tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post3843011989128758512..comments2024-02-01T17:17:24.739+05:30Comments on धान के देश में!: क्या करने आयें हिन्दी ब्लोग्स में?Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-62439230585964733142010-07-30T06:59:49.717+05:302010-07-30T06:59:49.717+05:30आप की रचना 30 जुलाई, शुक्रवार के चर्चा मंच के लिए ...आप की रचना 30 जुलाई, शुक्रवार के चर्चा मंच के लिए ली जा रही है, कृप्या नीचे दिए लिंक पर आ कर अपने सुझाव देकर हमें प्रोत्साहित करें.<br />http://charchamanch.blogspot.com <br /><br />आभार <br /><br />अनामिकाअनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-22231141896833775432010-07-29T15:53:22.608+05:302010-07-29T15:53:22.608+05:30आदरणीय समीर लाल जी से सहमत. बढ़िया मैटर उठाया आपने...आदरणीय समीर लाल जी से सहमत. बढ़िया मैटर उठाया आपने।सूर्यकान्त गुप्ताhttps://www.blogger.com/profile/05578755806551691839noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-54891477217363981482010-07-29T09:43:43.646+05:302010-07-29T09:43:43.646+05:30अवधिया जी, आपको उस मंडली से कहना था...
क्वान्टिटी ...अवधिया जी, आपको उस मंडली से कहना था...<br />क्वान्टिटी न देखो, क्वालिटी देखो...जहां चाह, वहां राह...अच्छा ढूंढोगे तो मोती मिल ही जाएंगे...कूड़े पर चोंच मारते रहोगे तो गंद ही मिलेगा...<br /><br />वैसे यहां अवधिया जी का प्रयास शुरू से यही रहा है कि हिंदी ब्लॉगिंग में ऐसा सार्थक लिखा जाए जिससे ज़्यादा से ज़्यादा पाठक जुटें...और ये पाठक सिर्फ ब्लॉगर ही न हों, दूसरे फील्ड से भी विषय विशेष को सर्च करते हुए आएं...<br /><br />फिक्र नहीं, वो सुबह कभी तो आएगी...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-56593608887846265272010-07-29T09:20:00.994+05:302010-07-29T09:20:00.994+05:30मैं डा. अजित जी से पूर्णत सहमत हूँ. ब्लॉग्गिंग की ...मैं डा. अजित जी से पूर्णत सहमत हूँ. ब्लॉग्गिंग की तरह ऑरकुट और फेसबुक में भी ऐसी कोई ज्ञानवर्धक जानकारी तो नहीं है.<br />ब्लॉग्गिंग में आप अपने विचार दुनिया के समक्ष रख सकते है. हा ये अवश्य है कि कुछ लोग गुटबाजी करके या खुद अपनी पोस्ट पर अनाप शनाप कमेन्ट करके कई अन्य विचार परख <a href="http://jindgikipaathshala.blogspot.com/2010/07/blog-post_23.html" rel="nofollow">पोस्ट</a> को लोगो तक नहीं पहुँचने देते लेकिन अगर आपकी शैली सही है और विचार में दम है तो एक न एक दिन आप को लोग अवश्य पढेंगे. इस तरह वे युवा खुद को रचनात्मक कार्य में व्यस्त रख सकते है.Bhavesh (भावेश )https://www.blogger.com/profile/14963074448634873997noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-34135291476781220182010-07-29T09:17:24.748+05:302010-07-29T09:17:24.748+05:30समीर जी ने अपनी जबरदस्त टिप्पणी से विचार को नया पह...समीर जी ने अपनी जबरदस्त टिप्पणी से विचार को नया पहलु दिया है. <br />आप भी समझ जायें और सार्थक लिखना शुरु करें.<br /><br /> पिन्टू, महेन्द्र, कृष्ण सब आपके गढ़े चरित्र हैं अपने मन की बात कहने को, मगर समीर जी को सुन अब आपके पास कहने को शायद कुछ न होगा. <br /><br />अतः, बंद करें यह सब और सृजनात्मक प्रक्रिया में योगदान दें.राजेश स्वार्थीhttps://www.blogger.com/profile/07732542895868068961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-8550329315151126992010-07-29T09:09:45.158+05:302010-07-29T09:09:45.158+05:30पोस्ट और टिप्पणीओं खास कर समीर जी की
बहुत ही अच्छे...पोस्ट और टिप्पणीओं खास कर समीर जी की<br />बहुत ही अच्छे विचार प्रस्तूत कियेसुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-80073151862505552072010-07-29T08:40:44.155+05:302010-07-29T08:40:44.155+05:30आपने उनसे यह नहीं पूछा कि फेसबुक और आर्कुट में क्...आपने उनसे यह नहीं पूछा कि फेसबुक और आर्कुट में क्या करते हो जो सारा दिन लगे रहते हो? आज की युवापीढी केवल व्यावसायिकता देखती है, यदि यहाँ भी उन्हें अपने व्यावसायिक हित दिखायी दें तो वे चले आएंगे। जितने प्रश्न उन्होंने खड़े किए सारे ही फेसबुक से सम्बन्धित हैं। वहाँ पर ये ही होता है जब कि ब्लाग पर और कुछ भी होता है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-32756520658717502982010-07-29T08:16:57.864+05:302010-07-29T08:16:57.864+05:30.
