tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post6657033738153030591..comments2024-02-01T17:17:24.739+05:30Comments on धान के देश में!: धकड़िक फकछक धकड़िक फकछक और सुहानी रात ढल चुकी ...Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-20763460524999638102010-04-03T23:57:35.832+05:302010-04-03T23:57:35.832+05:30बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-89383426699799452582010-04-02T15:12:59.343+05:302010-04-02T15:12:59.343+05:30होगे हे अलकर गीत संगीत
होगे हे अलकर बोली
बन गे हे...होगे हे अलकर गीत संगीत<br />होगे हे अलकर बोली<br />बन गे हे सिद्धांत इनखर सिरफ<br />अब इसने च नाच अउ गा के भैया<br />भरबो अपन झोली<br />काय करबे अवधिया जी<br />टुकुर टुकुर निहारत रह, अउ इसने एमा गोहारत रह<br />जय जोहार ......सूर्यकान्त गुप्ताhttps://www.blogger.com/profile/05578755806551691839noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-39671320952898000252010-04-02T13:04:17.407+05:302010-04-02T13:04:17.407+05:30पुराने गानों के साथ रिमिक्स के नाम पर सामूहिक बलात...पुराने गानों के साथ रिमिक्स के नाम पर सामूहिक बलात्कार हो रहा है और मज़े की बात ये है कि कोई रोकने-टोकने वाला नही है।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-30192988159552489932010-04-02T10:58:13.252+05:302010-04-02T10:58:13.252+05:30गुरूदेव ये फक्क फक्क का ये कहि के चमक गे रेंहेंव...गुरूदेव ये फक्क फक्क का ये कहि के चमक गे रेंहेंव.<br /><br /><br />हा हा. ये एफएम हा तो मनोरंजन के नाम म गीत संगीत अउ हमर भाखा के कबाडा कर दे हे. जय हो साहेब, बंदगी.36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-58252110108336341922010-04-02T10:34:44.965+05:302010-04-02T10:34:44.965+05:30फ़िल्म इंडस्ट्री में ज्यादातर लोग आजकल पुराने माल ...फ़िल्म इंडस्ट्री में ज्यादातर लोग आजकल पुराने माल पर ही हाथ साफ़ कर रहे है, नया रचनात्मक तो कुछ है ही नहीं उनके पास !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7873472974131739342.post-10897361368139051492010-04-02T10:26:27.098+05:302010-04-02T10:26:27.098+05:30जय हो गुरुदेव
दि्शाएं द्स ही होती हैं
लेकिन दिशाही...जय हो गुरुदेव<br />दि्शाएं द्स ही होती हैं<br />लेकिन दिशाहीन चौराहे पर ही खड़ा रहता है।<br />रिमिक्स ने इतनी चोरी की है कि चोरी <br />अब चौर्यकर्म होकर सम्मान जनक स्थान पा रही है।<br /><br />जय होब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.com