- राज कपूर और हेमा मालिनी फिल्म सपनों का सौदागर के बाद फिर कभी एक फिल्म में नहीं आये। उल्लेखनीय हैकि सपनों का सौदागर हेमा मालिनी की पहली फिल्म थी।
- दिलीप कुमार और नूतन ने केवल एक बार ही एक साथ काम किया है, फिल्म कर्मा।
- दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन की एकमात्र फिल्म है शक्ति।
- जितेन्द्र और सायरा बानो की केवल एक ही फिल्म आई है आज तक, जी हाँ आपको भी याद आ गया होगा कि फिल्म है आखरी दाँव।
- जितेन्द्र और शर्मिला टैगोर की एक मात्र फिल्म है मेरे हमसफर।
- अमिताभ बच्चन और माला सिन्हा ने एक साथ केवल फिल्म संजोग में काम किया है।
- अमिताभ बच्चन और जितेन्द्र को एक साथ लेकर केवल एक ही फिल्म फिल्म बनी फिल्म का नाम है गहरी चाल।
- अमिताभ बच्चन और नूतन की एकमात्र फिल्म है सौदागर।
- अमिताभ बच्चन और रीना राय एक साथ केवल फिल्म नसीब में आये। यद्यपि फिल्म अंधा कानून में भी दोनों कारोल था पर पूरे फिल्म में दोनों कलाकारों का एक साथ कोई भी दृश्य नहीं है।
- अमिताभ बच्चन और नाना पाटेकर की एक ही फिल्म है, नाम है कोहराम।
- शत्रुघ्न सिन्हा और विद्या सिन्हा केवल एक बार फिल्म मगरूर में ही एक साथ आये।
- राकेश रोशन और हेमा मालिनी की एकमात्र फिल्म है पराया धन। यह राकेश रोशन की पहली फिल्म थी।
- राज कुमार और डैनी की एकमात्र फिल्म है बुलंदी।
- राज कुमार और नाना पाटेकर को एक साथ लेकर एक ही फिल्म बनी है तिरंगा।
- शत्रुघ्न सिन्हा और राज कुमार की केवल एक ही फिल्म है चंबल की कसम।
- शत्रुघ्न सिन्हा और रजनीकांत एक साथ फिल्म असली नकली में ही आये।
- शेखर सुमन और रेखा की एक ही फिल्म है उत्सव।
- आमिर खान और नीलम की एकमात्र फिल्म है अफ़साना प्यार का।
- एक ही परिवार के तीन पीढ़ियों के कलाकारों को एक साथ लेकर केवल एक ही फिल्म बनी है, फिल्म का नाम है "कल आज और कल" तथा कलाकार हैं पृथ्वीराज कपूर, राज कपूर और रणधीर कपूर।
- दिलीप कुमार और राजकुमार का नाम इस लिस्ट में आ जाता यदि उनकी पहली फिल्म पैगाम के 32 साल बाद सुभाष घई ने दोनों को अपनी फिल्म सौदागर में फिर से एक बार काम करने का अवसर न दिया होता।
चलते-चलते
साहिर लुधियानवी, जयदेव और विजय आनंद एक दूसरे के अच्छे मित्र थे। बात सन् 1961 से भी पहले की है। दिन भर के काम के के बाद बैठे थे तीनों यूँ ही थकान उतारने। गप-शप के बीच जयदेव ने ये शेर सुनायाः
हमको तो गर्दिशेहालात पे रोना आया
रोने वाले तुझे किस बात पे रोना आया
शेर सुना कर जयदेव ने साहिर से कहा कि इस शेर को कहने वाला शायर एक प्रश्न छोड़ गया है और तुम्हें उसका जवाब देना है। साहिर भी कम नहीं थे। उन्होंने जवाब देने के लिये उस बैठक में ही एक पूरा गजल बना डाला और जयदेव को सुनाया जो इस प्रकार हैः
कभी खुद पे कभी हालात पे रोना आया
बात निकली तो हरेक बात पे रोना आया
हम तो समझे थे कि हम भूल गये हैं तुमको
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया
किस लिये जीते हैं हम किसके लिये जीते हैं
बारहा ऐसे सवालात पे रोना आया
कौन रोता है किसी और के खातिर ऐ दोस्त
सबको अपनी ही किसी बात पे रोना आया
जयदेव ने उनके इस गजल की खूब तारीफ़ की और कहा कि वे इसके लिये एक अच्छी सी धुन अवश्य बनायेंगे। विजय आनंद ने भी साहिर से कहा कि वे इस गीत को अपने निर्देशन वाली किसी न किसी फिल्म में अवश्य लेंगे। कुछ दिनों बाद ही विजय आनंद को फिल्म हम दोनों के निर्देशन का काम सौंपा गया और अपने वादे के मुताबिक उन्होंने उस फिल्म में गीत को ले लिया। तो इस प्रकार बातों बातों में ही बन गया था ये गजल!
