tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post5650409283967445446..comments2024-02-01T17:17:24.739+05:30Comments on धान के देश में!: क्या वो भूत था या महज एक भ्रम? (अन्तिम भाग)Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-80040831843023492902019-06-24T22:52:32.657+05:302019-06-24T22:52:32.657+05:30Amarnath Mandir
Lal Qila
Jhansi Ka Kila
Paisa Kama...<a href="https://www.gkkhoj.com/amarnath-mandir" rel="nofollow">Amarnath Mandir</a><br /><a href="https://www.gkkhoj.com/lal-qila-red-fort-hindi" rel="nofollow">Lal Qila</a><br /><a href="https://www.gkkhoj.com/jhansi-ka-kila" rel="nofollow">Jhansi Ka Kila</a><br /><a href="https://www.itkhoj.com/paisa-kamane-wala-app" rel="nofollow">Paisa Kamane Wala App</a><br /><a href="https://www.gkkhoj.com/qutub-minar-hindi" rel="nofollow">Qutub Minar Hindi</a><br /><a href="https://www.gkkhoj.com/bhangarh-ka-kila" rel="nofollow">Bhangarh Ka Kila</a><br /><a href="https://www.gkkhoj.com/indore-rajwada" rel="nofollow">Indore Rajwada</a><br /><a href="https://www.gkkhoj.com/tirupati-balaji-mandir" rel="nofollow">Tirupati Balaji Mandir</a>Paise Ka Gyanhttps://www.blogger.com/profile/15340577986204047274noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-18081061631736346102009-11-12T10:27:45.787+05:302009-11-12T10:27:45.787+05:30प्रिय वत्स जी
युगों तक का समय ही कहाँ है हमारे पा...<b>प्रिय वत्स जी <br />युगों तक का समय ही कहाँ है हमारे पास ?<br /><br />सिर्फ दिसम्बर 2012 तक का ही समय है :)</b>प्रकाश गोविंदhttps://www.blogger.com/profile/15747919479775057929noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-90325795948282451622009-11-12T01:15:46.287+05:302009-11-12T01:15:46.287+05:30अवधिया जी, सच तो यह है कि अपने इस छोटे से मस्तिष्क...अवधिया जी, सच तो यह है कि अपने इस छोटे से मस्तिष्क के बूते पर हम लोग अपने आपको सर्वज्ञानी मानने की भूल करने लगते हैं...जब कि हमारी बुद्धि से परे इस प्रकार के अनन्त रहस्यों को प्रकृ्ति अपने गर्भ में समाए हुए है कि जिन्हे समझने के लिए शायद हमें युगों प्रतीक्षा करनी पडे ।Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-21516353060968920722009-11-12T00:12:58.975+05:302009-11-12T00:12:58.975+05:30वाह जी
सुब्रमणियम साहब खर्राटे लें तो आपको कोई सम...वाह जी <br />सुब्रमणियम साहब खर्राटे लें तो आपको कोई समस्या नहीं और अगर भूत खर्राटे ले तो आप इस कदर परेशान ? :)<br /><br />मैंने सोचा था कि आप पोस्ट के नीचे यह अवश्य लिखेंगे : इस घटना के सभी पात्र काल्पनिक हैं ... वगैरह...वगैरह <br /><br />ज्यादा कुछ कहना उचित नहीं ...... बहुत ज्यादा इस विषय पर बोल चूका हूँ ! <br />आत्म मंथन करिए और सत्यान्वेषी बनिए ! <br />हर तीसरे आदमी के पास यहाँ कोई न कोई भूत-प्रेत, तंत्र-मन्त्र वगैरह के दो-चार का किस्से हैं ! <br /><br />बस बहुत ही छोटी से बात : <br />अगर भूत-प्रेत ... आत्माओं में एक माचिस की तीली जलाने भर की शक्ति होती तो दुनिया कब की ख़त्म हो जाती !