tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post3828886312227713238..comments2024-02-01T17:17:24.739+05:30Comments on धान के देश में!: जरूरी थोड़े ही है कि हर कोई मुझे पढ़ेAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-54304805703414230072010-06-22T09:46:39.405+05:302010-06-22T09:46:39.405+05:30@ अंजोर दास
सही फरमा रहे हैं आप! मेरे पास फालतू ल...@ अंजोर दास<br /><br />सही फरमा रहे हैं आप! मेरे पास फालतू लिखने के अलावा और कुछ काम नहीं है। अपने फालतू लेखन पर मुझे गर्व भी है। पर मुझे हँसी आती है आप जैसे लोगों पर जिनके पास अपना प्रोफाइल बनाने तक के लिये समय नहीं है किन्तु फालतू चीजें पढ़ने और पढ़कर टिप्पपणी करने के लिये बहुत वक्त रहता है।<br /><br />बुरा जो देखन मैं चला .....Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-23681415742389067062010-06-22T01:05:06.588+05:302010-06-22T01:05:06.588+05:30आपके पास फ़ालतु बकवास लिखने के अलावा कुछ और भी है क...आपके पास फ़ालतु बकवास लिखने के अलावा कुछ और भी है क्या? <br />कभी इसकी कभी उसकी में ब्लाग चल रहा है। क्या इसे ही सार्थक लेखन कहते हैं?<br /><br />आपै खारी खात है और बेचत फ़िरे कपूरUnknownhttps://www.blogger.com/profile/07435223563026040996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-16415151774691915542010-06-21T22:53:39.636+05:302010-06-21T22:53:39.636+05:30आप सही लिख रहे हैं कि प्रत्येक व्यक्ति अपनी पसन्...आप सही लिख रहे हैं कि प्रत्येक व्यक्ति अपनी पसन्द के विषय ही पढ़ता है और कम से कम मैं तो। जब हम अपनी पसन्द के विषयों को ही लिख पाते हैं तब दूसरों से क्यों उम्मीद करें कि वे हमारी पसन्द का पढे। ब्लाग जगत ज्ञानवर्द्धन का प्लेटफार्म है जिसे जैसा ज्ञान लेना है ले। बस कठिनाई तभी होती है जब इसे हम ज्ञान देने का केन्द्र मान लेते हैं और अधिक टिप्पणी नहीं आने पर दुखी होते हैं।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-39011155427056117172010-06-21T22:43:15.221+05:302010-06-21T22:43:15.221+05:30मैं हूं 151 वां, टिप्पणी करने से मैं भी कतराता हू...मैं हूं 151 वां, टिप्पणी करने से मैं भी कतराता हूं.36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-52752407939571145442010-06-21T19:13:31.786+05:302010-06-21T19:13:31.786+05:30हमें तो आपको पढना अच्छा लगता है...हाँ बेशक कभी टिप...हमें तो आपको पढना अच्छा लगता है...हाँ बेशक कभी टिप्पणी न कर पाएं वो एक अलग बात है.Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-60523640572593823812010-06-21T17:30:19.469+05:302010-06-21T17:30:19.469+05:30अच्छा लिखते रहें , लोग पढेंगे भी और टिपण्णी भी दें...अच्छा लिखते रहें , लोग पढेंगे भी और टिपण्णी भी देंगे। <br />ब्लोगिंग की परिभाषा से सहमत।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-72988950474526665932010-06-21T17:04:15.469+05:302010-06-21T17:04:15.469+05:30लॊ झी हम ने पढ भी लिया ओर टिपण्णी भी देदी, वेसे जर...लॊ झी हम ने पढ भी लिया ओर टिपण्णी भी देदी, वेसे जरुरी तो कुछ भी नही:)राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-11326267423928814652010-06-21T16:29:49.794+05:302010-06-21T16:29:49.794+05:30@ अच्छी तथा ज्ञानवर्धक जानकारी से अवगत करा कर भाषा...@ अच्छी तथा ज्ञानवर्धक जानकारी से अवगत करा कर भाषा, समाज, देश और अधिक से अधिक लोगों का कल्याण करते हुए स्वयं का भी हित साध लेना ही ब्लोगिंग का उद्देश्य होना चाहिये।<br />--- आपसे पूरी तरह सहमत हूं।<br />आपके विचार सदैव सार्थक और आलेख अत्यंत ही महत्वपूर्ण एवं शिक्षाप्रद होते हैं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-35888732454595102162010-06-21T16:15:51.926+05:302010-06-21T16:15:51.926+05:30हम आप को पढ़ते हैं, खूब पढ़ते हैं पर क्या ये जरूरी...हम आप को पढ़ते हैं, खूब पढ़ते हैं पर क्या ये जरूरी है कि हर बार पढ़ें ही और पढ़ें तो टिप्पणी भी करें।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-80500145053116428572010-06-21T13:26:19.203+05:302010-06-21T13:26:19.203+05:30ापना लिखा दूसरे पढें ये हर कोई चाहता है और टिप्पणी...ापना लिखा दूसरे पढें ये हर कोई चाहता है और टिप्पणी भी। फिर बवाल किस बात का ? आपको हम पढ रहे हैं ना शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-46647305767215177372010-06-21T12:02:48.329+05:302010-06-21T12:02:48.329+05:30that's true spirit... i agree...that's true spirit... i agree...रंजन (Ranjan)https://www.blogger.com/profile/04299961494103397424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-43975745204339039312010-06-21T11:49:13.077+05:302010-06-21T11:49:13.077+05:30जिसे पढना होगा, वह तो पढेगा ही।जिसे पढना होगा, वह तो पढेगा ही।Amit Sharmahttps://www.blogger.com/profile/15265175549736056144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-67199181184985279132010-06-21T11:29:49.692+05:302010-06-21T11:29:49.692+05:30जिसे पढना होगा, वह तो पढेगा ही।जिसे पढना होगा, वह तो पढेगा ही।Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.com