किंग कोबरा ही एक मात्र साँप है जो कि घोसला बनाता है और उसकी रक्षा भी करता है। किन्तु नर किंग कोबरा घोसले नहीं बनाते, घोसला सिर्फ मादा किंग कोबरा बनाती है अपने अण्डों के लिए।
किंग कोबरा विषैले साँपों में सबसे लम्बे साँप होते हैं, प्रायः इनकी लम्बाई 18 फुट (5.5 मीटर) तक पाई जाती है। सामना करने की स्थिति में किंग कोबरा अपने शरीर के एक तिहाई भाग को जमीन से ऊपर उठा सकता है और वैसी ही स्थिति में आक्रमण करने के लिए आगे सरक भी सकता है। क्रोधित किंग कोबरा की फुँफकार बड़ी भयावनी होती है। किंग कोबरा का विष इतना अधिक खतरनाक होता है कि उसकी मात्र 7 मि.ली. मात्रा 20 आदमी या 1 हाथी तक की मृत्यु का कारण बन सकती है। वैसे किंग कोबरा साँप आदमियों से भरसक बचने के प्रयास में रहते हैं किन्तु विषम परिस्थितियों में फँस जाने पर प्रचण्ड रूप से आक्रामक हो जाते हैं।
किंग कोबरा साँप प्रायः भारत के अधिक वर्षा वाले जंगली तथा मैदानी क्षेत्र, दक्षिणी चीन तथा एशियाई के सुदूर दक्षिणी क्षेत्रों में पाए जाते हैं तथा अलग-अलग क्षेत्रों में इनका रंग भी अनेक प्रकार के होते हैं। वृक्षों पर, जमीन पर और पानी में ये सुविधापूर्वक रह सकते हैं। किंग कोबरा का मुख्य आहार अन्य जहरीले तथा गैर-जहरीले साँप ही होते हैं, वैसे ये छिपकिल्लियों, अण्डों तथा कुछ अन्य छोटे जन्तुओं को भी खा जाते हैं।
4 comments:
यह जानकारी सर्वथा नयी है ...
कम शब्दों में बढ़िया जानकारी यह सब से अच्छी बात लगी आपकी इस पोस्ट में ...आभार समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
http://mhare-anubhav.blogspot.com/2011/10/blog-post_18.html
घोसले की फोटो होती तो हम भी देख लेते | नई जानकारी दी |
रोचक
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