tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post5834679069927926027..comments2024-02-01T17:17:24.739+05:30Comments on धान के देश में!: प्रसन्नता की बात है कि हम ब्लोगर्स को माया नहीं व्यापती!Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-61473960639804632212010-05-11T23:30:38.529+05:302010-05-11T23:30:38.529+05:30माया महाठगिनी हम जानि :-)माया महाठगिनी हम जानि :-)Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-43070786180368537682010-05-11T09:16:26.358+05:302010-05-11T09:16:26.358+05:30सत्य वचन अवधिया जी।सत्य वचन अवधिया जी।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-46055291707198369722010-05-11T08:11:12.526+05:302010-05-11T08:11:12.526+05:30@अवधिया जी,
अब तो माया मिली न राम वाली स्थिति हो ...@अवधिया जी, <br />अब तो माया मिली न राम वाली स्थिति हो गई लगती है...<br /><br />@राज भाटिया जी<br />टंकी पर कोई चढ़ेगा कैसे, मैं जो बीच रास्ते में जाकर बैठ गया हूं...आपकी टंकी पर चढ़ने के लिए अब अमेरिका जैसे ही सख्त इमिग्रेशन रूल कर दिए गए हैं...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-55834460657346314852010-05-11T00:19:05.458+05:302010-05-11T00:19:05.458+05:30छिद्राण्वेशन करने में जो सुख है वह धन प्राप्त करने...छिद्राण्वेशन करने में जो सुख है वह धन प्राप्त करने में भला कहाँ है!<br />...यह भी एक नशा है..किसी को माया का नशा किसी को छिद्राण्वेशन का नाशा!देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-64535989513386508382010-05-10T21:19:04.580+05:302010-05-10T21:19:04.580+05:30मजा भी तो आता है टांग खिचाई मै... कई दिनो से कोई ट...मजा भी तो आता है टांग खिचाई मै... कई दिनो से कोई टंकी पर नही चढा?राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-90061702630190965892010-05-10T21:03:29.081+05:302010-05-10T21:03:29.081+05:30हम तो खुश हैं एक से एक विवाद करके? विवाद करने में,...हम तो खुश हैं एक से एक विवाद करके? विवाद करने में, एक-दूसरे की टाँगें खींचने में, छिद्राण्वेशन करने में जो सुख है वह धन प्राप्त करने में भला कहाँ है!<br /><br /><br />बहुत बढ़िया....बिलकुल सही कहा है कि हम सब इसीमें लगे हुए हैंसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-44104275255736375452010-05-10T19:39:15.020+05:302010-05-10T19:39:15.020+05:30बाबू देवकीनंदन खत्री का योगदान हिन्दी को आगे बढ़ान...बाबू देवकीनंदन खत्री का योगदान हिन्दी को आगे बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जाता है। आपके पास भूतनाथ है तो फिर डर कैसा। अरे.. आप तो वैसे भी जानदार इंसान हो.. डरते तो बिल्कुल भी नहीं हो।राजकुमार सोनीhttps://www.blogger.com/profile/07846559374575071494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-88966270331136253592010-05-10T16:12:51.443+05:302010-05-10T16:12:51.443+05:30अवधिया जी बहुत ही गंभीर विषय उठाया है और इसपे मेर...