Mohammed Umar Kairanvi November 19, 2009 4:44 PMतुमने जिस धमकी वाली भाषा में टिप्पणी की है उसकी वजह से हमें मजबूर होना पड़ा है तुम्हारी ही तरह की भाषा का प्रयोग करते हुए तुम्हारी टिप्पणी का जवाब देने के लिये। ब्लॉगजगत क्या जाने हैं और क्या नहीं जाने हैं यह हम भी जानते हैं और तुमसे ज्यादा अच्छी तरह से जानते हैं। हमें तुमसे सीखने की जरूरत नहीं है। दूसरे धर्म का नाम हम लें या न लें यह हमारी मर्जी की बात है, जो हमारी मर्जी होगी हम वही करेंगे। अगर तुम समझते हो कि तुम अपनी तरह के एक ही पागल हो तो यह भी जान लो कि हम भी अपनी तरह के एक ही सठियाये हुए बुड्ढे हैं। पागलों के डॉक्टर हैं हम! तुम जैसे कितने ही पागलों को ठीक कर दिया है।
मि. अवधिया कभी बैंक से छुटटी लेके अदालतों में गए हो, वहां पता लगेगा इतना अटूट संबंध होना कितना दुख देता है, बहुत कुछ कह सकता हूं, चेतावनी और सांकल देखने आया था, दूसरे धर्म का नाम लिए बिना अपनी बात कह सकते हो तो कह लो अन्यथा ब्लागजगत जाने है, एक ही अपनी तरह का पागल है, 3 हफते से अधिक कभी नहीं लगते यह आप अच्छी तरह जानो हो किसमें, जो जवाब ही नहीं देता सवाल को ही हमेशा के लिए समाप्त कर देता है
पान की दुकान पर अपना बहुत पैसा बर्बाद होता है, इस पर तो सांकल भी नहीं लगी, समझ गये होंगे
मि. कैरानवी! हम शान्तिप्रिय लोग हैं, अमन-चैन बनाये रखना अपना फर्ज समझते हैं। पर तुम यह समझने की भूल मत कर बैठना कि गांधी की तरह से हम एक गाल पर थप्पड़ मारने वाले को अपना दूसरा गाल दिखाने वाले लोग हैं। हम तो थप्पड़ मारने के लिये उठने वाले हाथ को, हमारे गाल तक पहुँचने के पहले, ही तोड़ देने वाले लोग हैं। हम किसी से जानबूझ कर उलझते नहीं पर यदि कोई हमसे जबरन उलझने की कोशिश करे तो हम उसकी इस कोशिश का मुँहतोड़ जवाब देना भी जानते हैं।हम दोस्तों पर जान छिड़क सकते हैं तो दुश्मनों के छक्के भी छुड़ा सकते हैं। तुमने सिर्फ हमारी दोस्ती देखी है, दुश्मनी नहीं देखी। दुश्मनों के पेंदे पर लात जमाना और उन्हें जुतियाना हमें हमें अच्छी तरह से आता है। और हम निहायत ही जुदा किस्म से जुतियाते हैं, गिन कर पूरे सौ जूते लगाने का हमारा नियम है पर गुस्से में अन्ठानबे तक गिनते-गिनते गिनती ही भूल जाते हैं और हमें फिर से एक दो से गिनती शुरू करनी पड़ती है।
हिन्दी ब्लॉगजगत में अपना आतंकवाद फैलाने की अपनी जुर्रत बंद कर दो। हम किसी भी धर्म की बुराई नहीं करते किन्तु तुम्हारी धमकी की वजह से अपने धर्म के विषय में कहने सुनने से भी अपने आप को नहीं रोक सकते। तुम्हारा आतंक यहाँ नहीं चलने वाला है। ये ब्लॉग जगत है। यहाँ तुम लोगों को सपोर्ट करने वाला न तो कोई राजनीतिबाज है और न ही यहाँ कोई सेक्युलरिज्म है।
तुम जैसे दो चार सिरफिरे लोगों की वजह से हम अपने समस्त मुसलमान दोस्तों की भावनाओं को ठेस नहीं पहुँचाना चाहते। हमारे मुसलमान भाई भी अच्छी तरह से समझते हैं कि ये जवाब सिर्फ तुम्हारे और तुम्हारे जैसे चंद और सिरफिरे लोगों के लिये ही है।
जैसा बोओगे वैसा ही काटोगे इसलिये प्रेम प्यार ही बोने की कोशिश करो, नफ़रत फैलाने की कोशिश मत करो। प्यार के बदले में प्यार मिलता है और नफ़रत के बदले में नफ़रत ही मिलती है।
उम्मीद है कि आगे से किसी के भी किसी पोस्ट पर इस प्रकार की धमकी भरी टिप्पणी करना बंद कर दोगे। और नहीं, तो तुम जैसे लोगों के लिये हम और अलबेला जी ही काफी हैं।
22 comments:
चटका नं 1 मुबारक हो, यह हमें आक्रोश दिला देता है, यह सफल भी है, यह वाक्य हैं आपके, मैं देख रहा था, मेरी धार अभी भी वही है कि नहीं, पता चल गया, इस लिए बाबा शांत होजाओ, मेरी किस्मत आज भी मुझे कहीं और कमेंटस करने हैं फिर सोमवार तक सफर, इस लिए जवाब देंगे, घुच्ची में देंगे,
तब तक नमस्कार
bhaiyaa jhagdaa na karen!! shanti banyein rakhein!!!
