Tuesday, January 19, 2010

पोस्ट बनता है रचनाओं से और रचनाएँ बनती हैं शब्दों से

हम सभी अपने ब्लॉग के लिये पोस्ट लिखते हैं। पोस्ट याने कि लेख शब्दों से बनते हैं। याने कि हर दिन हम शब्दों से खेलते हैं। पर यदि हमसे कोई यह पूछ दे कि "आखिर ये शब्द होता क्या है?" तो हममें से बहुत लोग शायद सिर खुजाने लग जायेंगे। ऐसा नहीं है कि हम नहीं जानते कि शब्द क्या होता है। अवश्य ही जानते हैं क्योंकि हमने कभी अपने स्कूल में इसके बारे में पढ़ा था। किन्तु स्कूल के दिनों से आज तक के बीते हुए एक लम्बे अन्तराल ने हमारी याद के ऊपर एक धूल की परत सी बिठा दी है इसीलिये परेशानी होने लगती है हमें शब्द की परिभाषा बताने में। समय समय पर हमें अपनी यादों पर जमी इस धूल को साफ भी करना चाहिये इसीलिये आज स्कूल के बच्चों को पढ़ाने जैसी यह पोस्ट प्रस्तुत कर रहा हूँ।

शब्द

ऐसी ध्वनि जिसका कुछ अर्थ होता है, शब्द कहलाता है। शब्द अक्षरों के मेल से बनता है और अक्षर ध्वनि के लिये नियत किये गये संकेत को कहा जाता है।

उदाहरणः राम (र् + आ + म्), हिमालय (ह् + इ + म् + आ + ल् + अ + य् + अ) आदि।

शब्दभेद

शब्दों को निम्नलिखित आठ भागों में विभाजित किया गया है, जिन्हें शब्दभेद कहते हैं:

संज्ञाः नाम प्रदर्शित करने वाले शब्द को संज्ञा कहते हैं।

उदाहरणः रामायण के रचयिता वाल्मीकि हैं।

सर्वनामः संज्ञा के बदले में प्रयुक्‍त होने वाले शब्द को सर्वनाम कहा जाता है।

उदाहरणः वे आदिकवि के नाम से प्रख्यात हैं।

विशेषणः किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द को विशेषण कहा जाता है।

उदाहरणः मोहन एक अच्छा लड़का है।

क्रियाः जिस शब्द से किसी कार्य को करने का बोध होता है उसे क्रिया कहते हैं।

उदाहरणः अनिल दौड़ता है।

क्रियाविशेषणः किसी क्रिया, विशेषण अथवा अन्य क्रियाविशेषण की विशेषता बताने वाले शब्द को क्रियाविशेषण कहते हैं।

उदाहरणः

(i) वह खाना अच्छा पकाती है।
(ii) वह एक बहुत अच्छा लड़का है।
(iii) अनिल बहुत तेज दौड़ता है।

सम्बंधसूचकः दो संज्ञा या दो सर्वनाम या एक संज्ञा तथा एक सर्वनाम के मध्य सम्बंध बताने वाले शब्द को सम्बंधसूचक कहते हैं।

उदाहरणः दशरथ राम के पिता हैं।

संयोजकः दो शब्दों अथवा वाक्यों को जोड़ने वाले शब्द को संयोजक कहते हैं।

उदाहरणः राम और लक्ष्मण भाई हैं।

विस्मयाधिबोधकः गहरी भावना को व्यक्‍त करने वाले शब्द को विस्मयादिबोधक कहते हैं।

उदाहरणः ओह, बड़ा दुःख हुआ।

17 comments:

  1. बहुत उम्दा पोस्ट!!

    ReplyDelete
  2. बहुत उम्दा और जानकारीपूर्ण पोस्ट...... आभार.....

    ReplyDelete
  3. बहुत अच्छा पोस्ट है ये...

    ReplyDelete
  4. वाह, बहुत सुन्दर अवधिया साहब , हिन्दी के गुरूजी कहलाने के आप में पूरे-पूरे लक्षण विद्यमान है !

    ReplyDelete
  5. जी गुरु जी

    बने बताय हस्।

    ReplyDelete
  6. jai ho aapki........

    bahut umda post !

    ReplyDelete
  7. वाह अब तो हिन्दी सीखने को मिलेगी। सब कुछ भूल गया है जारी रखें धन्यवाद्

    ReplyDelete
  8. हम तो खुश थे पीछा छूट गया था पढाई से लेकिन यहां भी . ठीक ही है हिन्दी मे ब्लोगिग करने से पहले रिविजन हो जाये तो अच्छा है

    ReplyDelete
  9. यूँ लगा वापस हिंदी की कक्षा में पहुँच गए :)बहुत बहुत शुक्रिया

    ReplyDelete
  10. आपकी इस जानकारीपरक पोस्ट नें तो स्कूल की याद दिला दी....स्मृ्तिपटल पर पडी धूल को हटाने के लिए ऎसे प्रयास करते रहने चाहिए!

    ReplyDelete
  11. वाह अवधिया जी। पूरी हिंदी व्याकरण पढ़ा दी। अच्छा लगा।

    ReplyDelete
  12. मुझे तो अपने मास्टर जी याद दिला दिये आप ने.
    धन्यवाद

    ReplyDelete
  13. क्षमा चाहते हुए शुरुआत यहाँ से करेंगे.
    वर्ण, वर्ण से बने शब्द, शब्द से वाक्य, वाक्य से अनुच्छेद, अनुच्छेद से रचना. यही रचना हो गई पोस्ट.
    =================================
    जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड

    ReplyDelete
  14. अवधिया जी, "शब्द" की परिभाषा आपने यों दी है- ---ऐसी ध्वनि जिसका कुछ अर्थ होता है, शब्द कहलाता है।--- मेरे अनुसार इसकी परिभाषा में किंचित्‌ संशोधन आवश्यक है--"ऐसा ध्वनि-समूह जो सार्थक हों, शब्द कहलाते हैं". आशा है, सहमत होंगे। दूसरी बात यह है कि जब आप शब्दभेदों को बता रहे हैं तो उन्हें "स्थूल (Bold)" कर दें। यथा संज्ञा के उदाहरण में "रामायण के रचयिता वाल्मीकि हैं।" इसे इसप्रकार लिखना "रामायण के रचयिता वाल्मीकि हैं।" श्रेयस्कर होगा.

    ReplyDelete