हम सभी अपने ब्लॉग के लिये पोस्ट लिखते हैं। पोस्ट याने कि लेख शब्दों से बनते हैं। याने कि हर दिन हम शब्दों से खेलते हैं। पर यदि हमसे कोई यह पूछ दे कि "आखिर ये शब्द होता क्या है?" तो हममें से बहुत लोग शायद सिर खुजाने लग जायेंगे। ऐसा नहीं है कि हम नहीं जानते कि शब्द क्या होता है। अवश्य ही जानते हैं क्योंकि हमने कभी अपने स्कूल में इसके बारे में पढ़ा था। किन्तु स्कूल के दिनों से आज तक के बीते हुए एक लम्बे अन्तराल ने हमारी याद के ऊपर एक धूल की परत सी बिठा दी है इसीलिये परेशानी होने लगती है हमें शब्द की परिभाषा बताने में। समय समय पर हमें अपनी यादों पर जमी इस धूल को साफ भी करना चाहिये इसीलिये आज स्कूल के बच्चों को पढ़ाने जैसी यह पोस्ट प्रस्तुत कर रहा हूँ।
शब्द
ऐसी ध्वनि जिसका कुछ अर्थ होता है, शब्द कहलाता है। शब्द अक्षरों के मेल से बनता है और अक्षर ध्वनि के लिये नियत किये गये संकेत को कहा जाता है।
उदाहरणः राम (र् + आ + म्), हिमालय (ह् + इ + म् + आ + ल् + अ + य् + अ) आदि।
शब्दभेद
शब्दों को निम्नलिखित आठ भागों में विभाजित किया गया है, जिन्हें शब्दभेद कहते हैं:
संज्ञाः नाम प्रदर्शित करने वाले शब्द को संज्ञा कहते हैं।
उदाहरणः रामायण के रचयिता वाल्मीकि हैं।
सर्वनामः संज्ञा के बदले में प्रयुक्त होने वाले शब्द को सर्वनाम कहा जाता है।
उदाहरणः वे आदिकवि के नाम से प्रख्यात हैं।
विशेषणः किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द को विशेषण कहा जाता है।
उदाहरणः मोहन एक अच्छा लड़का है।
क्रियाः जिस शब्द से किसी कार्य को करने का बोध होता है उसे क्रिया कहते हैं।
उदाहरणः अनिल दौड़ता है।
क्रियाविशेषणः किसी क्रिया, विशेषण अथवा अन्य क्रियाविशेषण की विशेषता बताने वाले शब्द को क्रियाविशेषण कहते हैं।
उदाहरणः
(i) वह खाना अच्छा पकाती है।
(ii) वह एक बहुत अच्छा लड़का है।
(iii) अनिल बहुत तेज दौड़ता है।
सम्बंधसूचकः दो संज्ञा या दो सर्वनाम या एक संज्ञा तथा एक सर्वनाम के मध्य सम्बंध बताने वाले शब्द को सम्बंधसूचक कहते हैं।
उदाहरणः दशरथ राम के पिता हैं।
संयोजकः दो शब्दों अथवा वाक्यों को जोड़ने वाले शब्द को संयोजक कहते हैं।
उदाहरणः राम और लक्ष्मण भाई हैं।
विस्मयाधिबोधकः गहरी भावना को व्यक्त करने वाले शब्द को विस्मयादिबोधक कहते हैं।
उदाहरणः ओह, बड़ा दुःख हुआ।