Tuesday, May 24, 2011

मदन कामदेव का मन्दिर - असम का खजुराहो


गुवाहाटी से लगभग 40 कि.मी. दूर, राष्ट्रीय राजमार्ग 52 पर, मदन कामदेव का मन्दिर स्थित है जहाँ की आंशिक रूप ध्वस्त हो चुकी मूर्तियाँ कामदेव तथा उनकी पत्नी रति की कथा को आज भी जीवन्त बना रही हैं। असम के खजुराहो के नाम से सम्बोधित किए जाने वाले मदन कामदेव मन्दिर के विषय में कम लोग ही जानते हैं क्योंकि यह मन्दिर सघन वन के भीतर वृक्षों से छुपा हुआ है। यह मन्दिर खजुराहो और कोणार्क के मन्दिरों की शैली में बना हुआ है। असम के पुरातत्व विभाग के अनुसार इस मन्दिर का निर्माण 10वी से 12वीं शताब्दी के मध्य हुआ था।

माना जाता है कि भगवान शंकर के द्वारा तृतीय नेत्र खोलने पर भस्म हो गए कामदेव का इस स्थान पर पुनर्जन्म तथा उनकी पत्नी रति के साथा पुनः मिलन हुआ था।



उल्लेखनीय है कि कामदेव को निम्न नामों से भी जाना जाता हैः
  • मदन
  • मन्मथ
  • प्रद्युम्न
  • कन्दर्प
  • अनंग
  • काम
  • मनसिज (मनोज)
  • रतिपति
  • मकरध्वज
  • विश्वकेतु
  • मीनकेतन
  • दर्पक
  • पञ्चशर
  • स्मर
  • शंबरारि
  • कुसुमेषु
  • अनन्यज
  • पुष्पधन्वा

4 comments:

सुज्ञ said...

असम के कामदेव मन्दिर के बारे में पहली बार जानकारी मिली।
बहुत ही शानदार प्रस्तुति!!

असम को इसीलिये कामरूप कहा जाता था?

Rahul Singh said...

मंदिर का (स्टिल) चित्र नहीं दिखा. जिस स्‍थापत्‍य खंड का चित्र लगा है वह 12 वीं सदी ईं के शिव मंदिर का सिरदल जान पड़ता है. वैसे खजुराहो और कोणार्क दोनों अलग-अलग शैलियां हैं.
(यह तो सब ठीक है लेकिन फोटो ल भारी अलकरहा नमूना फिट करे ह.)

प्रवीण पाण्डेय said...

ज्ञानवर्धक पोस्ट।

SANDEEP PANWAR said...

एक अच्छा लेख, जिससे दूसरे खजुराहों का पता चला,