अवधिया जी बहुत ही गंभीर विषय उठाया है और इसपे मेरी राय यह है की ,ब्लॉग और ब्लोगिंग को अगर एक सच्चा और सार्थक साधन बनाना है ,देश और समाज में बदलाव के लिए तो हमें एक सच्चे आर्थिक आधार की भी जरूरत जरूर परेगी, नहीं तो ब्लॉग की सार्थकता भी उसी तरह दम तोर देगी, जैसे आज देश में पत्रकारिता और ज्यादातर सामाजिक आन्दोलन जनसहयोग के बिना दम तोर चुकी है या भ्रष्ट लोगों के पीछे दुम हिलाकर चल रही है / मैंने तो इसके लिए जनसहयोग के तौर पे 10 रुपया महिना हर इमानदार व्यक्ति से लेने की योजना बना रखी है और ये पैसा हर क्षेत्र के किसी न किसी समझदार ब्लोगर के अकाउंट में ही जमा करने की भी व्यवस्था की योजना है /जिससे आर्थिक तंगी की वजह से किसी खोजी ब्लोगर को ब्लोगिंग न छोरना परे और देश में खोजी ब्लोगिंग को बढ़ावा, ईमानदारी के साथ दिया जा सके ,साथ ही इसका विस्तार सदूर गावों तक किया जा सके / सवाल पैसे जन सहयोग से लेने का नहीं है, सवाल उस पैसे का ईमानदारी और जनहित में प्रयोग करने के तरीकों में पूरी पारदर्शिता की है / अभी इस योजना पर सुझावों और विचारों का सिलसिला चल रहा है,अगर आपके मन में भी कोई सुझाव हो तो हमें इ मेल से बताने का कष्ट जरूर करें /honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-64537137936522789712010-05-10T15:49:05.856+05:302010-05-10T15:49:05.856+05:30सही है जी टांग खिंचाई में जो आनंद है वो धन कमाई मे...सही है जी टांग खिंचाई में जो आनंद है वो धन कमाई में कहां?:)<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-18665509489987414362010-05-10T14:18:39.032+05:302010-05-10T14:18:39.032+05:30गुरूदेव माया के बहाने देवकीनंदन खत्री जी के भूतनाथ...गुरूदेव माया के बहाने देवकीनंदन खत्री जी के भूतनाथ को याद कराने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद. मैं जब नवीं कक्षा में था तब इस मोटे किताब को चांट डाला था, अईयारों के किस्से आज जीवंत हो गये. <br /><br />धन्यवाद.36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-13766857588907529262010-05-10T11:15:56.669+05:302010-05-10T11:15:56.669+05:30हिंदी के ब्लागर अपनी रचनात्मकता को मुखर रूप देने क...हिंदी के ब्लागर अपनी रचनात्मकता को मुखर रूप देने के लिए ब्लागिंग करते हैं, ना की धन के लिए. यही हालत हिंदी पत्र-पत्रिकाओं की भी है. अपने बेहतरीन विषय चुना..साधुवाद. <br />***************<br /><br />'शब्द सृजन की ओर' पर 10 मई 1857 की याद में..आप भी शामिल हों.KK Yadavhttps://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-66178038294170602392010-05-10T11:13:44.464+05:302010-05-10T11:13:44.464+05:30ज्यादा माया कमा के भी क्या करेंगे अवधिया साहब , मा...ज्यादा माया कमा के भी क्या करेंगे अवधिया साहब , माया की तरह खुद की मूर्तियाँ बनाने लगेंगे ! इसलिए हिंदी ब्लोगर्स उदारवादी है वो गूगुल का भला चाहते है ! अब गूगल को देखिये , बड़े जोर शोर से हिंदी को बढ़ावा देने के लिए है बात में दम प्रतियोगिता आयोजित की, विजेता घोषित किये गए, लेकिन विजेता इनाम की राह तकते रह गए ! और तो और मेल का जबाब देना भी अब मुनासिब नहीं समझते, गूगल वाले !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-70463473428397643102010-05-10T10:59:46.467+05:302010-05-10T10:59:46.467+05:30इससे पता चलता है कि हिन्दी के ब्लागर धनी है, तथा ब...<i>इससे पता चलता है कि हिन्दी के ब्लागर धनी है, तथा ब्लागिंग जैसे कार्य से उन्हे रुपए पैसे कमाने की जरुरत नहीं हैं। जिसके पास पर्याप्त पैसा है वही ब्लागिंग कर रहा है।<br /><br />इसके विपरीत अंग्रेजी ब्लागरों को धन की जरुरत है और वे धन कमाने ब्लागिंग में आए हैं। इससे उनके स्टैन्डर्ड का पता चल जाता है।<br /><br />आभार</i>ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.com