Tuesday, March 2, 2010

घेटो शब्द का प्रयोग जितने बार हुआ, हर बार प्रयोग करने का मन्तव्य अलग-अलग था

साठ साल की उमर हो गई है पर मेरा दुर्भाग्य कि पहले एक ब्लोग में आने से पहले घेटो शब्द से मेरा कभी परिचय नहीं हो पाया था। चलिये अब हो गया, आखिर कुछ नया सीखने-जानने के लिये उम्र की कोई सीमा थोड़े ही होती है। पहली बार जब इस शब्द को पढ़ा तो लगा कि घेटो ने तो हमारी अकल को ही घोंट कर रख दिया है। इस शब्द का अर्थ जानने की जिज्ञासा तो हुई किन्तु उतनी नहीं हुई जितनी कि किसी नये शब्द को पढ़ते ही होती है। मुझे अब भी याद आता है कि तीस-पैंतीस साल पहले जब मैंने व्लादिमीर नोबोकोव (Vladimir Nabokov) के उपन्यास लोलिता (Lolita) में जब पहली बार निम्फेट (nymphet) शब्द पढ़ा था तो उपन्यास को पढ़ना छोड़ कर सबसे पहले शब्दकोश निकाल कर उसका अर्थ खोजा था और अर्थ जान जाने के बाद ही उपन्यास को आगे पढ़ना शुरू किया था। पर घेटो शब्द पढ़ते समय ऐसा नहीं हुआ। कारण था कि घेटो शब्द को प्रयोग करने का मन्तव्य किसी नये शब्द से परिचय करना नहीं बल्कि कुछ और था और हमारा दिमाग उसी मन्तव्य की तरफ ही दौड़ गया। बाद में इस शब्द से सुसज्जित और भी कुछ पोस्ट पढ़ने के लिये मिले और उन प्रविष्टियों में भी उसके प्रयोग करने के मन्तव्य भिन्न-भिन्न ही थे।

शब्दों की यही तो विशेषता होती है कि उनका प्रयोग अलग-अलग मन्तव्य को व्यक्त करने के लिये किया जा सकता है। "घोंचू" शब्द का प्रयोग सामान्यतः किसी की खिल्ली उड़ाने के लिये किया जाता है किन्तु इसी का प्रयोग कोई इस तरह करे कि "काय घोंचू! आज तो जँच रहे हो!" तो घोंचू शब्द बड़ा प्यारा और अपनत्व भरा लगने लगता है। इसी प्रकार से कभी कभी "बड़े भाई" का प्रयोग ऐसे किया जाता है - "देखो बड़े भाय! हम से ना उलझना।" ऐसा प्रयोग "बड़े भाई" के अर्थ को ही बदल कर रख देता है।

कवि और साहित्यकार "सही शब्दों का प्रयोग" करते हैं जबकि अधिवक्तागण "शब्दों का सही प्रयोग" करते हैं। शब्दों के प्रयोग के द्वारा अभिव्यक्ति को मन माफिक मोड़ा जा सकता है। धन्य है शब्दों की महिमा!

चलते-चलते

पुलिसवाले ने सायकल वाले से पूछा, "तुम्हारे सायकल में डायनेमो क्यों नहीं है?"

सायकल वाले ने कहा, "ऐ आरक्षी, चन्द्र की शुभ्र ज्योत्सना में कृत्रिम प्रकाश की क्या आवश्यकता है?"

जब तक पुलिसवाला उसके कहे का मतलब समझे तब तक सायकल वाला जा चुका था।

8 comments:

  1. अवधिया साहब,
    आप हमारे सीनियर है, अगर गलत जा रहे हो तो आपका फर्ज बनता है कान पकड़कर सीधे कहना कि हे, तुम यह गलत कर रहे हो !
    सांकेतिक शब्द हमारे सर के ऊपर से गुजर जाते है, अब आप ही बतावो क्या मैं गलत कह रहा हूँ ? मैं तो अपने लेखो में हर बात को शब्द दर सब्द स्पस्ट करता हूँ :)

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  2. घेटो का एक-आध अर्थ (वाक्य में प्रयोग के साथ) बता भी देते तो बडी कृपा होती जी

    प्रणाम

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  3. अवधिया जी,
    शब्द की महिमा अपार है,
    अब शब्द का प्रयोग कहाँ पर और किस अर्थ मे हो रहा है, यह देखना पड़ता हैं।
    घेटो ने आपके मानस पर बहुत असर किया है।
    इसलिए आपने भी इसकी शल्यक्रिया करने की ठान ली और भी अर्थ बताएं जिससे हमे लाभ होगा।
    आभार

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  4. शब्दों की महिमा का सुन्दर वर्णन अगर घेटो का प्रयोग भी बता दें तो कृपा होगी। आभार्

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  5. सबकी हालत पुलिस वाले जैसी है
    अब तो बता दीजिये राज क्या है

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  6. अवधिया जी,बता भी दे अब, अजी हम तो सोच रहे है लेकिन दिमाग की बत्ती बुझ बुझ जाती है

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  7. वाह अवधिया जी।

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  8. रोमन हो या फ़ारसी एक ऐसा शब्द ऐसा ढूँढो, जिसे लोग चारो खाने चित्त और आपके फेन , नुस्खा बढ़िया है भाई जी आप भी कुछ ऐसा करो न ...

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