tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post5620224759649120151..comments2024-02-01T17:17:24.739+05:30Comments on धान के देश में!: डॉक्टर हैं पर क्यों दे अपने ब्लोग में डॉक्टरी जानकारी? ... बेवकूफ समझ रखा है हमें?Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-25974683115501868842010-03-13T11:56:39.572+05:302010-03-13T11:56:39.572+05:30ऐसी खतरनाक सलाह न दीजिये वरना नीम हकीमों की बन आये...ऐसी खतरनाक सलाह न दीजिये वरना नीम हकीमों की बन आयेगी ,,आधी सलाह ब्लॉग मे देंगे और बाकी के लिये " हमारे दवाखाने में पधारिये " हाहाहा ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-45425466785166508032010-03-11T19:00:14.086+05:302010-03-11T19:00:14.086+05:30जेनरिक और इथिकल
बहुत ही बढ़िया यह पोस्ट भी है मिरा...जेनरिक और इथिकल<br />बहुत ही बढ़िया यह पोस्ट भी है मिराक्कल<br />मुझे भी याद आ गया दाल का पानी रोटी का<br />छिलका खाना है मरीज को यह बताने के लिए<br />बड़े अस्पतालों में डाइटीशियन होते हैं जिनकी फीस<br />रुपये २००/- प्रति दिन होती है.सूर्यकान्त गुप्ताhttps://www.blogger.com/profile/05578755806551691839noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-56320638436542889742010-03-11T04:16:09.239+05:302010-03-11T04:16:09.239+05:30:) :) :)
गुदगुदी करना, बचपन से सीखा है कि इसी उम...:) :) :) <br /><br />गुदगुदी करना, बचपन से सीखा है कि इसी उम्र में डिग्री ली है।<br /><br /> जब आता हूँ आप गुदगुदी कर देते हैं :) :)Manishhttps://www.blogger.com/profile/01119933481214029375noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-39888776070487086612010-03-10T23:08:33.141+05:302010-03-10T23:08:33.141+05:30अच्छा व्यंग और मज़ेदार टिप्पणियांअच्छा व्यंग और मज़ेदार टिप्पणियांवर्षाhttps://www.blogger.com/profile/01287301277886608962noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-14482010831906201102010-03-10T21:27:07.695+05:302010-03-10T21:27:07.695+05:30ावधिया जी आपसे सहमत हूँ। शुभकामनायेंावधिया जी आपसे सहमत हूँ। शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-71371789222439837342010-03-10T20:56:15.678+05:302010-03-10T20:56:15.678+05:30आजकल इंटरनेट भरा पड़ा है जानकारियों से . ब्लॉग भी ...आजकल इंटरनेट भरा पड़ा है जानकारियों से . ब्लॉग भी उसका एक अंग है . और छुपता तो कुछ नहीं आजकल केवल काले धन को छोडकर .डॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-85329796925158483882010-03-10T20:14:48.384+05:302010-03-10T20:14:48.384+05:30आपके इस कथन से हम भी सहमत हैं कि ब्लागिंग को सिर्फ...आपके इस कथन से हम भी सहमत हैं कि ब्लागिंग को सिर्फ अपने शौकपूर्ती, टाईमपास का साधन न बनाकर...बल्कि अपने ज्ञान का सदुपयोग भी करना चाहिए...Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-82952841209330710022010-03-10T19:54:35.873+05:302010-03-10T19:54:35.873+05:30भैया, इधर इंजीनियर के ब्लॉग पर भी कभी-कभी झांक लिय...भैया, इधर इंजीनियर के ब्लॉग पर भी कभी-कभी झांक लिया करें....<br />लड्डू बोलता है ....इंजीनियर के दिल से...<br />http://laddoospeaks.blogspot.comकृष्ण मुरारी प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/00230450232864627081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-91997358148154179812010-03-10T18:57:49.317+05:302010-03-10T18:57:49.317+05:30अवधिया जी , क्या बात है !
