रायपुर में यदि आप किसी दुकान में गुटका (पान मसाला) खरीदने जाएँगे तो दुकानदार आपसे प्रिंट रेट से पचास पैसे अधिक लेगा और यदि आप उससे तर्क करने पर उतारू हो जाएँगे तो वह साफ कह देगा 'लेना है तो लो नहीं तो चलते फिरते नजर आओ'। बहार गुटका की प्रिंट कीमत है दो रुपए जबकि उसे ढाई रुपये में बेचा जाता है, और यदि आप सिर्फ एक ही गुटका खरीदेंगे तो आपको उसकी कीमत तीन रुपए देनी होगी क्योंकि रायपुर में पचास पैसे का चलन पिछले आठ-दस सालों से बंद हो चुका है। रायपुर के दस साल से कम उम्र के बच्चे को तो पता ही नहीं होता कि पचास पैसे का सिक्का क्या होता है क्योंकि अठन्नी उसने अपने जीवनकाल में कभी देखा ही नहीं होता।
बहार गुटके के एक पूड़े, जिसमें 60 पुड़िया होती है, की कीमत रु.90.00 है। इन साठ गुटकों को ढाई रुपये के एक के हिसाब से एक सौ पचास रुपयों में बेचा जाता है, याने कि गुटका बेचने का धंधा 66.67% मुनाफे का धंधा है। यह व्यापार है या लूट? मजे की बात यह है कि यह लूट न तो शासन को दिखाई पड़ता है और न ही मीडिया को।
इसी प्रकार यदि आपने किसी भोजनालय में रु.33.00 का खाना खाया है और यदि आपने उसे रु.50 का नोट दिया है तो आपको वापस रु.15 तथा दो चाकलेट दिया जाएगा। चाकलेट के बदले दो रुपये माँगने पर जवाब मिलेगा कि तीन रुपये चिल्हर आप दे दीजिए अन्यथा हमारे पास चिल्हर नहीं है आपको चाकलेट ही लेना पड़ेगा। एक तथा दो रुपये के सिक्कों की जानबूझ कर कमी बना कर जबरदस्ती चाकलेट बेचा जा रहा है। इस चाकलेट बेचने में भी व्यापारी को 25% से 40% तक मुनाफा मिलता है, याने कि ग्राहक को दो रुपये के बदले में चाकलेट के रूप में सिर्फ रु.1.50 ही वापस मिलते हैं।
एक जमाना था जब बेचने वाले को अपना सामान बेचने की गरज हुआ करती थी और वह ग्राहक को सामान लेने के लिए मिन्नतें करता था किन्तु आज जमाना ऐसा आ गया है कि बेचने वाला ग्राहक की मिन्नत करने के बजाय 'लेना है तो लो नहीं तो चलते फिरते नजर आओ' कहकर उसे धता बता देता है।
7 comments:
बिलकुल सही कहा आपने! ऐसे ही कुछ परेशनी का सामना मुझे सिगरेट के साथ दिल्ली में भी करना पड़ता है. वैसे अगर आप इन दुकानदारों की खबर लें , तो इनके एसोशियशन वाले आपसे सवाल पूछेंगे. पर इनकी मनमर्जी पर सभी चुप रहते हैं.
मान्यवर !!
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विकट परिस्थिति है।
अच्छा है हमने इस तरह का कोई लोचा ही नहीं पाला।
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स्वास्थ्य की कीमत पर गुटका खाने वाले शायद इतने की परवाह नहीं करते.
आज आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
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ऐसे एक दिन तो देश भी चलता बनेगा।
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