tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post7721058590824017674..comments2024-02-01T17:17:24.739+05:30Comments on धान के देश में!: बिना बात कोई नापसंद का चटका लगाता है क्या?Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comBlogger29125tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-35154917442488805622010-05-01T00:13:22.324+05:302010-05-01T00:13:22.324+05:30यह चटका हटा देना चाहिये ।यह चटका हटा देना चाहिये ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-88732184745481321592010-04-29T09:53:21.810+05:302010-04-29T09:53:21.810+05:30नापसंद तो आपकी लोकप्रियता का पैमाना है...
जितने ज़...नापसंद तो आपकी लोकप्रियता का पैमाना है...<br />जितने ज़्यादा नापसंदगी के चटके, मतलब उतने ही ज़्यादा आपसे जलने वाले...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-71430298794344116842010-04-29T01:00:32.475+05:302010-04-29T01:00:32.475+05:30आजकल तो इन लोगों की हम पर भी बहुत भारी कृ्पादृ्ष्ट...आजकल तो इन लोगों की हम पर भी बहुत भारी कृ्पादृ्ष्टि बनी हुई है....हर पोस्ट पर कम से कम 1-2 नापसंद तो दर्ज हो ही जाती है......Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-31475385837432048162010-04-29T00:18:37.281+05:302010-04-29T00:18:37.281+05:30अनिल पुसड़कर भैया ...सही कह रहे हैं..... :)अनिल पुसड़कर भैया ...सही कह रहे हैं..... :)डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-51353531367264388152010-04-28T23:25:01.784+05:302010-04-28T23:25:01.784+05:30क्या जी, आप भी ना.. पता नहीं काहे उदास हो रहे हैं....क्या जी, आप भी ना.. पता नहीं काहे उदास हो रहे हैं.. हम तो बहुत खुश हैं.. मेरी पिछली पोस्ट पर पहली बार किसी ने नापसंद का बटन दबाया था.. आखिर मेरा भी खाता खुल गया.. :)PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-80160995908963131292010-04-28T22:38:05.434+05:302010-04-28T22:38:05.434+05:30ये नापसंद का चटका तो कई बार अपनी भी पोस्ट को मिल ज...ये नापसंद का चटका तो कई बार अपनी भी पोस्ट को मिल जाता हैराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-38179337555036504732010-04-28T18:59:25.338+05:302010-04-28T18:59:25.338+05:30आप सही कह रहे हैं, पिछली दो पोस्टों पर मेरे भी ना...आप सही कह रहे हैं, पिछली दो पोस्टों पर मेरे भी नापसन्द का छोंक लग रहा है जबकि उन पोस्टों में ऐसा कुछ भी नहीं था। अभी चार दिन पहले पोस्ट लिखी थी उसमे ब्लागवाणी ने फोटो ही हटा दिया तो पोस्ट पढ़ी ही नहीं गयी और जब हॉट लिस्ट में आयी ही नहीं तो नापसन्द का चटका भी नहीं लगा। अभी एक पोस्ट डाली है, अमेरिका जा रही हूँ तो राम-राम करने को, देखना है कि उसमें भी फोटो चिपकता है या नहीं और नापसन्द कितने आते हैं?अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-50019477379013197202010-04-28T18:57:54.747+05:302010-04-28T18:57:54.747+05:30माफ़ कीजिये
पसंद ,नापसंद ,हिटलिस्ट में आना या ना ...माफ़ कीजिये <br />पसंद ,नापसंद ,हिटलिस्ट में आना या ना आना-ये सब किसी बात का परिचायक है क्या?क्या यंहा कोई प्रतियोगिता हो रही है?दीपक गर्गhttps://www.blogger.com/profile/10555340998096275789noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-83278099704858522152010-04-28T18:37:55.836+05:302010-04-28T18:37:55.836+05:30पाब्ला जी सही कह रहे है.पाब्ला जी सही कह रहे है.Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-46861787756973405682010-04-28T17:09:42.385+05:302010-04-28T17:09:42.385+05:30... लगता है इन "नापसंदी लाल" लोगों को भी...... लगता है इन "नापसंदी लाल" लोगों को भी देखना पडेगा ... ब्लागजगत में कचडा बहुत हो गया है !!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-43309871181729443922010-04-28T15:06:20.992+05:302010-04-28T15:06:20.992+05:30अवधिया जी,
