Sunday, January 17, 2010

यदि अलबेला जी की साइट हिन्दी के नये पाठक दे रही है तो उसका सहयोग करना हमारा फर्ज बनता है

आज नेट में हिन्दी को जितनी नये ब्लोगरों की आवश्यकता है उससे कहीं बहुत अधिक नये पाठकों की आवश्यकता है। आज भारत नेट यूजर्स के मामले में विश्व में चौथे स्थान पर आ चुका है। भारत में प्रतिदिन चार करोड़ पचास लाख लोग नेट पर आते हैं जिनमें से करोड़ों हिन्दीभाषी नेट यूजर्स हैं। किन्तु किसी भी हिन्दी ब्लोग के पाठकों की संख्या हजार तक भी नहीं पहुँच पाती। अभी तक हिन्दी में सर्च करने वाले नेट यूजर्स बहुत ही कम हैं। सच बात तो यह है कि नेट में हिन्दी में सर्च कैसे किया जाये यह तक हमारे हिन्दीभाषी नेट यूजर्स को पता नहीं है, इसीलिये वे सर्च अंग्रेजी में ही करते हैं। अब यदि कोई सर्च अंग्रेजी में किया जाये और सबसे टॉप में कोई हिन्दी को बढ़ावा देने वाली साइट मिले तो यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। अलबेला जी ने अपने पोस्ट "अब आप खुल के बधाई दीजिये दोस्तों ! क्योंकि ये मैं नहीं, google serch का परिणाम कहता है" में बताया है कि अंग्रेजी में "लाफ्टर के फटके" लिखकर सर्च करने पर सबसे पहला नाम उनके साइट का आता है।

इसका मतलब यह हुआ कि यदि कोई हिन्दीभाषी इस प्रकार से अंग्रेजी में सर्च करेगा तो उसे हिन्दी को बढ़ावा देने वाली अलबेला जी की साइट सबसे पहले दिखेगी। मतलब यह कि हिन्दी को अधिक से अधिक पाठक मिलते जायेंगे। अलबेला खत्री जी का यह साइट एक सोशल नेटवर्किंग साइट है जिसका मेम्बर बन कर उसमें हिन्दी रचनाएँ डाली जा सकती हैं। तो क्यों न हम सभी इस साइट का मेम्बर बन कर इसे अपना सहयोग दें और हिन्दी को बढ़ावा देने के साथ ही साथ अपनी रचनाओं के लिये नये नये हिन्दी के पाठक भी प्राप्त करें।

अलबेलाखत्री.कॉम में रजिस्टर करने में और भी कई फायदे हैं। आप अपने चित्रों, व्हीडियो, पीडीएफ आदि के संग्रह को इसमें डाल सकते हैं। गूगल सर्च में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप किसी भी प्रकार का टैलेंट है तो आप अपने क्षेत्र बहुत आगे तक जा सकते हैं क्योंकि अलबेलाखत्री.कॉम नये कलाकारों को आगे बढ़ाने के लिये कृतसंकल्प है।

तो यदि आपने अभी तक स्वयं को अलबेलाखत्री.कॉम में रजिस्टर नहीं करवाया है तो अभी करवा लें फटाफट!

6 comments:

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

बधाई अलबेला जी को,
आपको भी शुभकामनाएं।

अजय कुमार झा said...

वाह ये तो अलबेला भाई की बहुत ही अलबेली योजना है , और यकीनन इसका उपयोग किया जाना चाहिए ये हर तरह से लाभकारी है
अजय कुमार झा

डॉ टी एस दराल said...

रजिस्टर तो हम भी करवा देते, पर अवधिया जी, अलबेला जी फीस कम दे रहे हैं। ह हा हा !

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

बढ़िया अवधिया साहब, खत्री साहब को बधाई !

समय चक्र said...

जरुर .....

Unknown said...

आभारी हूँ अवधिया जी !

ह्रदय से कृतज्ञ हूँ आपका कि आपने मेरी मन्शा और मेरे मक़सद को समझते हुए मेरे प्रयासों को अपने समर्थन का बल दिया ।

वस्तुतः जितना समय मैंने इस काम को दिया है उतना किसी दूसरे काम को शायद ही दिया हो.........16-16 घंटे का अनवरत कार्य ख़ुद करता हूँ, फिर एक पूरी टीम बना रखी है जो इस क्षेत्र में किस प्रकार उत्तम परिणाम आयें ? इस पर शोध करती है और अन्ततः हमने यह www.albelakhatri.com शुरू किया है और सिर्फ़ इसलिए किया है कि जिन ब्लोगर बन्धुओं की रचनाएँ केवल 100-200 लोग ही पढ़ पाते हैं उन्हें हज़ारों की संख्या में पाठक मिलें ।

और मैं खुश हूँ कि मेरा ये प्रयास सफल रहा । अब ये तो ब्लोगर मित्रों पर निर्भर है कि वे इसका कितना लाभ ले पाते हैं ।

हालांकि अभी काम चालू है कुछ और संशोधन भी किये जा रहे हैं । यदि मित्रगण कोई सुझाव देते हैं तो उसका तहेदिल से स्वागत है

आपका हार्दिक धन्यवाद !

-अलबेला खत्री