कौन महान है और कौन महान नहीं है और यदि कोई महान है तो कितना महान है जैसी बातों को जानने का एक पैमाना होता है जिसका मूल्य न केवल समय-काल-परिस्थितियों के अनुसार बल्कि महान व्यक्ति के कार्य के प्रकार के अनुसार बदलता रहता है। कभी राजा हरिश्चन्द्र के द्वारा अपने राज्य को विश्वामित्र को दे देना और श्मशान के डोम के यहाँ नौकरी कर लेने को महान कार्य माना जाता था किन्तु आज यदि कोई इसी जैसा कार्य करे तो उस कार्य को मूर्खता ही माना जाएगा।
एक जमाना था में मनुष्य के द्वारा किया सफल कार्य उसे महान बना देता था। जब बाबू देवकीनन्दन खत्री ने "चन्द्रकान्ता" उपन्यास का लेखन आरम्भ किया होगा तो क्या उन्हें पता रहा होगा कि उनका वह उपन्यास इतना लोकप्रिय होगा कि उसे पढ़ने के लिये लाखों लोग हिन्दी सीखने के लिए विवश हो जाएँगे? मुंशी प्रेमचंद ने कभी कल्पना भी नहीं की रही होगी कि उनकी कहानियाँ और उपन्यास उन्हें "कथा सम्राट" तथा "उपन्यास सम्राट" बना कर उन्हें चिरकाल के लिए अमर बना देंगे। चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी' जी ने "उसने कहा था" लिखते समय क्या सोचा भी न रहा होगा कि उनकी इस कहानी का अनुवाद संसार के समस्त प्रमुख भाषाओं में हो जाएगी? किन्तु इन महानुभावों की कृतियों की सफलता ने उन्हें इतिहासपुरुष तथा महान बना दिया। कहने का तात्पर्य यह है कि किसी काल में व्यक्ति कार्य कार्य करता था और कार्य सफल हो जाने पर उसका कार्य उस व्यक्ति को महान बना देता था।
पर आज के जमाने में आदमी को पहले महान बनना पड़ता है क्योंकि आज सफल कार्य व्यक्ति को महान नहीं बनाता वरन महान व्यक्ति के द्वारा किया गए कार्य को सफल होना ही पड़ता है। इसलिये आजकर सफल करने के बजाय महान बनने के लिये उद्योग करना ही उचित है क्यों जमाने के अनुसार चलने में ही भलाई है। कहा भी गया है - जैसी बहे बयार पीठ तैसी कर लीजे!
umda lekh aur jaankaari
ReplyDeletehttp://sanjaykuamr.blogspot.com/
उम्दा विचार प्रस्तुति .....आभार
ReplyDeleteजे हे ने से कि हमें भी महान बनना है कोई जुगाड़ बताइये..
ReplyDeleteकालानुसार मानक बदलते रहते हैं।
ReplyDeleteमहानता, कभी अखबारी तो कभी पुरातत्वीय किस्म की होती है. वैसे भी रुचि और प्रतिबद्धता के साथ उद्यम अधिक महत्वपूर्ण है न कि महानता का प्रमाण-पत्र प्राप्त करना. 'मैन ऑफ द इयर' बांटने वाली संस्थाओं से तो आप भी वाकिफ होंगे, जो फीस ले कर महानता का प्रमाण-पत्र देती हैं.
ReplyDeleteबदलाव प्रकृ्ति का नियम है विचारों पर भी लगू होता होता है। धन्यवाद।
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