हिन्दू नववर्ष
- हिन्दू नववर्ष (Hindu New Year) का आरम्भ प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की तिथि से होता है। आज भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का दिन है और आज से हिन्दू नव संवत्सर 2072 का आरम्भ हो रहा है।
- हिन्दू मान्यता के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का दिन से सृष्टि की रचना का पहला दिन है। ब्रह्मा जी ने आज से लगभग एक अरब 97 करोड़ 39 लाख 49 हजार 111 वर्ष पूर्व आज के दिन ही से सृष्टि की रचना शुरू की थी।
- रावण का वध करके लंका से अयोध्या वापस आने के बाद भगवान श्री राम का राज्याभिषेक आज ही के दिन, अर्थात् चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के ही दिन, हुआ था।
- चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन से ही चैत्र नवरात्रि का आरम्भ होता है।
- आज से लगभग 5113 वर्ष पूर्व चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही ज्येष्ठ पाण्डव युधिष्ठिर का राज्याभिषेक हुआ था, जिसकी स्मृति में युगाब्द संवत्सर आरम्भ किया गया।
- भारत के चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य द्वारा चलाये गये विक्रम संवत का आरम्भ भी आज से 2072 वर्ष पूर्व चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही से हुआ था।
- आज से 1937 वर्ष पूर्व आज ही के दिन से शालिवाहन शक संवत का आरम्भ हुआ था। उल्लेखनीय है कि शालिवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में श्रेष्ठतम राज्य स्थापित किया था।
- सिख परम्परा के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को गुरु अंगद देव प्रकटोत्सव मनाया जाता है। गुरु अंगद देव सिखों के द्वितीय गुरु हैं।
- आर्य समाज की स्थापना भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही हुई थी।
- सिंध प्रान्त के सुप्रसिद्ध समाज रक्षक संत झूलेलाल, जिन्हें भगवान वरुण का अवतार माना जाता है, भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही प्रकट हुए थे।
- उल्लास और उमंग प्रदान करने वाला ऋतुराज वसन्त का आरम्भ भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही होता है।
- अंग्रेजी नववर्ष रात्रि के बारह बजे नीरव अन्धकार में आता है जबकि हिन्दू नववर्ष प्रातः सूर्योदय के समय पक्षियों के मधुर कलरव के साथ आता है; अंग्रेजी नववर्ष आने के समय पतझड़ का मौसम होता है जिसके कारण प्रकृति का सौन्दर्य फीका रहता है जबकि हिन्दू नववर्ष आने के समय वसन्त ऋतु होता है जो कि प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में हर्ष, उल्लास और उमंग को उद्दीप्त करती है; अग्रेजी नववर्ष मादक पदार्थों का सेवन करके हो-हल्ला मचा कर मनाया जाता है जबकि हिन्दू नववर्ष शान्ति के साथ पूजा-पाठ करके मनाया जाता है।
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