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आदरणीय समीर लाल जी से सहमत...
कुछ महानुभाव स....<br />.<br />.<br />आदरणीय समीर लाल जी से सहमत...<br />कुछ महानुभाव सिर्फ छिद्रान्वेषण कर सकते हैं- न तो इनमें छिद्र भरने की कूबत है और न ही ऐसा कुछ कर गुजरने की कि छिद्र होना ही बंद हो जायें... हाँ इसी बहाने एक पोस्ट का जुगाड़ अवश्य कर लेते हैं वे.... ;)<br /><br /><br />...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-62518850621747269412010-07-29T06:47:24.444+05:302010-07-29T06:47:24.444+05:30जब यह बालक इतना कुछ जानते हैं तो आकर कुछ सार्थक कर...जब यह बालक इतना कुछ जानते हैं तो आकर कुछ सार्थक करके दिशा बदलें. इन पनठेलियों ने ही सरकार ऐसा नहीं कर रही/वैसा नहीं कर रही-कह कह कर मजमा लगा रखा है मगर खुद कुछ नहीं करते.<br /><br />छोड़िये ऐसे नामुरादों को- जिनको खुद की दिशा नहीं मालूम. यह सिर्फ छिद्रान्वेषण कर सकते हैं- न तो इनमें छिद्र भरने की कूबत है और न ही ऐसा कुछ कर गुजरने की कि छिद्र होना ही बंद हो जायें. <br /><br />आप भी किनके साथ समय खराब आये. इतनी देर में तो एक पोस्ट और निकल जाती. आप तो लगे रहिये बस!!!<br /><br />शुभकामनाएँ.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-25286808842829011212010-07-29T05:00:24.103+05:302010-07-29T05:00:24.103+05:30कडा व्यंग्य हम सभी लिखने वालों पर ..वैसे ब्लॉग तो ...कडा व्यंग्य हम सभी लिखने वालों पर ..वैसे ब्लॉग तो समुन्दर है --उन लोगों को गोता लगाने कहिये !!राम त्यागीhttps://www.blogger.com/profile/05351604129972671967noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-51983694434671372282010-07-28T21:34:00.585+05:302010-07-28T21:34:00.585+05:30ब्लागिंग की इस कमी को ये लोग अगर दूर करने का प्रया...ब्लागिंग की इस कमी को ये लोग अगर दूर करने का प्रयास करें तो---अजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-1709345854013707282010-07-28T21:16:47.841+05:302010-07-28T21:16:47.841+05:30बात तो सही है...बात तो सही है...डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-28513712466669525882010-07-28T20:55:10.502+05:302010-07-28T20:55:10.502+05:30अच्छा कटाक्ष हें.अच्छा कटाक्ष हें.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-44126792291095057782010-07-28T16:13:12.406+05:302010-07-28T16:13:12.406+05:30पुरानी बस्ती को ब्लागर वस्ती बना के छोडे़गे लगता ह...पुरानी बस्ती को ब्लागर वस्ती बना के छोडे़गे लगता है....ajay saxenahttps://www.blogger.com/profile/13303335849836132045noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-76519983519422640042010-07-28T15:42:17.473+05:302010-07-28T15:42:17.473+05:30आपकी बातें पूरी तरह सही नहीं है ब्लोग्स में काफी ऐ...आपकी बातें पूरी तरह सही नहीं है ब्लोग्स में काफी ऐसी जानकारियाँ है जो आपकी अपनी भाषा में अन्यत्र उपलब्ध नहीं है हाँ इसे खोजने का धैर्य होना चाहिए . मुझे ही ऐसे कई इमेल मिले हैं जिन्हें ब्लॉग को लेकर काफी गलतफहमी थी अब वो ब्लॉग को भी वेबसाइट जैसा ही उपयोगी समझते हैं .नवीन प्रकाशhttps://www.blogger.com/profile/04109411995246793338noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-24623894138209877202010-07-28T14:27:53.948+05:302010-07-28T14:27:53.948+05:30सही लिखा है आपने.
