tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post483803122494043332..comments2024-02-01T17:17:24.739+05:30Comments on धान के देश में!: मोगरे की महक... खुले आकाश में झिलमिलाते तारे... और आँगन में रात्रि विश्राम...Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-33347842189148417722011-05-23T10:00:12.277+05:302011-05-23T10:00:12.277+05:30ऐसा ही बचपन हमारा था। पंखे तो घरों में एकाध ही होत...ऐसा ही बचपन हमारा था। पंखे तो घरों में एकाध ही होते थे और कूलर तो कोई जानता भी नही था। आंगन में सभी खाट डालकर सोते थे, पास ही बड़ा सारा मोगरे का बगीचा था, उसी की महक और ठण्डक तथा तारों को गिनना आज भी सकून देता है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-8754457543816238852011-05-23T04:17:58.429+05:302011-05-23T04:17:58.429+05:30बहुत सुन्दर आलेख ! अब तो आँगन वाले घर ही दुर्लभ हो...बहुत सुन्दर आलेख ! अब तो आँगन वाले घर ही दुर्लभ हो गये हैं ! शाम होते ही अपने घर के आँगन में भर भर बाल्टी पानी से छिड़काव करना ! फिर सबकी बान की चारपाइयाँ बिछा उन पर बिस्तर लगाना ! और फिर देर रात तक ट्रांजिस्टर पर तामीले इरशाद के भूले बिसरे गीत सुनना आपने सब याद दिला दिया ! आभार आपका !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-10831898385523513372011-05-22T08:33:56.548+05:302011-05-22T08:33:56.548+05:30मोगरे से सुवासित पोस्ट!मोगरे से सुवासित पोस्ट!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-28323460214703354362011-05-22T00:09:18.660+05:302011-05-22T00:09:18.660+05:30मोगरे की महक देने वाली नोस्टेलजिया पोस्ट...
जय हि...मोगरे की महक देने वाली नोस्टेलजिया पोस्ट...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-63986947779291365982011-05-21T21:46:13.190+05:302011-05-21T21:46:13.190+05:30बदलते समय और बीते दिनों का अच्छा कन्ट्रास्ट दिखाया...बदलते समय और बीते दिनों का अच्छा कन्ट्रास्ट दिखाया है आपने।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-71114064373460127792011-05-21T20:46:54.385+05:302011-05-21T20:46:54.385+05:30सिर्फ यादें ही रह जाती हैं पुरानी बातों की !!सिर्फ यादें ही रह जाती हैं पुरानी बातों की !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-33180086292034842792011-05-21T19:42:30.006+05:302011-05-21T19:42:30.006+05:30शीतल और खुशबू भरी पोस्ट.शीतल और खुशबू भरी पोस्ट.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-44923375277024971402011-05-21T19:39:08.364+05:302011-05-21T19:39:08.364+05:30आज तो सच ही बचपन की याद दिला दी ... अब घर भी कहाँ ...आज तो सच ही बचपन की याद दिला दी ... अब घर भी कहाँ हैं ऐसे जो आँगन में सोया जा सके ...<br />माचिस की डिब्बी जैसे घरों में क्या आसमां और क्या तारे देखें ?संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com