प्रकाश गोविंदhttps://www.blogger.com/profile/15747919479775057929noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-70494057804007642172009-11-11T22:40:01.244+05:302009-11-11T22:40:01.244+05:30जी.के. अवधिया जी बहुत सुंदर लिखा आप ने, मै नही मान...जी.के. अवधिया जी बहुत सुंदर लिखा आप ने, मै नही मानता ओर ना ही इन्कार करता हुं ऎसी बातो से, लेकिन एक बार मेरे ओर मेरी मां ने जो देखा वो क्या था?<br />पढिये <a href="http://sikayaat.blogspot.com/2009/11/blog-post.html" rel="nofollow"> मुझे शिकायत है </a> परराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-51639874193820710342009-11-11T14:06:32.362+05:302009-11-11T14:06:32.362+05:30अवधिया जी मेरा मन्तव्य है कि "भुत" वह है...अवधिया जी मेरा मन्तव्य है कि "भुत" वह है जो बीत चुका है फ़िर वह वापस आता नही। कभी-कभी भ्रम की स्थिति पैदा होने के कारण हमे लगता है कि कुछ अदृश्य घट रहा है। उस समय हम क्या सोच रहे हैं-हमारी मन: स्थिति क्या है यह इस पर निर्भर करता है। मेरे साथ ये हो चुका है। कभी किसी पोस्ट मे उस पर चर्चा अवश्य करुंगा, ऐसे बदनाम स्थानो को मैने नोट कर रखा है जहां मुझे जाना है, और रात भर रुक कर देखना है, अगर आप भी चलेंगे तो मुझे फ़ोन करना दोनो साथ मे ही रहेंगे अपने 36 गढ मे ही है।ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-90663262787765266622009-11-11T13:44:48.114+05:302009-11-11T13:44:48.114+05:30भ्रम था या नहीं पर कुछ तो जरुर रहा होगा ..किस्सा र...भ्रम था या नहीं पर कुछ तो जरुर रहा होगा ..किस्सा रोचक लिखा है आपने ...रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-31814003497149009922009-11-11T13:24:24.240+05:302009-11-11T13:24:24.240+05:30अवधिया जी वैसे मैने यह पोस्ट पढ ली थी लेकिन इसमे ...अवधिया जी वैसे मैने यह पोस्ट पढ ली थी लेकिन इसमे ऐसा कुछ टिप्पणी करने लायक मुझे लगा नही इसलिये अगे बढ गया था । दर असल अन्द्धश्रद्धा निर्मूलन का काम बहुत बढ चुका है और एक एक व्यक्ति को समझाना बहुत मुश्किल है । जब तक हम अपने आप से reasoning नही करेंगे तब तक खुद ही इन सब से नही निकल पायेंगे । इस पोस्ट मे प्रस्तुत हर सम्भावना का उत्तर है ..लेकिन यहाँ बहस सम्भव नही है । मै ब्लॉग "ना जादू ना टोना " पर कुछ समय बाद कुछ सम्वाद शुरू करूंगा । प्लेंचिट का मुख्य कारण उंगलियो से चलने वाला रक्त प्रवाह है। आप नाखून की ओर से कटोरी या जो कुछ भी करते है उसे टच कीजिये कोई प्रतिक्रिया नही होगी । मैने बरसो यह किया है । फिर कभी लिखूंगा इस पर ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-82264378377690657472009-11-11T12:43:04.179+05:302009-11-11T12:43:04.179+05:30खुश्दीप जी सही कह रहे हैं । ये सत्य भी हो सकता है ...खुश्दीप जी सही कह रहे हैं । ये सत्य भी हो सकता है मगर फिल्म बन गयी तो चलेगी जरूर भेjजिये अपनी कहानी किसी प्रोडिइसर को । वैसे होते जरूर हैं भूत कुछ तो है सच इसमे। शुभकामनाये<निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-73666985257679326672009-11-11T12:39:31.700+05:302009-11-11T12:39:31.700+05:30संवाद प्रकाशित करने का बहुत धन्यवाद अवधिया जी.
