tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post8999025488883766850..comments2024-02-01T17:17:24.739+05:30Comments on धान के देश में!: क्या वास्तव में हम भारतीय हैं?Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-33574911424015490402010-11-14T12:28:31.245+05:302010-11-14T12:28:31.245+05:30अपसे पूरी तरह सहमत। शुभकामनायें।अपसे पूरी तरह सहमत। शुभकामनायें।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-74230194034777657342010-11-14T11:29:27.182+05:302010-11-14T11:29:27.182+05:30हाँ यह सवाल हमे अपने दिल पर हाथ रखकर करना चाहिये क...हाँ यह सवाल हमे अपने दिल पर हाथ रखकर करना चाहिये कि क्या हम सचमुच हिन्दी जाति के है ? ( प्रसिद्ध आलोचक रामविलास शर्मा जी के शब्दों मे )शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-78053863892866211072010-11-14T00:34:31.948+05:302010-11-14T00:34:31.948+05:30भारत में सदियों से महाभारत होता आ रहा है. नेता से ...भारत में सदियों से महाभारत होता आ रहा है. नेता से लेकर शिक्षक तक... हर तरफ महाभारत.. सिखायेगा कौन? सीखेगा कौन?<br />जैसा देश वैसा...Manishhttps://www.blogger.com/profile/01119933481214029375noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-43032810321591728282010-11-13T21:07:01.792+05:302010-11-13T21:07:01.792+05:30समय के साथ चीजे बदलती रहती है कुछ सकरात्मक होती ह...समय के साथ चीजे बदलती रहती है कुछ सकरात्मक होती है तो कुछ नकारात्मक | समय के साथ हो रहे इन बदलाव में हम सिर्फ सकरात्मक चीजो को ही नहीं चुन सकते है | अब भारतीय होने और भारतीयता की पहचान बदल रही है | किसी को ये सही लगती है किसी को गलत | मै भी अपने बच्ची को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाती हु आज के समय के लिए जरुरी है लेकिन इसके साथ ही उसकी हिंदी भी अच्छी बनाती हु और मुम्बईया हिंदी से दूर रखती हु |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-24330799775034738382010-11-13T20:16:15.524+05:302010-11-13T20:16:15.524+05:30भारतीयता धीरे धीरे ढल रही है।भारतीयता धीरे धीरे ढल रही है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-29310544141929336022010-11-13T19:23:04.471+05:302010-11-13T19:23:04.471+05:30भारतीयता की पहचान तेजी से बदल रही है.भारतीयता की पहचान तेजी से बदल रही है.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-49459296560537646202010-11-13T18:31:08.854+05:302010-11-13T18:31:08.854+05:30हमारे अन्दर की संस्कृति और संस्कार विलुप्त हो चुके...हमारे अन्दर की संस्कृति और संस्कार विलुप्त हो चुके हैं>..भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-9083787199431105712010-11-13T18:02:16.516+05:302010-11-13T18:02:16.516+05:30प्रश्न तो सही किया है।प्रश्न तो सही किया है।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-78252563895929078032010-11-13T17:58:34.715+05:302010-11-13T17:58:34.715+05:30आज भी वर्णमाला अच्छी तरह याद है और भारतीय बारह महि...आज भी वर्णमाला अच्छी तरह याद है और भारतीय बारह महिनों के नाम पिताजी ने विद्यालय शुरु होने से पहले ही याद करवा दिये थे, विक्रमी संवत भी याद रहता है।<br />आपकी पोस्ट पढकर अच्छा लगा।<br /><br />प्रणाम स्वीकार करेंअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-3899718956779389462010-11-13T17:50:41.123+05:302010-11-13T17:50:41.123+05:30मैं आपसे सहमत हूँ.मैं आपसे सहमत हूँ.वीरेंद्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/17461991763603646384noreply@blogger.com