इसीलिये हमने निश्चय किया है कि आप हमारे पोस्टों में टिप्पणी करते हुए अपने ब्लोग का विज्ञापन कर सकते हैं, और वह भी बहुत सस्ते दर पर। विज्ञापन के दर इस प्रकार हैं:
- बिना किसी लिंक के प्रचार वाली टिप्पणी के लिये रु.100 मात्र
- आपकी टिप्पणी में एक लिंक के लिये रु.200 मात्र
- आपकी टिप्पणी में दो लिंक के लिये रु.300 मात्र
- आपकी टिप्पणी में तीन से पाँच लिंक के लिये रु.500 मात्र
- हमारे ब्लोग के साइडबार में आपके ब्लोग का विजेट लगाने के लिये रु.2000 प्रतिमाह मात्र
कृपया विज्ञापन देने से पहले हमसे सम्पर्क कर लें ताकि हम आपको अग्रिम भुगतान के तरीके के विषय में बता दें।
टिप्पणी में लिंक देकर विज्ञापन के आरम्भ होने के कारण आज से टिप्पणी मॉडरेशन शुरू किया जा रहा है। विज्ञापन वाले उन्हीं टिप्पणियों को प्रकाशित किया जायेगा जिनके लिये भुगतान अग्रिम रूप से प्राप्त हो चुका रहेगा।
आप लोगों ने शायद गौर किया होगा कि आजकल यह रवैया बन गया है कि लोग पोस्ट को पढ़ें या ना पढ़ें किन्तु टिप्पणी अवश्य करते हैं। टिप्पणी कर के लिये लोग पापा, दादा, अनामी, बेनामी कुछ भी बन सकते हैं। याने कि टिप्पणी करके अपना प्रचार करना या फिर दिल की भड़ास निकालना एक शौक बन गया है। टिप्पणी करने वाले इस शौक को छोड़ कर सभी शौक को पूरा करने के लिये आखिर खर्च तो करना ही पड़ता है तो फिर टिप्पपणी वाली यह शौक ही क्यों फोकट में पूरी हो। कम से कम हमारे ब्लोग में तो यह शौक आज से फोकट में पूरा नहीं होगा। यही सोचकर हमने इस प्रकार के विज्ञापन की योजना बनाई है ताकि लोगों का शौक भी पूरा होता रहे और हमें भी कुछ आमदनी हो जाये। खैर आमदनी तो क्या होगी, क्योंकि लोगो खर्च करने का नाम सुनकर ही ऐसे गायब हो जायेंगे जैसे कि "गधे के सिर से सींग", पर हाँ अवांछित टिप्पणियों से जरूर कुछ ना कुछ छुटकारा मिल जायेगा।
व्हाट ऍन आइडिया अवधिया जी .बहुत खूब ब्लॉग पर ब्लॉग का विज्ञापन, आइडिया बुरा नहीं है ?
ReplyDeletebadhiya...
ReplyDeleteचलिये रेट फ़िक्स करके आपने पहल तो की, अब हम जैसे फ़ॉलोअर भी अपने ब्लॉग के रेट्स तय करते हैं…, धन्यवाद आपका…
ReplyDeleteआज खूब हिट्स मिलेंगे आपको… :) :) हेडिंग ही ऐसी शानदार दी है आपने… :)
अच्छी जानकारी के लिए अवधिया साहब का आभार .
ReplyDeleteआज मेरी ये अंतिम टिप्पणियाँ हैं ब्लोग्वानी पर.
कुछ निजी कारणों से मुझे ब्रेक लेना पड़ रहा हैं .
लेकिन पता नही ये ब्रेक कितना लंबा होगा .
और आशा करता हूँ की आप मेरा आज अंतिम लेख जरूर पढोगे .
अलविदा .
संजीव राणा
हिन्दुस्तानी
संजीव राणा जी की उपरोक्त टिप्पणी उनके अन्तिम लेख का बिना लिंक वाला प्रचार है जिसे नमूने के तौर पर मुफ्त में प्रकाशित किया गया है।
ReplyDeleteअरे वाह!
ReplyDeleteअभी क्या मुझे एक १०० मिलेंगे जो मै लिंक दू तो.....?
कुंवर जी,
कुँअर जी, उल्लू बनाने के लिये आपको हमारे सिवाय कोई दूसरा नहीं मिला क्या? :-)
ReplyDeleteबहुत उम्दा आईडिया है सर जी | आभार !
ReplyDeleteगुरुदेव आपने सही काम किया
ReplyDeleteअब दुकान की बढ जाएगी चमक
सब कुछ हो जाएगा चका चक
सुपर रिन से धोकर लगाएंगे लिंक
विज्ञापन लगेगा सुपरफ़ास्फ़ेट और जिंक
धान के देश में खेती होगी
नांगर चलेगा जोंताई होगी
बढिया समय में थरहा डाला है आपने
रोपाई समय पर होगी तो फ़सल होगी
आभार
हमारा भी ध्यान रखना।
अरे पापाजी, मामाजी, चाचाजी, आचार्यजी, दादाजी, भूतनी, जलजला,भूतनाथ, पलक देखो तो अवधिया जी क्या नया प्लान लेकर आएं है।
ReplyDeleteकाफी रोचक प्लान है।
खुशखबरी... खुशखबरी... खुशखबरी... ब्लोगिंग से कमाई शुरू-------अवधिया जी की :-)
ReplyDeleteहा हा हा.....क्या आईडिया है!
