tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post4306349755068373872..comments2024-02-01T17:17:24.739+05:30Comments on धान के देश में!: सेवा? व्यापार? या लूट?Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-84150318835773364702010-11-13T17:04:04.520+05:302010-11-13T17:04:04.520+05:30पूरा व्यवसाय बन गया है शिक्षातन्त्र। पता नहीं अर्थ...पूरा व्यवसाय बन गया है शिक्षातन्त्र। पता नहीं अर्थग्रस्तता से कब निकलेंगे हम।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-2686036027881325162010-11-12T22:37:17.842+05:302010-11-12T22:37:17.842+05:30सही बात है ...आज शिक्षा और चिकित्सा दोनों ही लूट र...सही बात है ...आज शिक्षा और चिकित्सा दोनों ही लूट रहे हैं ...और हम लुट भी रहे हैं ....बहिष्कार तो समवेत स्वर में होना चाहिए ...अपनी ढपली अपना राग ले कर कौन लड़ पाया है ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-41603370699247725112010-11-12T20:25:51.394+05:302010-11-12T20:25:51.394+05:30ये सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी क्षेत्र का भ्...ये सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी क्षेत्र का भ्रष्टाचार है...भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-33478022962681648172010-11-12T19:04:59.656+05:302010-11-12T19:04:59.656+05:30सब व्यापार है
कोई सेवा नहीं
धर्मार्थ चिकित्सालय म...सब व्यापार है <br />कोई सेवा नहीं<br />धर्मार्थ चिकित्सालय में हम गये और अंत में 50 रूपये देकर ही बाहर आयेM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-67214225209229256632010-11-12T18:43:28.817+05:302010-11-12T18:43:28.817+05:30अवधिया जी,
हमने कभी भी ऐसे व्यापारिक स्कूलों में...अवधिया जी,<br />हमने कभी भी ऐसे व्यापारिक स्कूलों में बच्चों को नहीं पढाया। जिस दिन एक स्कूल ने ऐसा ही व्यापार शुरू किया हमने बच्चों को निकाल लिया। यह सच है कि जनता ही उन्हें लूट का अवसर देती है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-8804571425660531342010-11-12T17:58:44.229+05:302010-11-12T17:58:44.229+05:30@ ajit gupta
मैं मुगालते में नहीं हूँ अजित जी, सब...@ ajit gupta<br /><br />मैं मुगालते में नहीं हूँ अजित जी, सब जानता हूँ। और मेरी ही तरह अन्य सभी लोग जानते हैं। जब हम सभी जानते हैं कि हमें लूटा जा रहा है तो फिर इनकी दूकानें तो बंद हो जानी चाहिए ना? किन्तु बन्द नहीं होतीं ये दूकानें बल्कि दिन दूनी और रात चौगुनी तरक्की ही करती जाती हैं। कारण सिर्फ यह है कि हम सब स्वयं को लुटाना चाहते हैं।<br /><br />यदि सभी मिलकर इनका बहिष्कार करने की ठान लें तो इनकी लूट अपने आप ही बंद हो जाएगी।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-88112333261747289932010-11-12T17:53:08.897+05:302010-11-12T17:53:08.897+05:30ये सभी संस्थाएं व्यापार ही तो कर रही हैं, आप अभी...ये सभी संस्थाएं व्यापार ही तो कर रही हैं, आप अभी तक किस मुगालते में थे? बड़े-बड़े डोनेशन भी देने पड़ते हैं स्कूलों में।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-50242593754413924692010-11-12T17:46:44.672+05:302010-11-12T17:46:44.672+05:30अजी फीस तो डॉक्टर साहब उस लैब वाले से भी लेंगें।
औ...अजी फीस तो डॉक्टर साहब उस लैब वाले से भी लेंगें।<br />और आजकल तो जुराबें,मौजें तक स्कूल से खरीदने पडते हैं, 10 रुपये के मौजें 50 रुपये में।<br /><br />प्रणामअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.com