पहले हैडमास्टर , फिर डॉक...अवधिया जी , क्या बात है !<br />पहले हैडमास्टर , फिर डॉक्टर , और ड्रग्स कंट्रोलर !<br />आप तो डंडा लेकर पीछे ही पड़ गए । लेकिन ये एथिकल दवा क्या होती है ?<br /><br />वैसे आपकी बात में कहीं तो दम है ।<br />बस पोस्ट का टाइटल अच्छा नहीं लगा।<br />जहाँ तक लेखन की बात है , ब्लोगिंग का यही तो चार्म है की जो चाहे लिखो, पर सार्थक लिखो ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-25431449765620343172010-03-10T16:57:39.746+05:302010-03-10T16:57:39.746+05:30आज तो अवधिया जी डॉक्टरी करने वाले ब्लॉगर से कुछ ज्...आज तो अवधिया जी डॉक्टरी करने वाले ब्लॉगर से कुछ ज्यादा ही अनुराग दिखा रहे हैं :-)बसंतीhttps://www.blogger.com/profile/05563723975660079541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-88787263256969383482010-03-10T15:35:58.480+05:302010-03-10T15:35:58.480+05:30मिहिरभोज जी,
यह पोस्ट किसी व्यक्तिविशेष पर व्यक्त...मिहिरभोज जी,<br /><br />यह पोस्ट किसी व्यक्तिविशेष पर व्यक्तिगत आक्षेप नहीं है। मैं तो सिर्फ यह चाहता हूँ कि हिन्दी में अधिक से अधिक विषयआधारित और जानकारीपूर्ण ब्लोग बनें ताकि अधिक से अधिक लोग उनका लाभ ले सकें। मेरी लिखने की शैली अवश्य ही व्यंगात्मक रहती है किन्तु मेरा उद्देश्य कभी भी किसी को किंचितमात्र क्लेष पहुँचाना नहीं रहता। <br /><br />यदि मेरे इस पोस्ट से आपकी भावनाओं को जरा भी ठेस पहुँची हो तो मैं क्षमाप्रार्थी हूँ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-46619611194952885372010-03-10T15:27:05.207+05:302010-03-10T15:27:05.207+05:30दागदर(डाक्टर) साब से सहमत.......
और भाटिया जी से भ...दागदर(डाक्टर) साब से सहमत.......<br />और भाटिया जी से भी........<br />सेवा भाव और ईमानदार लोग कम ही रह गये हैं..<br />दुर्लभ....हैं....<br />डाक्टर साहब का दूसरा ब्लाग देखा है जिस पर चर्मरोग से सम्बन्धित काफी जानकारी दी गयी हैं..भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-86510817705214855882010-03-10T13:51:41.826+05:302010-03-10T13:51:41.826+05:30जी.के. अवधिया बहुत सही लिखा, लेकिन आज कल तो ९८% इन...जी.के. अवधिया बहुत सही लिखा, लेकिन आज कल तो ९८% इन डां को यह धंधा बन गया है, सेवा भाव कहां? ओर जो २% डां बचे है वो सही रास्ता ही दिखाते है, लेकिन लोग उन के पास जाते ही कम है, बहुत से डां यह सब जानकारी देते है नेट पर, जेसे हमारे डां चोपडा साहब जी, उन के ब्लांग पर हमेशा अच्छी जानकारी ही मिलती है सेहत के लिये.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-7195684094495543062010-03-10T13:22:43.892+05:302010-03-10T13:22:43.892+05:30प्राचीन काल में हर पेशा उससे जुडे लोगों के लिए कमा...प्राचीन काल में हर पेशा उससे जुडे लोगों के लिए कमाने खाने का साधन बना हुआ है .. इसलिए दूसरों के पास उसकी तकनीकी जानकारी नहीं पहुंच पाती थी .. पर सेवा तो लक्ष्य होता ही था .. पर वर्तमान युग में हर पेशा तो दूसरों को बेवकूफ बनाकर ऐय्याशी का जीवन जीने के लिए होता है .. मूल जानकारी दूसरों को दे दे .. तो पेशे का क्या होगा ??संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-86929974772989913262010-03-10T13:22:31.348+05:302010-03-10T13:22:31.348+05:30भाई जी कुछ समझ नहीं आया कि क्या लिखना चाहते हैं आप...भाई जी कुछ समझ नहीं आया कि क्या लिखना चाहते हैं आप....डाक्टर ,ब्लोग,कमीशन बाजी.....जहां तक मेरा खयाल है कि ये कोई जरूरी नहीं कि कोई सुनार होगा तो वो गहनों पर ही ब्लोग लिखेगा या के कोई इंजिनियर हो तो वो सिर्फ अपने विषय पर ही लिखें ....लेखन एक शौक है...और कौन किस विषय पर लिखता है इस बात पर पहरेदारी ...क्या आप चाहेंगे ...ये तो आत्मा की आवाज है कौन क्या लिखेगा...खैर मेरे दो ब्लोग हैं समय मिले तो जरूर देखियेगा drdhabhai.blogspot.com,mihirbhoj.blogspot.comdrdhabhaihttps://www.blogger.com/profile/07424070182163913220noreply@blogger.com