मैंने तो ब्लॉगर साथियों के जनमदिन और व...अवधिया जी,<br /><br />मैंने तो ब्लॉगर साथियों के जनमदिन और वैवाहिक वर्षगांठ वाली पोस्टों पर भी नापसंद लगते देखा है<br /><br />लगता है कोई ऊपर वाले से भी खुश नहीं है :-)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-88843779033137159482010-04-28T14:50:28.421+05:302010-04-28T14:50:28.421+05:30पसन्द नापसन्द पसन्द नापसन्द लेकिन कोई बताये तो सही...पसन्द नापसन्द पसन्द नापसन्द लेकिन कोई बताये तो सही कि यह चटका लगाना केसे ओर कहां है, इस मुर्ख को तो यही नही पता की यह चटखा कहा लगता है, कोन सी जगह पर, एक बार बता दो फ़िर अपना काम सुबह से शाम तक बस चट्खा लगाने का ही होगा, जाहिर है पसंद का तो होगा नही....:)राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-86487705218837856592010-04-28T14:36:22.983+05:302010-04-28T14:36:22.983+05:30आज तो बड़ा आनंद का दिन लग रहा है।
हमारी पोस्ट पर 3...आज तो बड़ा आनंद का दिन लग रहा है।<br /><br />हमारी पोस्ट पर 3 नापसंद के चटके लग चुके हैं।<br />जहां एक कोई पसंद करता है तो वहीं एक नापसंद भी दर्ज हो जाती है। वैसे यह काम प्रतिदिन का ही है। लेकिन आज कुछ ज्यादा कृपा हो रही है।<br /><br />कल से पसंद दर्ज करना बंद किजिए।<br />हम भी देखते हैं की नापसंद करने वाले कहाँ तक जा सकते हैं।<br /><br />अब इनकी पहचान करने का समय आ ही गया है।ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-56341812695623328032010-04-28T14:26:20.435+05:302010-04-28T14:26:20.435+05:30अवधिया जी ,बात आप माकूल कर रहे हैं ,अब देखिये न आज...अवधिया जी ,बात आप माकूल कर रहे हैं ,अब देखिये न आज मेरे पोस्ट ॐ शांति शांति शांति पर ही दो नापसंद लग गये हैं और मुझे ये मालूम है की कौन कर रहे /रही हैं! <br />मैं एक बार अनुरोध कर भी चुका हूँ की इस स्वाध्हेंता का लोग आपसी खुन्नस निकालने में सदुपयोग कर रहे हैं !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-47161244510525810342010-04-28T13:48:47.051+05:302010-04-28T13:48:47.051+05:30सर किसी भी नए प्रयोग और सुविधा के साथ उसके उपयोग औ...सर किसी भी नए प्रयोग और सुविधा के साथ उसके उपयोग और दुरूपयोग की आशंका भी बन ही जाती है , होने दें जो रहा है , सबसे अहम बात है लेखन ही सर्वोपरि है और वही शाश्वत भी है । पाठक भी जब हम आप ही हैं तो कुछ भी छुपा हुआ नहीं है इसलिए जो हो रहा है होने दीजीए , वैसे इस पसंद नापसंद के मनोविज्ञान को सही ढंग से उतार दिया आपनेअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-75557323912921974902010-04-28T13:46:39.155+05:302010-04-28T13:46:39.155+05:30कुछ तो राज़ है ही,इन नापसंद के चटकों की....पर इस स...कुछ तो राज़ है ही,इन नापसंद के चटकों की....पर इस से कौन सा संतोष मिलता है,नापसंद का चटका लगाने वालों को...पढने वाले फिर भी पढ़ते ही हैं और जिन्हें नहीं पढना ..वो तो नहीं ही पढेंगे...चाहे १० पसंद के चटके लग जाएँrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-20307520323971007472010-04-28T13:26:33.821+05:302010-04-28T13:26:33.821+05:30bhavesh jee ki baat se sahmat.
