धान के देश में!
जी.के. अवधिया का ब्लॉग
Monday, August 10, 2009
क्या कभी आपको ऐसा निमंत्रण मिला है?
मेरे ईमेल के द्वारा मुझे एक निमंत्रण मिला है। निमंत्रण कुछ ऐसा है कि
"
अपने
यहाँ
खाना
मत
,
मेरे
यहाँ
आना
मत
"
। आप भी इस निमंत्रण को देखें:
कैसा लगा निमंत्रण आपको?
यदि आप प्रेमचंद की कहानी 'बड़े भाई साहेब' पढ़ना चाहें तो
यहाँ
पढ़
सकते
हैं
।
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