tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post5351360018927742825..comments2024-02-01T17:17:24.739+05:30Comments on धान के देश में!: आखिर धर्म क्या है?Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-74452233093394407172012-04-03T15:15:02.347+05:302012-04-03T15:15:02.347+05:30sir ji, chahe koi kuch bhi TIPPANI kare, ye jankar...sir ji, chahe koi kuch bhi TIPPANI kare, ye jankari achchhi hai.<br />AISE HI LAGE RAHIYE.MD. SHAMIMhttps://www.blogger.com/profile/15934816181549303390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-83064629622931034142009-09-18T21:35:56.798+05:302009-09-18T21:35:56.798+05:30भारत में धर्म किसी पद्धति का नाम नहीं रहा है। सन्म...भारत में धर्म किसी पद्धति का नाम नहीं रहा है। सन्मार्ग ही धर्म था। जिसे सनातन कहा गया था वह भी सनातन नहीं अपितु प्राचीन (द्रविड़) भारतीय धर्म और वैदिक धर्म का मिश्रण था। जिस में द्रविड़ संस्कृति के धर्म के तत्व हावी थे और आज भी प्रधान वे ही हैं। धर्म जो है वह तो तुलसीबाबा बता गए हैं। पर हित सरिस धरमु नहीं भाई!दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-72622276960763308462009-09-18T19:52:48.960+05:302009-09-18T19:52:48.960+05:30श्रीमान अवधिया जी नमस्कार,
बहुत ही बढ़िया बात लिख...श्रीमान अवधिया जी नमस्कार,<br /><br />बहुत ही बढ़िया बात लिखी है आपने, वैशनव, शैव और शक्त अलग -अलग धर्मं नही थे और ना ही अलग-अलग संप्रदाय, ये तो सिर्फ़ अपनी अपनी परम्परा थी, क्योंकि हिंदू कोई धर्म नही है, ये ख़ुद भी एक परम्परा है, मेरे समझ से धर्म तो उसे कहते है जिसको मानने वाले एक ही तरह से पूजा पद्धति पर भारोशा करते हैं ना की अलग-अलग, सिख धर्म है, इशाई एक धर्म है और ख़ुद इस्लाम भी एक धर्म hai , मगर हिंदू धर्म कंहा हैं, महाराष्ट्र मैं गणेश पूजा, तो साउथ इंडिया में पोंगल, तो बंगाल में काली पूजा तो उत्तर भारत में, दीवाली, छठ दसहरा, पूर्णिमा, पंजाब में वैशाखी और लोहरी आपस में समानता भी तो नही है , उत्तर भारत में राम-कृष्ण , दुर्गा और वैशनव तो साउथ में वेंकटेश तो गुजरात में द्वारिकदीश । अभी उत्तर भारत में नवरात्रे शुरू हो चुके हैं तो लोगो के घरो से लहसुन और प्याज तक गायब हो चुके हैं, लेकिन बिहार, बंगाल आसाम, उडीसा और नेपाल में तो नवरात्रों में जानवरों की बलि तक का प्रावधान है, तो कंहा से आप या कोई हिंदू को धर्म कहता है। हिंदू सदियों से चली आ रही एक परम्परा है जिसको लोग अलग-अलग तरीके से निभाते हैं। <br /><br />हिंदू तो हिंदू न कह कर के सनातन धर्म कहा जाए तो ज्यादे अच्छा रहेगा ।<br /><br />हिंदू शब्द की उत्त्पति भारत के लोगो के द्वारा नही बल्कि फारसियों के द्वारा की गई है, २५०० साल पहले जब फारसियों ने भारत पर आक्रमण करना शुरू किया तो उनका मुकाबला सबसे पहले सिन्धु नदी से हुआ, जिसका उच्चारण उनके द्वारा सिन्धु ना होकर के हिंदू हुआ, और वंही से हम हिंदू हो गए। <br /><br />इंडियन शब्द भी हमें दान में यूरोपियन लोगो ने दिया है , यूरोपियन लोगो नो सिन्धु नदी को इंदस रिवर कहा, वंहा से हम हो गये इंडियन .Taarkeshwar Girihttps://www.blogger.com/profile/06692811488153405861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-42542337772880831492009-09-18T19:46:33.845+05:302009-09-18T19:46:33.845+05:30जी.के. अवधिया,आप के विचार से सहमत हुं कि हम सब के ...जी.के. अवधिया,आप के विचार से सहमत हुं कि हम सब के रास्ते अलग अलग है, लेकिन उपर वाला एक है, अपने धर्म मै रह कर भी दुसरे के धर्म की इज्जत करो, सब धर्म बराबर है, लेकिन कई छेदी लाल इस बात को नही समझते, इस लिये आप इन से बहस ही मत करे, जेसा कोई करेगा, वेसा भरेगा, ठीक है भाई अगर आप का भगवान/ खुदा/ गोड हमारे मानने से बडा होता है, तो बहुत खुशी की बात है, ओर वो यह सिद्ध करना चाहते है कि उन का भगवान/ खुदा/ गोड इंसानो का मोहताज है कि आओ ओर हमारे आगे झुको....ओर जो नही झुकेगा उसे मेरे आदमी गोलियो से भुन देगे, सिर्फ़ मेरे आगे झुकने वाले ही जिन्दा रह सकते है, ... जो जबर्दस्ती लादा जाये वो धर्म नही हो सकता... जब्ररदस्ती तो ..... करते है<br />अब आप इस किस्से को यही खत्म करो मेरी आप से विनिती है.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-34613799807734248522009-09-18T17:42:00.334+05:302009-09-18T17:42:00.334+05:30अवधिया जी, आपने लिखा:
भारतवर्ष में मुख्यरूप से तीन...अवधिया जी, आपने लिखा:<br />भारतवर्ष में मुख्यरूप से तीन धर्म हुआ करते थे वैष्णव, शैव और शाक्त। <br />--<br /><br /><b>वैष्णव, शैव और शाक्त सम्प्रदाय थे, धर्म नहीं.</b>Saleem Khanhttps://www.blogger.com/profile/17648419971993797862noreply@blogger.com