसका फल निर्वासित जन ने भोगा. उनका यह प्रमाद अक्षम्य है.निशाचरhttps://www.blogger.com/profile/17104308070205816400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-76370263484521466172009-09-22T11:10:00.042+05:302009-09-22T11:10:00.042+05:30दुखद है........
पीडा देने वाला है...........
लेकिन...दुखद है........<br />पीडा देने वाला है...........<br />लेकिन सच है.........<br />__सत्यालेख के लिए बधाई.........<br />चित्रों के लिए अभिनन्दन !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-6178493939649735122009-09-22T10:49:32.528+05:302009-09-22T10:49:32.528+05:30झकझोर दिया इस लेख ने !झकझोर दिया इस लेख ने !नरेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/13752800316782470282noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-60451055743279849212009-09-22T10:46:47.517+05:302009-09-22T10:46:47.517+05:30ऐसी तस्वीरे दिखाने के लिए धन्यवादऐसी तस्वीरे दिखाने के लिए धन्यवादMishra Pankajhttps://www.blogger.com/profile/02489400087086893339noreply@blogger.com