@ rajkumar soni je...bhavesh jee ki baat se sahmat.<br /><br />@ rajkumar soni jee, kya dhansu baat kahi hai aapne ;) jis din avadhia jee bhi din me 3 bar phone karenge blog jagat ke bare me to unhe bhi salaah de dunga ;)Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-41811878899478774542010-04-28T12:51:23.694+05:302010-04-28T12:51:23.694+05:30बदनाम हुए तो क्या हुआ ! नाम तो फिर भी हुआ
अगर आप ...बदनाम हुए तो क्या हुआ ! नाम तो फिर भी हुआ <br />अगर आप से लोग जलने लगें.... आपकी अनुपस्थिति में आपकी चर्चा करने लगें तो समझ लीजिए कहीं कहीं आप तरक्की कर रहे हैं ... <br />नापसंन्दी को भी पसंद करिये ... ये तो दुनिया है <br />होता है......... चलता है ..........<br />-------------------<br />मै वर्ड प्रेस पर लिखता हूँ लेकिन इस टिप्पणी बॉक्स में गूगल के अलावा कहीं से टिप्पणी करने की सुविधा नहीं है ... कृपया सारे विकल्प खोलेंPadm Singhhttps://www.blogger.com/profile/17831931258091822423noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-23303072406853651862010-04-28T12:51:08.503+05:302010-04-28T12:51:08.503+05:30आपने बिलकुल सही कहा अवधिया जी। मैने भी अपने ब्लाग ...आपने बिलकुल सही कहा अवधिया जी। मैने भी अपने ब्लाग ‘प्रेम रस’ में एक एक्सिडेंट में बुरी तरह घायल व्यक्ति के बारे में लिखा था। हालांकि उस व्यक्ति को हमदर्दी और मदद की बहुत आवश्यकता है, परंतु उसमें भी लोगो ने नापसंद का चटका लगा दिया। मुझे समझ में नहीं आया कि इसमें नापसंद वाली क्या बात हो सकती है?Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-9608262640658590142010-04-28T12:50:47.332+05:302010-04-28T12:50:47.332+05:30पसन्द नापसन्द की अवधारणा ही उचित नहीं है. पोस्ट के...पसन्द नापसन्द की अवधारणा ही उचित नहीं है. पोस्ट के पसन्द या नापसन्द को टिप्पणियों में जाहिर किया जा सकता है. फिर यह खुन्नस निकालने का हथियार ही क्यों?M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-25223148144702274872010-04-28T12:42:19.404+05:302010-04-28T12:42:19.404+05:30अजी बच्चों का खेल है, खुराफात है. बस.अजी बच्चों का खेल है, खुराफात है. बस.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-33101230377607291912010-04-28T12:41:48.318+05:302010-04-28T12:41:48.318+05:30यहाँ सब चलता है, बाबूजी !यहाँ सब चलता है, बाबूजी !शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-27093484341289193032010-04-28T12:25:20.658+05:302010-04-28T12:25:20.658+05:30अवधिया जी
पसन्द-नापंसन्द का खेल तो अपनी समझ में नह...अवधिया जी<br />पसन्द-नापंसन्द का खेल तो अपनी समझ में नहीं आता। हम तो यही लगता है कि जिसको पढ़ना होगा वह पढ़ेगा और जिसको नहीं पढ़ना होगा वह नहीं पढ़ेगा। वैसे भी अपसंस्कृति के इस बुरे दौर में लोग पढ़ते कम देखते ज्यादा है। मैं आपको क्या समझाऊंगा और सलाह दूंगा आप ब्लाग की दुनिया में मुझसे सीनियर है। ऐसे कई तमाशे आपने देखे होंगे। खैर.. मै संजीत त्रिपाठी से बोलता हूं कि वह आपको कुछ सलाह दे। आजकल वे खूब अच्छी सलाह देते हैं। मैं उनसे सलाह नहीं भी मांगता हूं तब भी वे सलाह देकर ही दम लेते हैं। एक बार टाटा और बिड़ला को भी उन्होंने सलाह दी थी। उनकी सलाह के बाद ही उनका धंधा चार गुना फैल गया है। भेजता हूं सलाह देने वाले बाबा को।राजकुमार सोनीhttps://www.blogger.com/profile/07846559374575071494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-8170664170681731392010-04-28T11:32:13.955+05:302010-04-28T11:32:13.955+05:30आपका धन्यवाद भईया...की आपने मेरी टिपण्णी को इतना स...आपका धन्यवाद भईया...की आपने मेरी टिपण्णी को इतना सम्मान दिया...<br />नापसंद का चटका अब पोस्ट की सार्थकता पर नहीं है बल्कि किसकी पोस्ट है उस पर है...अब आज मैंने एक पोस्ट लिखी.... अपने बच्चे के चोट लगने पर..भला इसमें ऐसी नापसंदगी वाली क्या बात थी...मैंने अपने बच्चे की और अपनी पीड़ा ही तो बांटनी चाही थी अपने ब्लॉग मित्रों के साथ....लेकिन उसपर भी नापसंद का चटका.....!!! :)<br />खैर इससे न तो तो मेरे पाठकों को कोई फर्क पड़ेगा न ही मुझे....लेकिन कुछ कलुषित मनवाले लोग हैं ...जिनके भी बच्चे होंगे...मैं उनके प्रति कोई दुर्भावना नहीं रख रही हूँ लेकिन ...सोच रही हूँ, क्या ब्लोगिंग किसी का मानसिक स्तर इतना गिरा सकता है....??<br />अगर ऐसा है तो मुझे उस व्यक्ति के प्रति बहुत सहानुभूति है....जो स्वयं अपने चरित्र का हनन मेरी हर पोस्ट के साथ कर रहा है...और अपनी ही नज़र में हर दिन गिर रहा है....बेचारा...!!स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-47231081330168335512010-04-28T11:29:16.274+05:302010-04-28T11:29:16.274+05:30ab hataa diyaa maine to (5) dikhane lagaa :)ab hataa diyaa maine to (5) dikhane lagaa :)पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.com