मेरे ब्लाग पर आईए
ReplyDeleteनए आईडिया पाईए
लिंक नीचे दे रहा हूँ
http://dhankedeshme.blogspot.com/2010/06/blog-post_03.html
लाईए 200 रूपये
नमूने के तौर पर हमने श्री M VERMA जी की एक लिंक वाली टिप्पणी को भी मुफ्त में प्रकाशित कर दिया है ताकि आगे हमें अधिक से अधिक विज्ञापन मिलते रहें।
ReplyDeleteवैसे हम जानते हैं कि वर्मा जी मुफ्त में काम करवाने के आदी नहीं हैं इसलिये वे जल्दी ही हमें 200 भेज देंगे।
आज नमुना मुफ़्त में प्रकाशित किया जा रहा है
ReplyDeleteसोचा कि अब हम बहती गंगा में हाथ धोलें,
अवश्य ही कल से तो अवधिया जी बिल भेज देंगे।
दिल्ली यात्रा-6-बरसों पुरानी कहावत बदली दिल्ली वालों ने
आपने अच्छा किया जो लिख दिया की कितने पैसे मिलेंगे ... :) पर हमें पैसे नहीं चाहिए ,,,आप हमारा विज्ञापन छाप दे ,,,हम आप से एक भी पैसा नहीं लेंगे :) आखिर आपकी पोस्ट और ब्लॉग को पोपुलर करने के लिए इतना तो कर ही सकते है : ) :) :)
ReplyDeleteबहुत सही किया जी आपने
ReplyDeleteअब कुछ पलकें, पलक झपकना भूल जायेंगीं।
हमें तो अपने ब्लाग पर ट्रैफिक नही बढाना इसलिये विज्ञापन देने की कोई जरूरत नहीं है।
हा-हा-हा
प्रणाम
sahi hai .......................
ReplyDeleteजी.के. अवधिया जी यह गलत बात है, लिंक भी हम दे ओर पेसे भी.... चलिये हमारे साथ ठेका कर ले, हमारे ब्लांग मै चाहे जितनी लिंक दे हर महीने ५०० रुपयए हमारे निम्न बेंक मै जमा कर दे, ओर पांच नये ग्राहक लाने पर आप को छटा ग्राहक यानि उस के पेसे आप ले ले:) जल्दी किजिये यह आफ़र सिर्फ़ दो साल के लिये है
ReplyDeleteचलिए एक बड़ा काम किया आपने... आपके रेट्स को हम एवरेज मार्केट प्राइस मान लेते हैं....
ReplyDeleteकुछ कमाई और कुछ राहत / वाह वाह!
समझ नहीं आया.. पैसे आप दोगो या लोगे... वैसे रेट बहुत कम रखी हे,
ReplyDeleteआज की कई टिप्पणियों को पढ़कर मुझे अपने दुर्भाग्य का आभास हुआ कि मैं इतनी अच्छी हिन्दी नहीं जानता कि अपने पाठकों को अपनी बात सही प्रकार से समझा सकूँ। चलिये और अधिक अभ्यास करूँगा ताकि अपनी बात को समझा सकूँ। अभ्यास से तो मूर्ख भी ज्ञानी हो जाता है, इसीलिये कहा गया हैः
ReplyDeleteकरत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान।
रसरी आवत जात ते सिल पर परत निसान॥
उन समस्त टिप्पणीकर्ताओं को कोटिशः धन्यवाद जिनकी टिप्पणी पढ़कर मुझे अपनी कमी का एहसास हुआ।
आप तो बस यह बता दीजिए मुझे कि मेरी टिप्पणी अवांछित तो नहीं :-)
ReplyDeleteबी एस पाबला
वाह पाबला जी, आप अच्छी तरह से समझते हैं कि पापाजी, मामाजी, चाचाजी, आचार्यजी, दादाजी, भूतनी, जलजला,भूतनाथ, पलक आदि के द्वारा, बिना किसी पोस्ट को पढ़े, पोस्ट से असम्बन्धित, महज स्वार्थवश या दिल की भड़ास निकालने के लिये की गई टिप्पणियाँ ही अवांछित टिप्पणियाँ होती हैं । फिर भी मुझसे शंका समाधान चाह रहे हैं? :-)
ReplyDelete...क्या बात है ... दमदार प्रोजेक्ट है!!!!
ReplyDeleteगुरुदेव आपके गुढ ज्ञान रहस्य को हिंदी ब्लागर नहीं समझ पाते।
ReplyDeleteक्रोध ना करें महाराज शांत हो जाएं और इतने गरिष्ठ ज्ञान का उपदेश ना करे जो हमारे जैसे मूढमति के पल्ले ही नहीं पड़े।
हां अगर ईंगरेजी में कुछ लिखते तो बात बन जाती फ़िर तो हम शब्दकोष भी छान डालते।
आपसे विनम्र अनुरोध है भविष्य में ध्यान रखें
आईडिया तो दमदार सुझाया है गुरुदेव
ReplyDeleteअरे! वाह...........
ReplyDeleteदरें झेलेबल हैं गुरु
ReplyDeleteगुरु अपना नाम भी नोद लीजिये ........
ReplyDeleteबने आइडिया हे। अब मै भार ला आ कहि के नई कहौ "आभार"। मै बधाई देना चाहहू। बने लिखे हौ।लेकिन जेखर टिप्पणी या पोस्ट अन्ते तन्ते लिखाय होय ओला आप सोझ बाय लिख दे करौ जेखर ले ओला अपन गल्ती के पता चल जाय्।
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