14 comments:
गीत बहुत अच्छा है बाकी जानकारी भी धन्यवाद्
वैसे अपना फिल्मो से बहुत अधिक लगाव तो नहीं रहा मगर सुन्दर और विस्तृत जानकारे के साथ एक बेहतर गीत की प्रस्तुति,अवधिया साहब !
!
जब जब हालात पे रोना आया
तब तब जम के गम पीते रहे
तुम नही आये,कोई बात नही
कुछ ऐसे ही पैमाने छ्लकते रहे
हम अके्ले पीते रहे पीते रहे
जोरदार स्लाग ओवर अवधिया जी हैंगओवर के बाद
हा हा हा
ऐसी जानकारी भी पहली बार पाई.
जानकारी के लिए धन्यवाद !!
अरे बाप रे बाप, अवधिया जी कहां से जुटाई इतनी बारीक जानकारी...आप तो सही में फिल्मगुरु हैं...
वैसे मैं यहां ट्रैक बदलता हूं...किन दिग्गज हीरो ने कभी एक साथ काम नहीं किया...मनोज कुमार, राजेश खन्ना, देव आनंद में शायद कभी किसी ने एक दूसरे के साथ काम नहीं किया...इस कड़ी में और भी कुछ नाम हो सकते हैं...
राजकुमार और अमिताभ बच्चन
सुनील दत्त, राजेश खन्ना और दिलीप कुमार
विनोद खन्ना और दिलीप कुमार
दिलीप कुमार और शत्रुघ्न सिन्हा
आमिर ख़ान और अमिताभ बच्चन
शाहरुख ख़ान और आमिर ख़ान
जय हिंद...
अवधिया जी;अच्छी जानकारी जुटाई है लेकिन एक परिवार की तीन पीढियां लेकर और भी फिल्में है
जैसे
आवारा में दीवान बशेशर नाथ कपूर (पृथ्वीराज के पिता) पृ्थ्वीराज कपूर, राजकपूर (इसमें शशिकपूर ने भी काम किया था)
कुंवारा बाप में मुमताज अली (मेहमूद के पिता), मेहमूद, मिक्की (मेहमूद का बेटा)
इसके अलावा
जितेन्द्र ने शर्मिला टैगोर के साथ मेरे हमसफर के अलावा खुश्बू में भी काम किया है, इसमें शर्मिला जितेन्द्र की दूसरी पत्नी बनतीं हैं
राजकुमार और शत्रुघन सिन्हा ने चंबल की कसम के अलावा बेताज बादशाह और महावीरा में भी काम किया है
डैनी और राजकुमार ने बुलंदी के अलावा जंगबाज, इतिहास और गलियों का बादशाह में भी काम किया है
जानकारी में इजाफा करने के लिये धन्यवाद "गुस्ताखी माफ" जी!
उम्मीद है कि आप मेरी इस गुस्ताखी को, कि मैंने अधूरी जानकारी दी, माफ ही कर देंगे। :-)
यह तो नयी तरह की जानकारी प्राप्त हुई आज । बहुत बहुत आभार
बहुत बढिया जानकारी प्रदान की आपने....
धन्यवाद्!
बहुत सुंदर जानकरी, * राज कुमार और डैनी की एकमात्र फिल्म है बुलंदी। जी राज कुमार ने डेनी के संग ३६ घंटे फ़िल्म मै भी काम किया है
अच्छी जानकारी जी। आजकल तो बहुत कम शेल्फ लाइफ के अभिनेता आ रहे होंगे।
बढिया जानकारी...
अमिताभ बच्चन और रीना राय ने एक पँजाबी फिल्म 'विलायती बाबू' में भी काम किया था जिसमें अमिताभ बच्चन टाँगेवाले बने थे ...उसके विडियो का लिंक दे रहा हूँ
http://www.youtube.com/watch?v=dop_sPEzx5Y
दो कलाकार .... जानकारी अच्छी रही | टिप्पणियों द्वारा इस जानकारी में इजाफा ही हुआ है |
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