Saturday, June 14, 2008

क्या आप MRP से अधिक दाम देकर चीजें खरीदते हैं?

आपको MRP से अधिक दाम देकर खरीदी करनी होगी यदि आप छत्तीसगढ़ आये तो। जी हाँ, पूरे छत्तीसगढ़ में एक रुपये से कम वाले सिक्के नहीं चलते।

छत्तीसगढ़ में आप किसी दुकानदार को रेजगारी के साथ साढ़े तीन रुपये देकर एक विल्स सिगरेट मांगेंगे तो वह आपको नहीं देगा। वो आपसे सिगरेट की कीमत चार रुपये मांगेगा (जो कि MRP से अधिक है)। या कहेगा कि सात रुपये देकर दो विल्स ले लो। एक रुपये से कम वाले सिक्के तो वह किसी कीमत पर आपसे नहीं लेगा। आप जिद करेंगे तो कहेगा चार रुपये देकर एक विल्स सिगरेट के साथ एक टॉफी ले लो। आपको टॉफी की कतइ जरूरत नहीं है पर आपको लेना होगा

बहस झंझट से हर आदमी बचना चाहता है इसलिये अधिकतर लोग खुदरा पैसों की चिन्ता नहीं करते और दुकानदार को वो खुदरा पैसे मुफ्त में मिल जाते हैं। अब जरा सोचिये यदि एक दुकानदार एक दिन में 2-3 हजार सिगरेट बेचता है तो वह लोगों से दिन भर में हजार-डेढ़ हजार रुपये जबरन वसूली कर लेता है क्योंकि उसे प्रति सिगरेट आठ आने अधिक मिलते हैं।

चार साल पहले मैं परिवार के साथ पचमढ़ी भ्रमण के लिये गया था तो उस समय महाराष्ट्र में मुझे खरीदी के समय वापसी में चवन्नी, अठन्नी आदि खुदरा सिक्के मिले थे (अब मैं वहाँ के दुकानदारों से खुदरा पैसे लेने के लिये मना तो नहीं कर सकता था)। आज भी वे सिक्के मेरे पास बेकार पड़े हैं क्योंकि वे छत्तीसगढ़ में नहीं चलते। अब उसे यदि चलाना है तो मुझे छत्तीसगढ़ से बाहर जाना होगा।

क्यों नहीं चलते खुदरा सिक्के छत्तीसगढ़ में?

इस प्रश्न का जवाब मुझे कुछ भी नहीं सूझता। यदि कोई इसका उत्तर जानता हो तो कृपया बताने का कष्ट करें।

5 comments:

Udan Tashtari said...

अजब बात के साथ साथ गैर कानूनी भी है सरकारी करेंसी को एक्सेप्ट न करना. क्या बैंक भी नहीं लेती???

Pramendra Pratap Singh said...

हम तो नही देते है,

40- 50 रूपये के समान पर 4-5 तथा 400-500 के सामान पर 60-80 रूपये बचा लेता हूं।

Pramendra Pratap Singh said...

चिल्‍लर भुनाने के लिये सिर्फ बैंक ही बचे है :)

बालकिशन said...

हमारे पास भेज दो जी यंहा काफ़ी किल्लत है.
:) :) :)

Batangad said...

चिल्लर समस्या अलग बात है। mrp पर तो अब देश में कहीं भी सामान मुश्किल से ही मिलता है। mrp की बात करने पर दुकानदार से बस झगड़ा पक्का हो जाता है।