ल...संवाद प्रकाशित करने का बहुत धन्यवाद अवधिया जी. <br /><br />लवलीL.Goswamihttps://www.blogger.com/profile/03365783238832526912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-13659935035767522182009-11-11T12:35:11.960+05:302009-11-11T12:35:11.960+05:30कल के मेरे पोस्ट के सन्दर्भ में लवली कुमारी जी तथा...कल के मेरे पोस्ट के सन्दर्भ में लवली कुमारी जी तथा मेरे बीच मेल के द्वारा कुछ संवाद हुआ था। लवली जी के आग्रह के अनुसार मैं उस संवाद को इस टिप्पणी में प्रकाशित कर रहा हूँ:<br /><br />आपने कभी जुंग (कार्ल गुस्ताव जुग- स्विस मनोवैज्ञानिक )को पढ़ा है (पिछली पोस्ट के सन्दर्भ में)?<br /><br />-मैंने जुंग महोदय को नहीं पढ़ा है।<br /><br />-मानव मन और धर्म(पौराणिक साहित्य भी कह सकते हैं )से इसके संबंध की गुथ्थियाँ समझने के लिए सबसे सटीक हैं वे ..कभी पढिएगा ..अगर इसमें दिलचस्पी हो .किताब का नाम है - Man And His Symbols by Carl Gustav Jung,<br /><br />-धन्यवाद लवली जी! अवश्य प्रयास करूँगा पढ़ने की। आज के पोस्ट का दूसरा और अन्तिम भाग अभी ही लिखकर समाप्त किया हूँ। पोस्ट तो कल करूँगा पर आपके पढ़ने के लिये इस मेल के साथ अटैच कर रहा हूँ। पढ़कर कृपया अपने विचार बताइयेगा।<br /><br /> - पढ़ लिया है .. हो सकता है कोई मनुष्य रहा हो..कई बार खालीजगहों में विक्षिप्त लोग आकर बसेरा बना लेते हैं ..कई बार हमें गलतफहमिया हो जाती है.कई बार इन सब के पीछे षडयंत्र होते हैं ..कई बातें हैं.<br /><br />-लवली जी, आप कहती हैं तो मैं मान लेता हूँ। किन्तु तीन हफ्ते तक वहाँ रह कर हमें उस व्यक्ति का पता न चले यह तो हो ही नहीं सकता। मैं और सुब्रमणियम साहब दोनों ही ने हर प्रकार से तहकीकात की थी। मैं अन्धविश्वासी नहीं हूँ किन्तु मेरे जीवन में दो-तीन घटनाएँ ऐसी हुई हैं जो मुझे विवश करती हैं कि कई बातें ऐसी हैं जिन्हें हम आज तक समझ नहीं पाये हैं।<br /><br />आप मनोविज्ञान में रुचि रखती हैं यह मैं जानता हूँ पर परामनोविज्ञान में आपकी रुचि है या नहीं, नहीं जानता। कई साल पहले मैंने राजस्थान के किसी विश्वविद्यालय में पढ़ाई जाने वाली परामनोविज्ञान की पुस्तक, लेखक शायद कोई यादव जी थे, पढ़ी थी जिसमें ऐसी बातों का बहुत अच्छा विश्लेषण उदाहरण के साथ किया गया था।<br /><br />लगभग डेढ़ साल पहले मैंने प्लेंचेट पर एक पोस्ट लिखी थी <a href="http://dhankedeshme.blogspot.com/2008/06/blog-post.html" rel="nofollow"><b>"आत्माओं से बातचीत"</b></a>। उस पोस्ट में भी आपने अपनी टिप्पणी में की थी। आपको विश्वास नहीं हुआ था उसकी सच्चाई पर शायद आपने मेरा मान रखने के लिये सिर्फ आश्चर्य व्यक्त किया था। किन्तु विश्वास मानिये वह मेरा अपना सच्चा अनुभव था और यह पोस्ट भी मेरा सच्चा अनुभव है।<br /><br />अस्तु, मैं इसे बहस बनाकर किसी को जबरन विश्वास नहीं दिलाना चाहता क्योंकि ऐसा करने में किसी का भी कोई फायदा नहीं है।<br /><br />-मैं भी जबरन किसी को यकीन दिलाने में विश्वाश नही रखती ..मैंने हर -बार इन चीजों को मानसिक जटिलता से सम्बंधित ही पाया है ..कई जगह ..कई आयामों में ..खैर आपसे बात करके अच्छा लगा मैं वहां नही थी इसलिए कुछ नही कहूँगी पर कभी आपसे मिलना हुआ ..मैं चाहूंगी आप ऐसे प्रयोग कर के मुझे दिखाएँ, अगर दिखा सकते हैं.<br />मैंने कई मास हिस्टीरिया से ग्रसित लोगों के रोग का इलाज भी किया है( तांत्रिक बनकर ) ....ब्राह्मण परिवार से हूँ ..इसलिए इन चीजों को समझने का बहुत मौका मिला ..खैर आगे भी देखा जाएगा<br />-संवाद का धन्यवाद ..कभी मिलना हुआ तो प्लेंचेट का प्रयोग करके दिखाने का प्रयास अवश्य करूँगा। ऐसे प्रयोग करना मैंने कई सालों से छोड़ दिया है इसलिये फिर से करने में आनन्द आयेगा।<br /> - ध्यान रखूंगी ..कभी मौका मिला तब उधर (आपके राज्य की ओर )आने का .<br /><br />-स्वागत है आपका! मुझे आपसे मिलकर बहुत खुशी होगी।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-48876012729739799312009-11-11T12:30:49.159+05:302009-11-11T12:30:49.159+05:30अवधिया साहब रोचक वर्णन, अभी कुछ महीने पहले इसी संब...अवधिया साहब रोचक वर्णन, अभी कुछ महीने पहले इसी संबंद में मैंने एक अग्रेजी ब्लॉग जी न्यूज़ की वेब साईट पर पढा था, वह भी बड़ा रोचक था ...Ghosts.....Are they ? यहाँ लिंक दे रहा हूँ कोई पढने का इच्छुक हो तो http://www.zeenews.com/blog/12/blog181.htmlपी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-38218166807054690352009-11-11T12:03:56.655+05:302009-11-11T12:03:56.655+05:30कृपया हम दोनों के बीच हुए संवाद का का कुछ अंश जो इ...कृपया हम दोनों के बीच हुए संवाद का का कुछ अंश जो इस पोस्ट से संबधित है यहाँ दे दीजिए ..अगर आपको कोई समस्या न हो तब ..इसे अनुरोध समझें ..<br />सादर<br />लवलीL.Goswamihttps://www.blogger.com/profile/03365783238832526912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-39787151546143354942009-11-11T11:57:33.292+05:302009-11-11T11:57:33.292+05:30Aadarniya Awadhiya ji....
