हिन्दी ब्लोगिंग से कमाई कुछ भी नहीं होती, कमाई होना तो दूर अपने जेब के पैसे भी घुस जाते हैं। आखिर इंटरनेट कनेक्शन मुफ्त में थोड़े ही प्राप्त होता है। हिन्दी का ब्लोगर अपना बहुमूल्य समय और गाढ़ी कमाई खर्च करके ब्लोगिंग कर रहा है। आखिर क्यों? क्या उद्देश्य है ब्लोगिंग करने का?
बिना उद्देश्य के कोई कार्य नहीं होता। ब्लोगिंग करने के लिये भी अवश्य ही उद्देश्य हैं। ब्लोगिंग करने का उद्देश्य महज अपने विचारों को लोगों के समक्ष रखना ही है। ब्लोगिंग के रूप में एक बहुत अच्छा मंच मिल गया है अपने विचारों की प्रस्तुति के लिये।
स्वाभाविक है कि जब बहुत सारे लोग ब्लोगिंग करेंगे तो सभी एक बराबर तो रहेंगे नहीं, कुछ लोग आगे निकल जायेंगे और कुछ लोग पीछे रह जायेंगे। और ये आगे निकल जाना और पीछे रह जाना ही तरह-तरह के उठा-पटक पैदा करने लग जाता है; अनेक प्रकार के विवादों को जन्म देने लगता है। हम ब्लोगिंग करने के लिये आते हैं एक भला उद्देश्य लेकर किन्तु महत्ता प्राप्त करने के चक्कर में भूल जाते हैं अपने उद्देश्य को और जुट जाते हैं एक दूसरे को नीचा दिखाने में। तरह-तरह के हथकंडे अपनाने लगते हैं।
आज जरूरत है तो श्रेष्ठता, महत्ता आदि को भूल कर निस्वार्थ भाव से ब्लोगिंग करने की।
पूरी तरह से सहमत
ReplyDeletesahi baat........
ReplyDeleteआपके विचारो से शत प्रतिशत सहमत हूँ ....आभार
ReplyDeleteसही कहा जी आपने
ReplyDeleteप्रणाम
आज जरूरत है तो श्रेष्ठता, महत्ता आदि को भूल कर निस्वार्थ भाव से ब्लोगिंग करने की।शत प्रतिशत सहमत हूँ.
ReplyDeleteआपकी बात शत प्रतिशत सही है..अच्छी पोस्ट
ReplyDeleteसही कहे गुरुदेव
ReplyDeleteआपका कथन विचारनीय है।
आभार
आपके विचारो से शत प्रतिशत सहमत हूँ ....आभार|
ReplyDeleteसमर्थन है आपकी बात को...........
ReplyDelete====================================
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
सहमत है जी आप के लेख से,
ReplyDeleteकोशिश तो अपन पूरी करते हैं लेकिन तटस्थ नहीं रह सकते हैं इसलिए कूद पड़ते हैं। इस आदत को थोड़ा सुधारना है।
ReplyDeleteसत्य वचन!
ReplyDeleteउन गद्दारों (जमाल, असलम, सलीम अयाज, सफत , इदरीसी, जीशान) का क्या? जो जिस थाली में खाते हैं उसी में छेद करते हैं. वन्दे मातरम् कहने में जिनकी---------- फटती है
ReplyDeleteपूरी तरह से सहमत
ReplyDeleteबिल्कुल सही कहा आपने ।
ReplyDeleteएकदम गाँठ बान्ध कर रखने लायक बात।
ReplyDeleteजब सब लोग सहमत हैं तो हमें भी सहमत ही समझिए...पूरी तरह से!!
ReplyDeleteबहुत ही सार्थक विचार ,ब्लोगिंग का मकसद सिर्फ और सिर्फ सत्य और न्याय की रक्षा व परोपकार हो तो सर्वोत्तम रहेगा /
ReplyDelete