tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post8078780469898870956..comments2024-02-01T17:17:24.739+05:30Comments on धान के देश में!: आना लंगूर के हाथ में हूर का ... बाद में पछताना लंगूर काAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-30199826602307631692010-03-16T15:12:56.549+05:302010-03-16T15:12:56.549+05:30वाकी बडा मजेदार लिखा आपने आशा करता हूं कि आपको मेर...वाकी बडा मजेदार लिखा आपने आशा करता हूं कि आपको मेरा पोस्ट पंसद आएग http://bit.ly/bKBPW2manojsahhttps://www.blogger.com/profile/16181820887818582962noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-64778371993497268072010-03-16T12:24:59.889+05:302010-03-16T12:24:59.889+05:30हूर के चक्कर मे फ़ंस गए जरुर
हूर तो हूर रह गई बन गए...हूर के चक्कर मे फ़ंस गए जरुर<br />हूर तो हूर रह गई बन गए लंगुर<br />कभी तो एक दिन बुद्धि लौटेगी<br />जब वह ढुंढेगी कि कहाँ गए हजुर<br /><br />जय हो गुरुदेवब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-14149732035181829532010-03-16T11:53:32.737+05:302010-03-16T11:53:32.737+05:30इसे आप लंगूर के हाथ मे हूर कहे
या
कौवे की चों...इसे आप लंगूर के हाथ मे हूर कहे <br /> या <br />कौवे की चोंच में अँगूर<br />ये तो होना ही था ।अजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-26225899976312130802010-03-16T07:49:27.948+05:302010-03-16T07:49:27.948+05:30इस के पीछे भी एक कहानी है...इंद्रलोक में एक दिन इं...इस के पीछे भी एक कहानी है...इंद्रलोक में एक दिन इंद्र देवता अप्सराओं के अच्छा नृत्य न करने से नाराज हो गए...और शाप दे डाला...जाओ आज से तुम सब जिन्नों के हवाले...कहीं ये लंगूर वही जिन्न तो नहीं हैं...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-83977577255700066512010-03-16T07:23:15.793+05:302010-03-16T07:23:15.793+05:30बहुत खूब लिखा है आपने. अब क्या कहे, हमें तो आपकी व...बहुत खूब लिखा है आपने. अब क्या कहे, हमें तो आपकी व्यथा सुन कर ऐसा लगा की आप ऐसा कहना चाह रहे है कि <b> गए थे हरी भजन को ओटन लगे कपास</b> :-)Bhavesh (भावेश )https://www.blogger.com/profile/14963074448634873997noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-39075685173038933752010-03-16T02:28:05.373+05:302010-03-16T02:28:05.373+05:30ha ha ha hoor ko paane ki katha bahut rochak hai :...ha ha ha hoor ko paane ki katha bahut rochak hai :)रानीविशालhttps://www.blogger.com/profile/15749142711338297531noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-29101996015641251182010-03-15T22:59:48.420+05:302010-03-15T22:59:48.420+05:30आपसे पूरी सहानुभूति है ।आपसे पूरी सहानुभूति है ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-84622259190276426952010-03-15T22:02:24.387+05:302010-03-15T22:02:24.387+05:30लंगूर वीर कथा रही रोचकलंगूर वीर कथा रही रोचकAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-61735834350087358612010-03-15T21:00:47.189+05:302010-03-15T21:00:47.189+05:30क्या कीजिएगा एक होनी थी हो गई...क्या कीजिएगा एक होनी थी हो गई...विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-56962728676070947972010-03-15T20:56:09.741+05:302010-03-15T20:56:09.741+05:30लंगुर जी.... सारी अवधियाजी जी जरुर कोई पिछले जन्म ...लंगुर जी.... सारी अवधियाजी जी जरुर कोई पिछले जन्म मै अच्छॆ काम किये होगे जो भाभी जी जेसी हुर मिल गई, अब तो सात जन्मो का फ़िक्स है जी, खुब छलांगे लगायेराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-87809990579235028792010-03-15T20:52:56.103+05:302010-03-15T20:52:56.103+05:30असल मे टीन एज से बाहर होते ही लंगूर का भेजा थोडा थ...