Saturday, June 5, 2010

कहीं धोखा तो नहीं खा रहे हैं आप?

इस चित्र को देखकर क्या लग रहा है आपको? देखिये, सच सच बताइयेगा। आप यही सोच रहे हैं ना कि ....

!

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!!!

पर आप जो सोच रहे हैं वह कहीं गलत तो नहीं है? कहीं धोखा तो नहीं खा रहे हैं आप?

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20 comments:

  1. हा... हा... हा...
    क्या अवधिया जी आज तो आपने कमाल का चित्र लगाया। वैसे एक झटके में भ्रम तो पैदा हो ही जाता है।

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  2. अवधिया जी बहुत दूर की खोज करते हो आप और यह धोखा नहीं कुछ हद तक सच भी है क्योकि इन्सान जिस तेजी से जानवर बनने की दिशा में जा रहा है, उससे आपके चित्र में दिख रहा झूठ बहुत जल्द सच भी हो सकता है ,उम्दा प्रस्तुती |

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  3. हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा झा जी ने एकदम ईमानदारी से सच्चाई को रखा है अपनी टिप्पणी मे। सहमत्।

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  4. धोखा इतना बड़ा धोखा,

    सरासर धोखा है।

    बचके रहना रे बाबा

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  5. वो गीत याद आ गया .. बाबूजी धीरे चलना ....बड़े धोखे है इस रह में !

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  6. कभी कभी हम पता नहीं किस किस को गले लगा कर बैठ जाते हैं, लेकिन जब सच सामने आता है तो के पछताने सिवा कुछ नहीं बचता।

    प्रणाम

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  7. ये तो सच बड़ा धोखा है... :):)

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  8. मुझे तो आपकी यह पोस्ट हास्य कम प्रेरक ज्यादा लगी।
    दूर से देखकर किसी के बारे में कोई निजि राय या अवधारणा रखना भ्रांति हो सकती है। निकट जाने पर पता चलता है कि कितना बडा धोखा हुआ।

    प्रणाम स्वीकार करें

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  9. हद है
    बहुत खूब

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  10. sir aapke anek rup hayn.aapka mai fan hone laga hun.aapme bibidhta hay..jaandar post.

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  11. मजेदार जी, अति सुंदर धोखा

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  12. :) चित्र देखते ही एकबर तो हम भी सचमुच में धोखा खा गए थे....

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  13. अब पीछे से देखेंगे तो ऐसा ही तो होगा...

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  14. शायद ये शीर्षक की वजह से हुआ.. लेकिन दूसरा चित्र देखे बिना ही लग गया था कि ये श्वान महाशय के साथ हैं.. :) मजेदार.
    अंग्रेज़ी में एक कहावत है कि-
    never believe in what you hear, and believe half in what you see....

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