हमने कहा, "मिश्रा जी, जीवन में ऐसे कितने ही नये साल आए और गए। अब तो जीवन में वह उत्साह ही नहीं रह गया है जो नया साल मनाने की इच्छा पैदा करे। आप बताइये कि आप किस प्रकार से नया साल मनायेंगे?"
उन्होंने कहा, "ड्यूटी से घर वापस आते रात के लगभग दस तो बज ही जाते हैं। (वे एक पेट्रोल पंप में काम करते हैं और उनकी ड्यूटी लगभग बारह घंटे की होती है) घर आकर रोज की तरह स्नान करूँगा करूँगा। प्रातः स्नान के बाद पूजा अवश्य करता हूँ किन्तु रात्रि स्नान के बाद नहीं। पर आज नये साल के उपलक्ष्य में रात्रि स्नान के बाद भी पूजा कर लूँगा। श्रीमती जी से कहकर कुछ विशिष्ट व्यंजन बनवा लूँगा और पूजा के बाद परिवार सहित भोजन कर लेंगे। इस प्रकार से नया साल मनाना हो जाएगा।"
मैंने तो आज तक अंग्रेजी नये साल मनाने के ऐसे तरीके के बार में कभी नहीं सुना। मैंने तो यही देखा है कि अंग्रेजी नया साल मनाने के लिए लोग नाचते-गाते हैं, खुशियाँ मनाते हैं और नशे में गाफ़िल हो जाते हैं। पर हमारे मिश्रा जी के लिए पूजा-पाठ ही नाचना-गाना, खुशियाँ मनाना और नशे में गाफ़िल होना है। वे तो अंग्रेजी नये साल को हिन्दू तरीके से मना कर ही खुश होते हैं।
3 comments:
नया साल बस एक अहसास ही तो है। वर्ना सभी दिन एक जैसे ही होते हैं।
अच्छे कर्मों से ही जीवन शुभ होता है।
नव वर्ष की शुभकामनायें।
हम पोस्टों को आंकते नहीं , बांटते भर हैं , सो आज भी बांटी हैं कुछ पोस्टें , एक आपकी भी है , लिंक पर चटका लगा दें आप पहुंच जाएंगे , आज की बुलेटिन पोस्ट पर
यही विधि है उत्सव मनाने की।
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