tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post4287989809470745419..comments2024-02-01T17:17:24.739+05:30Comments on धान के देश में!: क्या हिन्दी का कम से कम एक ब्लॉग ऐसा नहीं बन सकता जो पूरी दुनिया में धूम मचा दे?Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-72877301091863197622010-02-10T18:56:34.137+05:302010-02-10T18:56:34.137+05:30पता नहीं की आप इस पुरानी पोस्ट की टिप्पड़ी को पढ...पता नहीं की आप इस पुरानी पोस्ट की टिप्पड़ी को पढेंगे की नहीं पर अगर पढ़े तो जरा एब बार उस बेनामी की टिप्पड़ी को आपकी ही इस पोस्ट के प्रकाश में देखिये जो उसने "इन्द्रधनुष"वाली आपकी पोस्ट में की थी<br /><br />उसने बेनामी टिप्पड़ी कर के गलत किया पर आपके सरे समर्थक तो उस पर बुरी तरह से टूट पड़े थे उसकी बात को एक बार समझिये तोअंकित कुमार पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/02401207097587117827noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-32903947804351717312010-02-05T07:38:57.996+05:302010-02-05T07:38:57.996+05:30अवधिया जी,
कोई ऐसा चुंबक नहीं मिल सकता जो पाठकों ...अवधिया जी, <br />कोई ऐसा चुंबक नहीं मिल सकता जो पाठकों को खुद-ब-खुद खींच कर ले आए...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-51412801860704096112010-02-05T00:29:37.421+05:302010-02-05T00:29:37.421+05:30सारथी
हिन्दी, हिन्दुस्तान एवं ईसा के चरणसेवक शास्त...सारथी<br />हिन्दी, हिन्दुस्तान एवं ईसा के चरणसेवक शास्त्री फिलिप का बौद्धिक शास्त्रार्थ चिट्ठा!! (2008 का औसत: 500,000 हिटस प्रति महीने!!डॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-25500027485401772832010-02-04T01:29:56.113+05:302010-02-04T01:29:56.113+05:30बहुत सही लिखा है आपने. काश ऐसा हो पाता?
आप अनुभवी ...बहुत सही लिखा है आपने. काश ऐसा हो पाता?<br />आप अनुभवी हैं स्वयं देखिये कि आज हिंदी में ब्लॉग पर क्या लिखा जा रहा है? ब्लॉग एक रोजनामचा की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. हम भी इसके अपवाद नहीं हैं.<br />ज्यादातर लिखा वो जा रहा है जो समाचारों को पढ़ कर या किसी दूसरे ब्लॉग को पढ़ कर प्रतिक्रिया में हमारे मन में उपजता है.<br />विषय गंभीर और चिंतन वाला चुना है आपने. हम अब आगे से प्रयास करेंगे कि आपकी बात का कुछ तो पालन कर सकें.<br />================================<br /><b>जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड</b>राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगरhttps://www.blogger.com/profile/16515288486352839137noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-29928013024097775292010-02-04T00:16:30.575+05:302010-02-04T00:16:30.575+05:30आपकी इस पोस्ट नें तो हमारे अन्दर भी एक नवीन उर्जा ...आपकी इस पोस्ट नें तो हमारे अन्दर भी एक नवीन उर्जा का संचार कर डाला वर्ना तो यहाँ रोज रोज की खिटपिट देख देखकर मन ब्लागिंग से बिल्कुल ऊब ही चुका था....बाकी नरेश राठौड जी का कहना बिल्कुल सही है कि अधिकतर ब्लागर जो कि अपने अपने विषय के जानकार हैं, उन पर लिखने की बजाय सिर्फ शौक को पूरा करने के लिए ब्लागिंग में जुटे हुए हैं। शौक पूरा करने के साथ साथ यदि ज्ञान विस्तार का उदेश्य लेकर चला जाए तो ही ऎसे किसी मुकाम तक पहुँचा जा सकता है........Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-43819893944019730432010-02-03T18:35:32.418+05:302010-02-03T18:35:32.418+05:30जहाँ तक मैं मानता है ......कुछ लोग इस कोशिश की ओर ...जहाँ तक मैं मानता है ......