tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post3505541126689677083..comments2024-02-01T17:17:24.739+05:30Comments on धान के देश में!: वेब में प्रोफेशनल की परिभाषाएँAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-76543508319332263492008-06-08T01:31:00.000+05:302008-06-08T01:31:00.000+05:30उडनतश्तरी की टिप्पणी का स्वागत है। पर आप चिट्ठाकार...उडनतश्तरी की टिप्पणी का स्वागत है। पर आप चिट्ठाकारी में प्रोफेशनल योग्यता का प्रदर्शन करेंगे तो कमाई तो होगी। वह भी बिना कुछ बेचे या बिकवाए। भाई कमाई केवल रुपयों और डालरों की ही नहीं होती। नाम, प्रतिष्टा और सम्मान की भी होती है। और मजे की बात है कि इसे आप खर्च भी नहीं कर सकते।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-85057168888602722542008-06-07T23:12:00.000+05:302008-06-07T23:12:00.000+05:30मुझे लगता है कि कहीं कुछ गलतफहमी हो रही है. शायद द...मुझे लगता है कि कहीं कुछ गलतफहमी हो रही है. शायद द्विवेदी जी कहने का आशय <B>चिट्ठाकारों</B> के व्यवहार के प्रति था जो कि एक प्रोफेशनल के समान होना चाहिये और आपकी आलेख संरचना <B>चिट्ठाकारी</B> को प्रोफेशन के तौर पर अपनाने के इर्द गिर्द है. <BR/><BR/>दोनों की पोस्टों के अलग अलग आयाम हैं.<BR/><BR/>यह मैं अपनी समझ के आधार पर कह रहा हूँ. हो सकता है आपका या द्विवेदी जी का मत अलग हो.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com