हिन्दी ब्लॉगर मिथ्या आदर्शवाद ...सही लिखा है आपने.<br /><br /><br />हिन्दी ब्लॉगर मिथ्या आदर्शवाद की बाते छोड़ काम की बाते लिखे तो लोग अपने आप खिंचे चले आएंगे. <br /><br />मैं भी बहुत दिनों बाद ब्लॉग देख रहा हूँ. पहले कमी सी खलती थी. अब नहीं.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-71032971060631881882010-07-28T13:32:02.744+05:302010-07-28T13:32:02.744+05:30गुरुदेव,
जो भी ब्लाग लेखन के लिए आता है वह कहीं स...<i><b>गुरुदेव,<br /><br />जो भी ब्लाग लेखन के लिए आता है वह कहीं से प्रशिक्षण लेकर नहीं आता कि ब्लाग पर क्या लिखना है और क्या नहीं लिखना।उसे बस यह मालुम है कि ब्लाग अमिताभ बच्चन लिखते हैं,तो हम क्यों नहीं लिख सकते?<br /> <br />अब आप जाकर देखिए उनके ब्लाग में क्या है? <br />उनका ब्लाग व्यक्तिगत डायरी है,उसमें अपने जीवन के नीजि पलों को लोगों के साथ बांट्ते हैं।<br />यही हर ब्लागर कर रहा है। तो क्या गलत है?<br /><br />जब आपकी पोस्ट पढकर उसे समझ में आता है कि सार्थक ब्लागिंग प्रारंभ कर देता है। <br />जैसे हमने आपसे सीख कर,आपकी छड़ी के डर से शुरु कर दी।<br /><br />अब सभी हमारे जैसे चेले थोड़ी हैं, जो आपके ईशारे को समझ जाएं। कोई काहु में मगन कोई काहु में मगन,मगन मतलब मगन<br /><br />जय हो।</b></i>ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-42060966954752929062010-07-28T13:06:18.392+05:302010-07-28T13:06:18.392+05:30@ प्रवीण पाण्डेय
यह सपना नहीं बल्कि सच है!@ प्रवीण पाण्डेय<br /><br />यह सपना नहीं बल्कि सच है!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-23464128985652005932010-07-28T12:52:01.408+05:302010-07-28T12:52:01.408+05:30...और यह सपना देखते देखते एलार्म बज गया।...और यह सपना देखते देखते एलार्म बज गया।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-10786258181203349442010-07-28T12:49:33.727+05:302010-07-28T12:49:33.727+05:30सटीक व्यंग....विचारणीय पोस्टसटीक व्यंग....विचारणीय पोस्टसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-35073415853577459902010-07-28T12:19:09.614+05:302010-07-28T12:19:09.614+05:30कोशिश तो बढ़िया थी पर ..............वैसे उन लोगो न...कोशिश तो बढ़िया थी पर ..............वैसे उन लोगो ने भी कुछ गलत नहीं कहा ! गिने चुने ब्लॉग ही तो है जो सार्थक ब्लॉग्गिंग के लिए जाने जाते है !शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-35081010282259212002010-07-28T10:57:17.852+05:302010-07-28T10:57:17.852+05:30गलत सवाल पूछ लिया.. उनको ब्लॉग लिखने के लिए बुलाना...गलत सवाल पूछ लिया.. उनको ब्लॉग लिखने के लिए बुलाना था.. एक पोस्ट लिखते... कमेन्ट के चक्कर में दूसरों की पोस्ट पर वाह वाह करते... फिर हॉट और कोल्ड के चक्कर में पड़ते.. कभी संकलको को गाली देते.. फिर अपना गुट बनाते चर्चा करते.. लिंकस के चक्कर में पड़ते.. सक्रियता के चक्कर में पड़ते... फर्जीवाडा सबको बताते... बेनामी बनाते.. लड़ते झगडते.. दोस्त बनाते.. दुश्मन बनाते.. कोर्ट की धमकी देते... टंकी पर चढ़ते.... कितना कुछ है न करने को.. <br /><br />यहाँ आता अपनी मर्जी है.. और जाने का मन ही नहीं करता.. फसे रहते.. :)रंजन (Ranjan)https://www.blogger.com/profile/04299961494103397424noreply@blogger.com