Friday, March 4, 2011

बाली द्वीप का विचित्र हिन्दू रिवाज टाउर केसिंगा (tawur kesanga)

कल 5 मार्च 2011 को बाली द्वीप में निवास करने वाले हिन्दुओं का नया वर्ष आरम्भ होगा जो कि "न्येपी" (Nyepi) के नाम से जाना जाता है। वहाँ के हिन्दुओं में न्येपी से एक दिन पूर्व अर्थात पुराने वर्ष के अन्तिम दिन टाउर केसिंगा (tawur kesanga) नामक एक विचित्र रिवाज का प्रचलन है जिसमें बुराई को पुतले का रूप देकर जलाया जाता है। इस रोज बाली द्वीप के गाँवों में बुराई के प्रतीक के रूप में बाँस, कागज आदि ज्वलनशील वस्तुओं से विशाल पुतले बनाये जाते हैं जिनकी आकृति दैत्य, असुर, प्रेत, पिशाच आदि जैसे होती है। वहाँ के लोग इन पुतलों को ओगो-ओगो (Ogoh-Ogoh) कहते हैं। यह ओगो-ओगो भूतकाल का प्रतीक होता है जिसे कि गाँव के समस्त लोगों की उपस्थिति में शाम को जला दिया जाता है। यह रिवाज भारत में होलिका दहन के रिवाज जैसा ही है।


 उल्लेखनीय है कि इंडोनेशिया संसार का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश है पर बाली द्वीप में हिन्दुओं की आबादी अधिक है।

4 comments:

Sushil Bakliwal said...

नूतन व रोचक जानकारी. धन्यवाद...

डॉ. मोनिका शर्मा said...

Bilkul nai jankari....

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर जानकारी

प्रवीण पाण्डेय said...

भूत भुलाकर नव अपनायें।