tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post5279334194518330694..comments2024-02-01T17:17:24.739+05:30Comments on धान के देश में!: कितना हित हो रहा है हिन्दी का हिन्दी ब्लोगिंग से?Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-56018287663686976422010-03-26T10:22:56.913+05:302010-03-26T10:22:56.913+05:30अवधिय जी, आपकी चिन्ता वाजिब है...इस विषय में हम भी...अवधिय जी, आपकी चिन्ता वाजिब है...इस विषय में हम भी कुछ आप जैसे ही विचार रखते हैं!Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-34783471438996049452010-03-26T09:39:55.320+05:302010-03-26T09:39:55.320+05:30चलिये एक पाडकास्ट किये लेते हैं इस मुद्दे परचलिये एक पाडकास्ट किये लेते हैं इस मुद्दे परबाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-51176302649566114382010-03-26T09:21:58.283+05:302010-03-26T09:21:58.283+05:30अवधिया जी,
मैं कभी भी व्यक्तिगत नहीं लेती हूँ लेक...अवधिया जी,<br />मैं कभी भी व्यक्तिगत नहीं लेती हूँ लेकिन यह बताएं कि विकिपीडिया के लेखक कौन हैं? क्या ब्लागर ही विकिपीडिया लिख रहे हैं? आप तो यह स्पष्ट करें कि हमें कैसा और किस विषय पर लिखना चाहिए। एक बात और साहित्य और भाषा दोनों में बहुत अन्तर है। जो लोग भाषा वैज्ञानिक हैं वे हिन्दी के लिए कार्य कर रहे हैं। साहित्यकार तो केवल लिखता है। यहाँ ब्लागिंग में ना तो पूर्णतया भाषा वैज्ञानिक हैं और ना ही साहित्यकार। यहाँ तो हर आम आदमी भी है। विषय विशेष के लिए लिखने वाले ब्लागर नहीं होते। अंग्रेजी और हिन्दी की तुलना से हम कुछ हासिल नहीं कर सकते। इस विषय पर अलग से बहस की जा सकती है। आप तो केवल एक बिन्दु हमें बताए फिर उस पर सार्थक बहस हो।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-14652382358650099552010-03-26T01:09:46.590+05:302010-03-26T01:09:46.590+05:30अवधिया जी मेरी नजर मै हिंदी का स्तर आज बहुत अच्छा ...अवधिया जी मेरी नजर मै हिंदी का स्तर आज बहुत अच्छा है , आप अग्रेजी को मारो गोली, हम हमेशा तुलना ही क्यो करे?राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-28831614309923972622010-03-25T23:35:03.835+05:302010-03-25T23:35:03.835+05:30मै अवधिया जी के कमेन्ट से एकदम सहमत हूँ ! अध्ययन ब...मै अवधिया जी के कमेन्ट से एकदम सहमत हूँ ! अध्ययन बहुत ज़रूरी है ... जब कच्चा माल ही न होगा तो प्रोडक्शन क्या ख़ाक होगा ...<br />एक सूक्ति जो मुझे अक्सर याद आ जाता है <br /><br />"महत्व पूर्ण ये नहीं कि हमें विरासत में क्या मिला"<br />"महत्वपूर्ण या है कि हम विरासत में क्या दे रहे हैं"Padm Singhhttps://www.blogger.com/profile/17831931258091822423noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-79430757106815027572010-03-25T18:38:01.685+05:302010-03-25T18:38:01.685+05:30मैं भी आपके साथ चिंतित हो गया.मैं भी आपके साथ चिंतित हो गया.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-49950626359372622532010-03-25T18:07:57.617+05:302010-03-25T18:07:57.617+05:30कई लोग लोग सही मायनों में हम सब को कुछ न कुछ ज्ञा...कई लोग लोग सही मायनों में हम सब को कुछ न कुछ ज्ञान दे रहे हैं लेकिन ज्यादा लोग अपना और हम सब का समय ही जाया कर रहे है.उम्मीद पर दुनिया कायम है.<br />अच्छा चेताया आपनें.धन्यवाद.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-17952397309330300832010-03-25T18:06:55.645+05:302010-03-25T18:06:55.645+05:30आलेख के माध्यम से सोच और चिंता जायज है लेकिन यह क्...आलेख के माध्यम से सोच और चिंता जायज है लेकिन यह क्या अवधिया जी .... <br />"मेरे विषय में यदि कोई गलत राय बना भी लेता है तो क्या फर्क पड़ना है मुझे उससे?"Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-21631070073130705992010-03-25T18:06:04.310+05:302010-03-25T18:06:04.310+05:30डॉ. श्रीमती अजित गुप्ता जी,
आप मेरी बात को व्यक्त...डॉ. श्रीमती अजित गुप्ता जी,<br /><br />आप मेरी बात को व्यक्तिगत तौर पर न लें। यदि आप अंग्रेजी ब्लोगिंग और हिन्दी ब्लोगिंग के स्तर की तुलना करके देखेंगी तो स्वयं ही मेरी असंतुष्टि का कारण समझ लेंगी। अधिक नहीं सिर्फ अंग्रेजी विकीपेडिया के किसी एक लेख को पढ़ लें और हिन्दी विकीपेडिया के किसी एक लेख को, अन्तर स्पष्ट दिख जायेगा। अच्छा स्तर बनाने के लिये शोध और परिश्रम करना पड़ता है जो कि कोई करना ही नहीं चाहता।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-59783698476238307372010-03-25T17:57:56.772+05:302010-03-25T17:57:56.772+05:30हमें आपकी असंतुष्टि समझ नहीं आ रही है। हम साहित्य...हमें आपकी असंतुष्टि समझ नहीं आ रही है। हम साहित्य क्षेत्र के लिए लिखते हैं तो विभिन्न विधाओं का लेखन करते हैं और कोशिश यह रहती है कि वो सार्थक हो। अशुद्धियों पर भी हमारी पैनी दृष्टि रहती है। जब लोग विधा विशेष में नहीं लिखते हैं तो उसको भी आगाह करते हैं। और आप बताएं कि क्या करें?अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-15488144353325558012010-03-25T15:55:42.783+05:302010-03-25T15:55:42.783+05:30अपन काम (यानी सेक्स नहीं. कार्य सम्बन्धी) की चीज ख...अपन काम (यानी सेक्स नहीं. कार्य सम्बन्धी) की चीज खोजते रशीयन ब्लॉग तक चले जाते है. तात्पर्य यह है कि काम आने वाला लिखो, हिन्दीतर लोग आएंगे.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-43394306079373435552010-03-25T15:25:26.155+05:302010-03-25T15:25:26.155+05:30सराहनीय पोस्ट, शुभकामनाएं.
