धान के देश में!
जी.के. अवधिया का ब्लॉग
Saturday, February 23, 2013
हमारे पास पहले से सूचना थी और इंतजार कर रहे थे
हमारे पास पहले से सूचना थी....
हम इंतजार कर रहे थे कि कब बम ब्लास्ट हों....
और कब हम निंदा करें....
सरकार में हैं तो आखिर कुछ न कुछ करना तो पड़ता ही है।
फिर हेलीकॉप्टर वाले मामले से लोगों का ध्यान हटाना भी जरूरी था कि नहीं?
2 comments:
भारतीय नागरिक - Indian Citizen
February 23, 2013 at 10:54 AM
ये भी बड़ी मेहनत का काम है-इन्तजार.
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प्रवीण पाण्डेय
February 23, 2013 at 4:15 PM
इन्तजार का फल सुना था कि मीठा होता है..
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ये भी बड़ी मेहनत का काम है-इन्तजार.
ReplyDeleteइन्तजार का फल सुना था कि मीठा होता है..
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