mujhe yaqeen hai wo bho...Aadarniya Awadhiya ji....<br /><br />mujhe yaqeen hai wo bhoot hi tha.... par achcha bhoot tha..... insaan raha hoga.... <br /><br />waise mujhe bahut dar lagta hai bhooton se..... agar zara sa darwaaza bhi choooon kar ke bolta hai to mera dil halak mein aa kar atak jata hai....<br /><br />abhi teen chaar din pehle ki baat hai....internet par hi ek bhoot ki foto dekh li thi..... raat ke 1 baje...... phir dar ke maare poori raat nahi soya.....<br /><br /><br />chalte-chalte bada mazedaar raha....डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-10866382209541639362009-11-11T11:47:09.608+05:302009-11-11T11:47:09.608+05:30अगर आप भयभीत न होंगे तो भूत नुकसान नहीं पहूँचाएगा....अगर आप भयभीत न होंगे तो भूत नुकसान नहीं पहूँचाएगा. जिनको भूत परेशान करते है उन्हे कोई न कोई मानसिक बिमारी होती है.<br /><br /><br />फिर भी भूत के साथ इतने दिनों तक रह लेना कम बहादुरी का काम नहीं था.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-62383312878230990972009-11-11T11:06:26.626+05:302009-11-11T11:06:26.626+05:30अभी तक मैने भूत के जितने भी किस्से सुने थे .. अधि...अभी तक मैने भूत के जितने भी किस्से सुने थे .. अधिकांश किस्से भय के भ्रम होने से ही संबंधित थे .. एकाध किस्से जरूर भूत से संबंधि सत्य को उजागर करते थे .. पर बतानेवाले का व्यक्तित्व इतना प्रभावशाली नहीं था .. कि उसपर विश्वास किया जा सकता था .. पिछले साल मेरे बेटे ने दिल्ली के अपने होस्टल में इस तरह के भ्रम होने के कई किस्से सुनाए .. होस्टल में रहनेवाले सभी बच्चों को वहां भूत के होने का अहसास हो गया था .. पर अपने बेटे पर भी मैं विश्वास न कर सकी .. मुझे लगा कि पहली बार घर से निकले बच्चे के मन में इस तरह का भय बनना स्वाभाविक है .. पर आपकी इन दोनो कडियों ने तो सचमुच सोंचने को मजबूर कर दिया है .. पर एक हिम्मत भी मिली .. भूत व्यक्ति के साथ कुछ बुरा ही कर देते हैं .. इसकी पुष्टि न आपसे हुई न ही अपने बेटे से .. भूत से भयभीत न होने के लिए इतना भी कम नहीं !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-30090374974320438042009-11-11T10:48:48.084+05:302009-11-11T10:48:48.084+05:30अवधिया जी,
क्या राम गोपाल वर्मा से हॉरर सीरीज़ की ...अवधिया जी,<br />क्या राम गोपाल वर्मा से हॉरर सीरीज़ की अगली फिल्म की कथा-पटकथा लिखने का बयाना ले लिए हैं...या ब्लॉगर्स बच्चों को डराने की कसम खा ली है...ठंड में भी रौंगटे खड़े कर दिए...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.com