रामराम.सराहनीय पोस्ट, शुभकामनाएं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-62161452469174958822010-03-25T12:50:28.472+05:302010-03-25T12:50:28.472+05:30अनुनाद सिंह जी,
मेरी बात पर आपने ध्यान दिया इसके ...अनुनाद सिंह जी,<br /><br />मेरी बात पर आपने ध्यान दिया इसके लिये धन्यवाद! हमारे ब्लोगर इतने भोले भी नहीं हैं कि उन्हें उँगली पकड़ कर चलाया जाये। कम से कम इतनी समझ तो सभी में है कि विषय आधारित लेखन करने से और जानकारीपूर्ण सामग्री देने से न केवल हिन्दी बल्कि सभी का भला होगा। प्रत्येक व्यक्ति की अपनी कुछ विशेष रुचियाँ होती हैं और उनसे सम्बन्धित विषय या विषयों में उसे विशिष्टता प्राप्त हो जाती है। कितना अच्छा हो यदि लोग अपनी विशिष्ट जानकारी को अपनी पोस्ट की सामग्री बनायें। जैसे फोटोग्रॉफी में विशेष जानकारी रखने वाला उसी विषय में लिखे, ग्राफिक्स में महारथ रखने वाला ग्राफिक्स की जानकारी दे।<br /><br />मेरा यह भी आशय है नहीं है कि लोग अपने साहित्य सृजन को व्यक्त ही न करें, अपनी कृतियों को भी प्रदर्शित करना आवश्यक है किन्तु विशिष्ट जानकारी देने के लिये विषय आधारित अलग ब्लोग बनाये जा सकते हैं।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-2282243813454530512010-03-25T12:27:29.208+05:302010-03-25T12:27:29.208+05:30इस विषय पर बार-बार ध्यान आकृष्ट कराने के लिये साधु...इस विषय पर बार-बार ध्यान आकृष्ट कराने के लिये साधुवाद। किन्तु इससे अच्छा होता कि आप सरल रूप में बताते कि ब्लागरों को क्या-क्या और करना चाहिये जिससे हिन्दी का मार्ग निष्कंटक होता रहे।अनुनाद सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05634421007709892634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-48384327240287847662010-03-25T12:15:02.424+05:302010-03-25T12:15:02.424+05:30सर, आपने बिलकुल ठीक कहा. आपकी चिंता जायज है. हिंदी...सर, आपने बिलकुल ठीक कहा. आपकी चिंता जायज है. हिंदी का भला नहीं हो रहा है. आपने एक अच्छा विषय उठाया. इसके लिए आपको साधुवाद और बधाई.Birendrahttps://www.blogger.com/profile/14623618845891040472noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-16247316379387274132010-03-25T10:09:56.605+05:302010-03-25T10:09:56.605+05:30आपकी चिन्त्ता और बात दोनों ही जायज़ है ..कम से कम य...आपकी चिन्त्ता और बात दोनों ही जायज़ है ..कम से कम ये प्रयास तो किया ही जा सकता है कि टाइपिंग में गल्ती ना हो...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-82193508751583289052010-03-25T09:54:06.532+05:302010-03-25T09:54:06.532+05:30जय हो गुरुदेव
आपके हुक्म की तामिल होगी।
धन्यवादजय हो गुरुदेव<br />आपके हुक्म की तामिल होगी।<br /><br />धन्यवादब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-28848956466523522722010-03-25T09:53:10.362+05:302010-03-25T09:53:10.362+05:30अवधिया जी बिल्कुल सही कह रहे हैं आप और आपकी चिंता ...अवधिया जी बिल्कुल सही कह रहे हैं आप और आपकी चिंता भी जायज है,मगर ब्लागिंग के नाम पर चाहे ब्लागरों के लिये ही क्यों न हो,आत्मसंतुष्टी के लिये ही क्यों न हो कुछ तो लिखा जा रहा है।ये शुरूआत है हो सकता है धीरे-धीरे सुधार आ जाये।उम्मीद तो कर ही सकते हैं।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.com