असल मे टीन एज से बाहर होते ही लंगूर का भेजा थोडा थोडा घूम जाता है. और वो तभी सही होता है जब हुर के जूते खाले. तो उसी शीतनिद्रा मे चढ गये होंगे हूर के चकमे में, वर्ना तो गुरु आदमी कभी जल्दी से किसी के चक्कर मे आता नही.:)<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-31398745561930301692010-03-15T18:44:56.404+05:302010-03-15T18:44:56.404+05:30langur ke haath mei aayi huur......aur langur ban ...langur ke haath mei aayi huur......aur langur ban gaya hur ki plate ka angur.....Yashwant Mehta "Yash"https://www.blogger.com/profile/02457881262571716972noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-76379386596515208642010-03-15T18:17:13.406+05:302010-03-15T18:17:13.406+05:30हूर और लंगूर वाह सब क्या कहने ...हूर और लंगूर वाह सब क्या कहने ...समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-71014043986412810272010-03-15T18:01:51.513+05:302010-03-15T18:01:51.513+05:30चलिए बीती ताही बिसारिये और आगे की सुधि लीजिए...अब ...चलिए बीती ताही बिसारिये और आगे की सुधि लीजिए...अब तो हो चुका,जो होना था :-)Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-7229308760063531522010-03-15T18:00:11.454+05:302010-03-15T18:00:11.454+05:30हमने तो सुना है कि लंगूर अपना पूरा हरम लेकर चलता ह...हमने तो सुना है कि लंगूर अपना पूरा हरम लेकर चलता है। हूर लंगूर को क्या अंगूर को भी फांस लेती हैं। हूरे होती ही ऐसी हैं। लेकिन हमें तो सागर नाहर जी की बात में भी दम लग रहा है। क्या कहते है ना कि शेखी बघारने की आदत पड़ गयी है तो क्या करें?अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-84383327051512649532010-03-15T17:50:37.801+05:302010-03-15T17:50:37.801+05:30एक मुहावरा छूट गया -घूरे के भी दिन फिरते हैं -और ...एक मुहावरा छूट गया -घूरे के भी दिन फिरते हैं -और हूर मिल भी जाती होगी !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-41921496583983555752010-03-15T17:43:59.946+05:302010-03-15T17:43:59.946+05:30हा-हा-हा
आपकी बात पसन्द आयी कि - "हूर ही लंगू...हा-हा-हा<br />आपकी बात पसन्द आयी कि - "हूर ही लंगूर को फांस लेती है"<br /><br />प्रणामअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-49840811088384835682010-03-15T17:35:14.869+05:302010-03-15T17:35:14.869+05:30हमें विश्वास है कि भाभी जी हूर थी और हैं भी किन्तु...हमें विश्वास है कि भाभी जी हूर थी और हैं भी किन्तु ये तो बताईये क्या आप विवाह के इतने दिनों बाद भी लंगूर ही हैं क्या?<strong>आटे-दाल के भाव मालूम हो गये </strong>होंगे.वैसे भी विवाह<strong>दिल्ली का लड्डू</strong>है<strong>जो खाये सो पछताये न खाये सो भी पछताये</strong><br />आगे के विवाहित जीवन के लिये शुभकामनायें.विजयप्रकाशhttps://www.blogger.com/profile/09741753370021948904noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-89090336439027002402010-03-15T17:30:43.941+05:302010-03-15T17:30:43.941+05:30हा हा ...अच्छी व्यथा कथा लिख डाली....पर हूर पाकर क...हा हा ...अच्छी व्यथा कथा लिख डाली....पर हूर पाकर कितना इतराए होंगे...वो दिन भी याद कर लें...rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-51131148174485990822010-03-15T17:17:31.260+05:302010-03-15T17:17:31.260+05:30लंगूर के हाथ में हूर फँसती नहीं बल्कि हूर ही लंगूर...लंगूर के हाथ में हूर फँसती नहीं बल्कि हूर ही लंगूर को फाँस लेती हैं। <br />ha ha hashikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-74317875119632183792010-03-15T17:17:25.288+05:302010-03-15T17:17:25.288+05:30aअवधियाजी
अभी हमने आपके घर इस पोस्ट का लिंक भेजा त...aअवधियाजी<br />अभी हमने आपके घर इस पोस्ट का लिंक भेजा तो भाभीजी ने दूसरी ही कहानी बताई। वे कह रही थीं कि लंगूर..(ओह सॉरी! आप) ही उनके पीछे पीछे लगे रह्ते थे। कॉलेज के बाहर रोज शाम को इंतजार किया करते थे आप, और भी बहुत सी बातें बताई थी जो मैं यहां नहीं लिखूंगा वरना आप की पोल खुल जायेगी। और हां हूर ने आपको नहीं फंसाया.. हूर ने लंगूर के चक्करों से आज़िज आ कर और उसे सबक सिखाने के लिये शादी की थी। <br />यह सच है ना, बताईये आप?<br />:) <br />सच सच बताईये कि क्या लंगूर.. (अगेन सॉरी! आप ) खुश नहीं थे, हूर को पाकर?<br />हमें तो यह भी पता चला कि बहुत इतराते फिरते थे आप। <br />:)सागर नाहरhttps://www.blogger.com/profile/16373337058059710391noreply@blogger.com