Monday, September 14, 2009

ऐसा भी होता है

जी हाँ ऐसा भी होता हैः

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7 comments:

  1. अवधिया जी क्षमा बड़न को चाहिये।आप बड़े है बच्चों को आशिर्वाद दिजिये।

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  2. हो सकता है कुछ पाठक सलीम के फोटू पर ही मर मिटे हों :)

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  3. अवधिया जी,
    हा-हा-हां, मैंने कहा न कि जिनका कोई दीन-ईमान ही न हो, वे कुछ भी कर सकते है! कुछ भी कह सकते है, कोई सा भी मुखौटा लगा सकते है ! कीचड है, पत्थर फेंकने से फायदा ? हां, इनकी हरकते देख खून जरूर खौल जाता है और मन करता है कि.......!

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  4. मुझे तो कुछ समझ नही आया ?

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  5. अरे ऐसा भी ...
    हिंदी दिवस की आपको भी शुभकामना और बधाई .

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  6. हा...हा....हा ..... सही खबर दी है | पता नहीं सलीम मियां प्रचार के लिए क्या क्या करेंगे ..........|

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  7. हा हा हा....जी हाँ! मन्दी के चलते कभी कभी ऎसा भी करना पडता है:)

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