tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post7334178488405299402..comments2024-02-01T17:17:24.739+05:30Comments on धान के देश में!: कौन है रे हरि तू? ... साँप है या वानर है कि विष्णु है या साक्षात् यमराज!Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-69496079663406753932021-08-30T14:34:07.626+05:302021-08-30T14:34:07.626+05:30यह अमरकोश ग्रन्थ नहीं है. मेरे विचार से अमर सिंह न... यह अमरकोश ग्रन्थ नहीं है. मेरे विचार से अमर सिंह ने "अमर कोष "ग्रन्थ लिखा था. aviphttps://www.blogger.com/profile/17891394492026440478noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-26820161910809669302009-10-30T20:27:38.675+05:302009-10-30T20:27:38.675+05:30हम तो यह पोस्ट पढ़ हरियरा गये! :)हम तो यह पोस्ट पढ़ हरियरा गये! :)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-13691689407103529032009-10-30T02:02:19.904+05:302009-10-30T02:02:19.904+05:30ये अपनी भाषा का ही कमाल है..जिस पर कि कोई भी गर्व ...ये अपनी भाषा का ही कमाल है..जिस पर कि कोई भी गर्व कर सकता है..ऎसी विशालता और ग्राह्यता शायद विश्व की अन्य किसी भाषा में नहीं मिल सकती ।<br />सुन्दर पोस्ट्!Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-46300490729464288522009-10-29T19:56:04.688+05:302009-10-29T19:56:04.688+05:30पोस्ट का शीर्षक देखकर तो मैं चकरा गया था ..... पोस...पोस्ट का शीर्षक देखकर तो मैं चकरा गया था ..... पोस्ट पढ़ी तो माजरा समझ मैं आया .... <br /><br />बहुत अच्छा लगा ... कुछ और गूढ़ हिंदी शब्दों का अर्थ समय समय पर बताते रहें, तो हमारे ज्ञान मैं कुछ वृद्धि होगी ...Rakesh Singh - राकेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/03770667837625095504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-87915984371279907292009-10-29T17:29:00.770+05:302009-10-29T17:29:00.770+05:30बहुत सुन्दर लगा जानकारी भरा और गर्व भी हुआ हिन्दी ...बहुत सुन्दर लगा जानकारी भरा और गर्व भी हुआ हिन्दी भाषी होने का.<br />हिन्दी जितना समृद्ध है उतना ही वैज्ञानिक भीM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-11209950037931203982009-10-29T17:03:22.691+05:302009-10-29T17:03:22.691+05:30अवधिया जी, बहुत सुंदर लगा आप का लेख, कही पढा था क...अवधिया जी, बहुत सुंदर लगा आप का लेख, कही पढा था कि जो उस परमात्मा को उस ऊपर वाले को पा गया, लोग उसे पा गल यानि पागल समझते है, क्योकि फ़िर उस पागल को हर चीज मै बस उसी का रंग दिखता है, बस उस हरि का, या जिसे भी वो मानाता है, वरना तो मेरे जेसे जड बुद्धि लोग <b>मै ओर मेरे के </b> पिछे ही भागते रहते है, जिस दिन तेरा ही तेरा कहना आ गया, वो आदमी तर गया.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-78330798012485162752009-10-29T16:22:28.343+05:302009-10-29T16:22:28.343+05:30अवधिया जी, आपको अपने 'धान के देश में' से प...अवधिया जी, आपको अपने 'धान के देश में' से प्यार हो गया है और उसे ही चलने देंगे, ऐसा आपने मुझे लिखा है। तो मुझे भी अपने धान के देश से प्रेम हो गया है हालांकि वह आपको देने को ही था, इतना मजा मुझे कभी ना आया जितना धान के देश में आया, आप यह कमेंटस पब्लिश कर लेते हैं तो यह आमजन के लिये भी अच्छा रहेगा, कि आगे जब में अवधिया चाचा का प्रयोग करूं तब वह यह ना समझें कि हमारे नये रिश्ते में कोई खोट है,<br /><br />आपके अलावा <br />सबका अवधिया चाचा<br />जो कभी अवध नहीं गयाअवधिया चाचाhttps://www.blogger.com/profile/03952147312570669352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-2369556760932798432009-10-29T14:18:33.009+05:302009-10-29T14:18:33.009+05:30हमारी हिंदी भाषा पे हमे गर्व है,क्योंकि यह समृद्ध ...हमारी हिंदी भाषा पे हमे गर्व है,क्योंकि यह समृद्ध है व्यापक है एक शब्द के सैकड़ों पर्यायवाची हैं और हमे आवश्यक्ता है तो हम नवीन शब्दों का निर्माण भी कर सकते है। ऐसी व्यवस्था हमारे व्याकरण मे है, अवधिया जी आपने काफ़ी पुराना अमरकोष सहेज रखा है, और "लेट" आने वाला कार्यक्रम मतलब स्लाग ओवर भी धांसु है,<br />जेठौनी के गाडा-गाडा बधई "कुशि्यार"आगे हो ही अड़-बड़ मांह्गी होगे हवय्। 20-30 जोड़ी हो गे हे।ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-26244724835755184782009-10-29T11:47:16.906+05:302009-10-29T11:47:16.906+05:30सुन्दर हरी चर्चा के लिये धन्यवाद्सुन्दर हरी चर्चा के लिये धन्यवाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-38780352288189055342009-10-29T11:16:57.434+05:302009-10-29T11:16:57.434+05:30skool ke dino kee yaad dilaa dee
हम इस तरह से कह...skool ke dino kee yaad dilaa dee <br /><br />हम इस तरह से कहते थे इस दोहे को :<br /><br />हरि बोले, हरि ने सूना, हरि गए हरि के पास <br />हरि भागे, हरि में गिरे, हरि हो गए उदासपी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-10217139177874154282009-10-29T11:00:39.808+05:302009-10-29T11:00:39.808+05:30हरि अवधिया जी को खुशदीप हरि का साधुवाद कि आपने हरि...हरि अवधिया जी को खुशदीप हरि का साधुवाद कि आपने हरि नाम की महिमा का इतना सुंदर बखान किया...सारे ब्लॉगर भी आपको हरि नज़र नहीं आते...मेंढक को देखकर सर्प हर्षित हो गया...ऐसे ही किसी दूसरे ब्लागर की पोस्ट देखकर उसे सर्प की तरह खाने का मन नहीं करता क्या कभी-कभी...<br /><br />जय हिंद...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-16650282587299706152009-10-29T10:58:42.924+05:302009-10-29T10:58:42.924+05:30वाकई हिन्दी पर जितना गर्व किया जाये कम है, हम भी ...वाकई हिन्दी पर जितना गर्व किया जाये कम है, हम भी उर्दू से इधर ही आके लेट गये, अब इससे जाने का मन नहीं है, हालांकि पलान है कि पर्सियन की तरफ जाउंगा, कुछ कहीं कर्ण नगरी बारे में कुछ हो तो बताईया, कैराना के हिन्दू दोस्त उसे कर्णनगरी कहते हैं पर कुछ उस विषय में आगे बता नहीं पाते,Mohammed Umar Kairanvihttps://www.blogger.com/profile/06899446414856525462noreply@blogger.com