कुछ लोग इस कोशिश की ओर अग्रसर है ......Devhttps://www.blogger.com/profile/05009376638678868909noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-84244036697124415162010-02-03T17:19:17.271+05:302010-02-03T17:19:17.271+05:30गुरुदेव आपका प्रतिदि्न का मार्गदर्शन बहुत ही लाभ द...गुरुदेव आपका प्रतिदि्न का मार्गदर्शन बहुत ही लाभ दायक है और हम आपके कहे अनुसार चलने की कोशिश कर रह हैं, कृपया इसी तरह मार्गदर्शन करते रहें । आभारब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-50095343183869316992010-02-03T14:08:50.406+05:302010-02-03T14:08:50.406+05:30श्री अवधिया जी , आपने बात तो मुद्दे की उठायी है | ...श्री अवधिया जी , आपने बात तो मुद्दे की उठायी है | सभी ब्लोग्गर इस पर विचार करे तो शायद यह सम्भव है | इसका कारण है कि जो भी लिखता है वह अपना निजी शौक पूरा करने के लिए लिखता है | जिस प्रोफेसन में काम करता है या जिसका उसे ज्यादा ज्ञान है उस विषय पर नहीं लिखना ही कारन है | जैसी कि कोइ डॉक्टर है लेकिन वो कविता का ब्लॉग बना कर बैठे है | तकनीकी विषय इस प्रकार के विषय है जिन कि आज हिन्दी में बहुत जरूत है |naresh singhhttps://www.blogger.com/profile/16460492291809743569noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-26444230475281628202010-02-03T12:58:56.928+05:302010-02-03T12:58:56.928+05:30अवधिया जी, जब तक विषय आधारित लेखन नहीं होगा, सर्च ...अवधिया जी, जब तक विषय आधारित लेखन नहीं होगा, सर्च इंजन से पाठक नहीं आएंगे। <a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">'साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन'</a> इसी दिशा में आप सबके सहयोग से चल रहा एक छोटा सा प्रयास है। हम आशा करते हैं कि एक दिन ऐसा अवश्य आएगा।<br />..और हाँ, उसपर बहुत दिनों से आपकी कोई पोस्ट नहीं आई। आशा है यह इंतजार लम्बा नहीं खिंचेगा।Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-72238697553274175622010-02-03T11:59:30.113+05:302010-02-03T11:59:30.113+05:30अगर काम की बात लिखी जाएगी तो धूम मचेगी. यहाँ टिप्प...अगर काम की बात लिखी जाएगी तो धूम मचेगी. यहाँ टिप्पणी के लिए ज्यादा लिखा जाता है. <br /><br />तकनीक पर लिखो, नया लिखो, हिन्दी तर लोग आएंगे.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-63018119692071302362010-02-03T11:48:17.567+05:302010-02-03T11:48:17.567+05:30उसने कहा था, काल की आप बात कर रहे हैं। उस समय कागज...उसने कहा था, काल की आप बात कर रहे हैं। उस समय कागज पर लिखे को और हिन्दी में लिखे को पढ़ने का रिवाज था लेकिन आज अंग्रेजी को पढ़ने का रिवाज है। समय समय की बात है, कभी अपने भी दिन फिरेंगे, देखते रहिए।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-50127185103199042682010-02-03T11:40:40.420+05:302010-02-03T11:40:40.420+05:30अवधिया जी प्रोत्साहित करने के लिये धन्यवाद शायद इस...अवधिया जी प्रोत्साहित करने के लिये धन्यवाद शायद इसका एक कारन भी है कि मेरे जैसे तेकनालोजी से अनजान लोग उस पोस्ट को प्रसारित प्रचारित नही कर पाते। धन्यवादनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-11025213023330105422010-02-03T11:15:29.698+05:302010-02-03T11:15:29.698+05:30Saloni
"कोई तो बनायेगा ही"
आप क्यों नह...Saloni<br /><br />"कोई तो बनायेगा ही"<br /><br />आप क्यों नहीं?<br /><br />खुदी को कर बुलंद इतना के हर तकदीर से पहले<br />खुदा बन्दे से ये पूछे बता तेरी रजा क्या हैAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-85235981786291879402010-02-03T11:03:18.830+05:302010-02-03T11:03:18.830+05:30कोई तो बनायेगा ही
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