Monday, June 28, 2010

बड़ा ब्लोगर छोटा ब्लोगर

लिख्खाड़ानन्द ने अपना पोस्ट प्रकाशित किया! पोस्ट को प्रकाशित करने के तत्काल बाद ही सौ मित्रों तथा परिचितों को मोबाइल, ईमेल और चैट मेसेन्जर के माध्यम से सूचना दी कि मेरी पोस्ट प्रकाशित हो गई है। अगले चौबीस घंटों के भीतर लगभग चालीस लोग पोस्ट पर पहुँचे और प्रायः सभी ने टिप्पणी भी की। एक से बढ़कर एक टिप्पणियाँ आईं जिनमें से कुछ का जायजा आप भी लें:
  • शुभकामनाएँ
  • बधाई
  • बधाई स्वीकारे
  • बहुत-बहुत बधाईयाँ
  • शुक्रिया!
  • अच्छा आलेख
  • अनोखी पोस्ट
  • अच्छी रचना
  • बहुत ही सटीक रचना
  • इस रचना के लिये आभार
  • सही लिखा है
  • बढिया लिखा है आपने
  • मजा आ गया पढ़ कर।
  • अंग्रेजी शब्दों का हिन्दीकरण करने का आपका प्रयोग अत्यन्त सराहनीय है!
  • बहुत सुंदर
  • सत्य वचन!
  • nice
  • आपके विचारो से सहमत हूँ
  • टिप्पण्यानन्द जी की टिप्पणी से सहमत
  • आपकी लेखनी तो कमाल करती ही है
  • आपकी लेखनी के बारे में कुछ भी कहना सूरज को दिया दिखाना है
अनामानन्द ने अपना पोस्ट प्रकाशित किया। पोस्ट को प्रकाशित करने के बाद अपने रोजमर्रा के कामों में व्यस्त हो गये। अगले चौबीस घंटों के भीतर लगभग चार सौ लोग पोस्ट पर पहुँचे पर किसी ने भी टिप्पणी नहीं की, बस पोस्ट को पढ़कर चुपचाप वापस चले गये।

लिख्खाड़ानन्द का पोस्ट संकलकों के हॉटलिस्ट में सबसे ऊपर था! अनामानन्द के पोस्ट का हॉटलिस्ट में कहीं अता-पता भी नहीं था।

लिख्खाड़ानन्द हो गये बड़े ब्लोगर और अनामानन्द बन गये छोटे ब्लोगर!!!

24 comments:

  1. बहुत खूब....मजेदार.


    ***************************
    'पाखी की दुनिया' में इस बार 'कीचड़ फेंकने वाले ज्वालामुखी' !

    ReplyDelete
  2. बहुत ही धारधार व्यंग्य। अब देखिए मैंने टिप्पणी कर दी है आपकी पोस्ट को ऊपर जाने से कोई नहीं रोक सकता।

    ReplyDelete
  3. सही कहा...

    अच्छा किया आपने मुझे मेल कर बता दिया.. वरना में तो इस महान विचार तो पढने से वंचित रह जाता.. बधाई स्वीकारें..:) :)

    ReplyDelete
  4. Yah sab jyada din chalne wala nahin hai.Mujhe to lagta hai ki agar Blogvani ke baad Chitthajagat bhi kuchh dinon ke liye vishraam le le to sabhi likkhaadanand ki asaamayik maut ho jayegi.

    ReplyDelete
  5. क्या बात है जनाब मान गये आप को

    ReplyDelete
  6. बहुत बढिया लिखे हैं गुरुदेव
    अनामानंद ही ठीक है,
    जय हो बड़े ब्लागर की।

    ReplyDelete
  7. बहुत खूब। क्या मेरी कभी मेल आयी किसी को या आपको मगर मै आपको जब भी पोस्ट कहीं दिखे जरूर टिप्पणी देती हूँ। तो मै कौन सी ब्लागर हुये? टिप्पणी व्यथा बहुत दर्दनाक होती है। शुभकामनायें

    ReplyDelete
  8. आनामो की लिये भी मौलिक टिप्‍पणी की धोषणा होनी चाहिये :)

    ReplyDelete
  9. बात आपकी सही है लेकिन मेरे ख्याल से ऐसी स्तिथि के लिए हम सब भी कहीं ना कहीं जिम्मेवार हैं ही ...
    कई बार ना चाहते हुए भी औपचारिकता निभानी ज़रुरी हो जाती है

    ReplyDelete
  10. हा हा हा हा कुछ भी हो दोनो मे है आनंद ही आनंद।

    ReplyDelete
  11. देखा आपकी पोस्ट कमाल आज सुमन जी ने आज Nice नहीं लिखा :)

    दमदार पोस्ट
    बहुत सुन्दर
    आभार स्वीकारें
    बधाइयाँ आदि आदि

    ReplyDelete
  12. में भी पोस्ट करके इधर उधर के काम में व्यस्त हो जाता हूँ. ऑफिस एंड २ छोटे छोटे बच्चे घर पर :)
    अच्छा लगा आपका विश्लेसण और खुद को गौण श्रेणी में पाना ..आप तो कभी आते ही नहीं हमारी तरफ ...:-) शायद यही कारण हो लोगो का ना आना :)

    ReplyDelete
  13. your blog is good. i am impressed.thanks .
    keep writing.

    ReplyDelete
  14. APKE BLOG KO PADHA TOH BAHUT ACCHA LAGA
    ISSE HUM SANTUSHT HAI

    ReplyDelete
  15. APKE BLOG KO PADHA TOH BAHUT ACCHA LAGA
    ISSE HUM SANTUSHT HAI

    ReplyDelete
  16. APKE BLOG KO PADHA TOH BAHUT ACCHA LAGA
    ISSE HUM SANTUSHT HAI

    ReplyDelete
  17. APKE BLOG KO PADHA TOH BAHUT ACCHA LAGA
    ISSE HUM SANTUSHT HAI

    ReplyDelete
  18. APKE BLOG KO PADHA TOH BAHUT ACCHA LAGA
    ISSE HUM SANTUSHT HAI

    ReplyDelete
  19. APKE BLOG KO PADHA TOH BAHUT ACCHA LAGA
    ISSE HUM SANTUSHT HAI

    ReplyDelete
  20. #
    # बधाई
    # बधाई स्वीकारे
    # बहुत-बहुत बधाईयाँ
    # शुक्रिया!
    # अच्छा आलेख
    # अनोखी पोस्ट
    # अच्छी रचना
    # बहुत ही सटीक रचना
    # इस रचना के लिये आभार
    # सही लिखा है
    # बढिया लिखा है आपने
    # मजा आ गया पढ़ कर।
    # अंग्रेजी शब्दों का हिन्दीकरण करने का आपका प्रयोग अत्यन्त सराहनीय है!
    # बहुत सुंदर
    # सत्य वचन!
    # nice
    # आपके विचारो से सहमत हूँ
    # टिप्पण्यानन्द जी की टिप्पणी से सहमत
    # आपकी लेखनी तो कमाल करती ही है
    # आपकी लेखनी के बारे में कुछ भी कहना सूरज को दिया दिखाना है

    ReplyDelete