हम भारतीय लोग बड़े विशिष्ट प्राणी होते हैं। अपने हाल में सन्तुष्ट। भगवान ने जितना दिया है उसी से संतोष कर लेंगे। आवश्यकता ही क्या है अतिरिक्त धनोपार्जन की? घर-परिवार चल रहा है न?
हम लोग विदेशियों, विशेष रूप से अमेरिकनों और यूरोपियनों, से बिल्कुल उलटे हैं। वे लोग ब्लोगिंग करते हैं 'मारकेटिंग' के लिये, हम लोग ब्लोगिंग करते हैं (हिन्दी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से) अपनी रचनाएँ पढ़वाने के लिये। वे लोग अपने ब्लोग में किसी प्रोडक्ट का (जिसकी बिक्री होने पर उन्हें प्रोडक्ट के मूल्य का 25% से 75% तक की राशि affiliate revenue के रूप में प्राप्त होती है) रिव्ह्यु लिखते हैं, हम लोग अपने ब्लोग में अपने लेख, कविता, कहानियाँ आदि लिखते हैं। वे लोग अपने ब्लोग में टिप्पणी करवाते हैं ब्लोग को सर्च इंजिनों में जल्दी लाने के लिये, हम लोग अपने ब्लोग में टिप्पणी करवाते हैं अपनी आत्म-तुष्टि के लिये।
मिली न टिप्पणियाँ तो खुद ही टिप्पणी कर ली.....
उन्होंने मारकेटिंग और एडव्हरटाइजिंग को बढ़ावा देने के अनेकों तरीके निकाल रखे हैं प्रेस रिलीज़ (press release), आर्टिकल डायरेक्टरीज़ (article directories) जैसे।
मैंने इंटरनेट में हिन्दी आर्टिकल डायरेक्टरी खोजा तो मुझे एक भी नहीं मिल पाया। मुझे लगा कि हिन्दी की रचनाओं के लिये भी कृति निर्देशिका (article directory) अवश्य ही होनी चाहये ताकि हिन्दी के लेखकों को अपनी रचनाएँ, ब्लोग/वेबसाइटस आदि का प्रचार करने के लिये एक माध्यम मिल सके। और ऐसे लोगों को, जो अपना हिन्दी ब्लोग तो बनाना चाहते हैं पर लिख नहीं पाते, अन्य लेखकों की रचनाओं पर आधारित ब्लोग बनाने का अवसर मिल सके।
मैंने आर्टिकल डायरेक्टरी बनाने के लिये एक मुफ़्त स्क्रिप्ट जुगाड़ा, अंग्रेजी को हिन्दी में बदला और एक कृति निर्देशिका तैयार कर के रख दिया।
अब बन्धुओं, उस कृति निर्देशिका को अब तक सिर्फ जाकिर अली रजनीश "रजनीश" जी से ही रचनाएँ मिल पाई। आज वो कृति निर्देशिका कई महीनों से रचनाओं के लिये तरस रही है। आज मैं इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी लोगों का सहयोग माँग रहा हूँ कि आप लोग अपनी कम से कम एक रचना उसे प्रदान करने की कृपा करें (अधिक से अधिक रचनाएँ भी दे सकते हैं) और अपने मित्रों तथा परिचितों को वहाँ से रचनाएँ ले कर ब्लोग बनाने के लिये प्रेरित करें। यदि हम सभी ठान लें कि कम से कम पाँच नये ब्लोग्स अवश्य बनवायेंगे तो नेट में हिन्दी ब्लोग्स की संख्या अवश्य ही तेजी के साथ बढ़ेगी।
इस प्रकार से हिन्दी के ब्लोग तो बढ़ेंगे ही, आप लोगों की रचनाओं का जितने भी ब्लोग्स में प्रयोग किया जायेगा उतने स्थान में आपका नाम तथा आपके ब्लोग का लिंक भी जायेगा और आपके ब्लोग का पेज रैंक भी बढ़ेगा।
और कहने की जरूरत नहीं है कि मुझ नाचीज पर आप लोगों का एहसान तो होगा ही।
अपनी रचना यहाँ पोस्ट करें - कृति निर्देशिका
4 comments:
घबराईये मत.. मैं जल्द ही अंग्रेजी मे एक ब्लौग शुरू करने जा रहा हूं जिसमें एक प्रोडक्ट का एड होगा और जिसकी बिक्री से मुझे फायदा भी होगा.. :D
शायद आज शाम तक या कल सुबह तक शुरू हो जाये..
मैं जल्द ही वहां अपनी कोई रचना पोस्ट कर दूंगा..
क्या मेरे ब्लॉग पर छपी रचना फिर से छापना चल जायेगा?
अवश्य चलेगा समीर जी। आपकी रचनाओं पर सबसे पहले आपके ब्लॉग का ही अधिकार है और उन्हें सबसे पहले आपके ब्लॉग में ही प्रकाशित होनी चाहिये।
हाँ यह बात अवश्य है कि कृति निर्देशिका (या किसी भी आर्टिकल डायरेक्टरी) में आने के बाद आपकी रचना को कोई भी अपने ब्लॉग/वेबसाइट में प्रयोग कर सकता है किन्तु बिना किसी हेर-फेर के और आपके नाम तथा आपके ब्लॉग/वेबसाइट के लिंक के साथ ही। मतलब आपकी रचना से आपका कॉपीराइट हट जाता है।
आर्टिकल मार्केटिंग में तो एक रचना लिख कर उसे सैकड़ों आर्टिकल डायरेक्टरीज़ में पोस्ट कर दिया जाता है ताकि अधिक से अधिक बैक लिंक्स मिल सकें।
स्वागत है आपके ब्लॉग में छपी रचनाओं का!
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