Sunday, August 23, 2009

तीजा - छत्तीसगढ़ की महिलाओं का विशिष्ट दिन

आज भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की तृतीया है - अर्थात् हरतालिका तीज, जिसे कि छत्तीसगढ़ में "तीजा" कहा जाता है। आज का दिन छत्तीसगढ़ की महिलाओं के लिए एक विशिष्ट दिन है। समस्त महिलाएँ, चाहे वे कुमारी हों या विवाहित, आज निर्जला व्रत रख कर रात्रि जागरण और गौरी-शंकर की पूजा करेंगी। व्रत-पूजा करके जहाँ विवाहित महिलाएँ अपने लिये अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं वहीं कुमारियों का उद्देश्य होता है स्वयं के लिये योग्य वर की प्राप्ति। मान्यता है कि आज के दिन ही शिव-पार्वती का विवाह हुआ था।

छत्तीसगढ़ में तीजा व्रत की अत्यधिक मान्यता है। इस व्रत को मायके में ही आकर रखा जाता है। यदि किसी कारणवश मायके आना नहीं हो पाता तो भी व्रत तोड़ने के लिये मायके से जल और फलाहार का आना आवश्यक होता है क्योंकि इस व्रत को मायके के ही जल पीकर तोड़ा जाता है।

महिलाएँ रात भर जागरण करके भजन-पूजन करती हैं और भोर होने के बाद अपना व्रत तोड़ती हैं।

रात्रि के इस उल्लास के साथ दूसरे दिन विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश जी का आगमन द्विगुणित कर देता है।

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3 comments:

Udan Tashtari said...

आभार इस जानकारी का.

डी.पी.तिवारी .... D.P.Tiwari said...

छत्‍तीसगढ़ के 'तीजा' संबंधी जानकारी के लिए आभार. गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनांए.

vijaybhushansahu said...

इस जानकारी के लिये धन्यवाद् जी ............तीजा की शुभकामनाएं सभी को