Tuesday, June 23, 2009

कम्प्यूटर के छलावे

कम्प्यूटर अनेकों बार हमारी आँखों को कैसे धोखा देता है यह इन चित्रों को देखने से समझ में आता है।
(चित्रों को बड़ा करके देखने के लिये उन पर क्लिक करें।)

ये रेखाएँ समानान्तर हैं या झुकाव लिये हुये?
केन्द्र में स्थित काली बिन्दु को एकटक देखिये। कुछ ही क्षणों में उसे घेरने वाला भूरा वृत सिकुड़ कर गायब होने लगेगा।
अपना ध्यान केन्द्र की काली बिन्दु पर केन्द्रित किये हुये सिर आगे पीछे करिये। भीतरी वृत घूमता हुआ लगने लगेगा।
आराम से बैठे हुये एकाग्रतापूर्वक चित्र के बीच में बने हुये चार बिन्दुओं को 30-40 सेकेंड तक देखते रहिये। फिर अपने पास की दीवार को देखें (दीवार चिकनी तथा एक रंग में ही पेंट की हुई होनी चाहिये)। आपको प्रकाश से बना एक वृत दिखाई पड़ने लगेगा। दीवार को देखते हुये एक दो बार पलकें झपकायें, यह पूरा चित्र उभरता हुआ दिखाई देगा।
इस चित्र को देखकर बताइये कि क्या यह एनीमेटेड है? जी नहीं, यह एनीमेशन नहीं है। ये वृत स्वयं नहीं घूम रहे हैं बल्कि आपकी आँखें इन वृतों को घुमा रही हैं। विश्वास नही होता हो तो किसी भी एक वृत को एकटक देखिये उसका घूमना बंद हो जायेगा।
बताइये कि दोनों आड़ी रेखायें समानान्तर हैं या झुकाव लिये हुये?
दोनों चित्रों के बीच में बने हुये वृतों में कौन बड़ा है और कौन छोटा? आपको जान कर आश्चर्य होगा कि दोनो बराबर हैं न तो कोई छोटा है और न ही कोई बड़ा।
क्या यह सम्भव है?
बीच के धन चिन्ह पर निगाह केन्द्रित करें, कुछ ही क्षणों में घूमती हुईं बैंगनी वृतों का रंग हरा नजर आने लगेगा।
जमीन या आसमान?
आपको यह लेख भी पसंद आयेगा "अंतरजाल या इन्द्रजाल?"

8 comments:

विवेक सिंह said...

मजा आगया सब को करके देखा . बैंगनी वृत्त हरा नहीं दिखा !

राज भाटिय़ा said...

अजी हमे तो हेरान्गी हुयी , वाह क्या कमाल के चित्र दिखाये आप ने, अदभुत.
धन्यवाद
मुझे शिकायत है
पराया देश
छोटी छोटी बातें
नन्हे मुन्हे

Science Bloggers Association said...

इसे ही कहते हैं दृष्टिभ्रम।

आभार।

-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

Gyan Dutt Pandey said...

बहुत बढ़िया जी!

Gyan Darpan said...

सब एक से बढ़कर एक मजेदार

Udan Tashtari said...

दिमाग का दही कर डाला!

निर्मला कपिला said...

अद्भुत मायाजाल बहुत सुन्दर पोस्ट के लिये बधाई

naresh singh said...

ये सब देख क बहुत मजा आया । बहुत अछा संग्रह किया है ।