@ Mohammed Umar Kairanvi
मैं इंतिजार करूँगा घुच्ची वाले टिप्पणी का।
AVADHIYA SAHAB, SORRY TO SAY, FOR A FEW THINGS YOU ARE GIVING UNNECESSARY IMP. AS I SAID LONG BACK JUST IGNORE....... ANGREJI MEIN TIPPANI KE LIYE SORRY.
@ पी.सी.गोदियाल
हमें इनके मुँह लगने का शौक नहीं है पर गोदियाल जी, इग्नोर करने की भी एक सीमा होती है।
sahI kah rahe hain awadhiya ji. awadhiya ji se poori tarah sahmat. adhiktar to aise hi milenge.. mahfooj ji jaise to chand log hi hain jinhe unglion par gina ja sakta hai.
अवधिया जी, इन्हीं महाशय का एक और पागल चेला है (या शायद खुद यही है, क्योंकि उसे भी 'क्या' लिखना नहीं आता "किया" लिखता है) जो अवधिया चाचा के नाम से इधर-उधर गू करता फ़िरता है… आज अपने पोस्ट पर इस अवधिया चाचा को ऐसा जवाब दिया है कि अभी तक पिछवाड़ा सहला रहा है… आपने एकदम सही कहा है, इन्हें इग्नोर करना चाहिये, लेकिन बीच-बीच में कभीकभार इनकी औकात भी दिखाते रहना चाहिये… :)
जवाब तो आपने बहुत बढ़िया दिया अवधिया जी ये लोग ऐसे हैं जो बस अपनी सोचते हैं, इन कमबख्तो को ये भी नहीं पता कि इस ब्लोग जगत में बहुत से भारतीय और सच्चे मुसलमान भी हैं । जिनपर बस इन तुच्चे लोगो की वजह से खामोंखाह ही ऊंगली उठ जाती है कभी कभार, अब ये इन्हे कोन समझायेँ । और अन्त में आपको यही राय देना चाहूँगा कि ऐसे गन्दे लोगो को आप अपने ब्लोग पर जगह ना दीजिए, इससे ब्लोग गंन्दा हो जाता है, लेकिन ये भी बात हैं ना कि आखिर कब तक चुप रहा जा सकता । अवधिया जी मैं आपको राय देने लायक तो नहीं हूँ , अगर कुछ गलत कहा हो तो माफ करीयेगा ।
Jai ho...
अवधिया जी यह अजीब पागल लोग है...
आ. अवधिया जी, कहां से आप इस वाहियात आदमी को मुँह लगा रहे हो, काफी दिनो से महाशक्ति को तौलने का प्रयास कर रहा है, पर जब अपनी पोस्ट पर इसको भन्नाटेदार शॉट देता हूँ तो ये तिहमिला उठता है और परिणाम स्वरूप पागलपंथी के उल्टी और दस्त चालू हो जाते है, कई लोगे ने इसे उल्टी और दस्त की अच्छी खुराके दी है। जो आप यहाँ देख सकते है-
इस्लाम का संदेश आतंक मचाओ हूर मिलेगी,
तथा अल्लाह की शक्ति का अतिक्रमण करता भारतीय संविधान, कठमुल्लों फतवा जारी करो
पर स्पष्ट दे सकते है, जो यह अपनी वाहियात बाते Super Virus के नाम पर पोस्ट देता है और अपने निकृष्ट भाषा में लोगो को धमकाने का प्रयास करता है जैसे बिन लादेन का उत्तर प्रदेश ब्रांच का एकलौता पुत्र हो। इसकी बातो का ध्यान न दीजिए, ऐसे गंदगी में लिपटे हाफ माईन्ड बहुत घूम रहे है।
बस सावधान रहिये कि गंदगी ज्यादा टिके ना
Ham Aap Ke Sath Hai Jish Din Bajana Ho Bata Dena MB Ek Kar Duga Aur Chokas Jagah Ko Fula Fula Kar Gandhi Baba Ke Path Padhaye Ge
ये अल्लाह का बंदा है इसका काम आतंक मचाना है क्योकि इसके धर्म पुस्तक में लिखा है आतंक मचाओ हूर मिलेगी।
कुरान तो शायद ही इसने पढ़ी हो महाशक्ति की पोस्ट पढ़ इसको पक्का यकीन हो गया कि यह आतंक मचायेगा तभी इसे हूर मिलेगी।
Aadarniya Awadhiya ji...
ignore kariye....
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J A I H I N D !
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____________________KREZI KIYA RE.....
हर व्यक्ति की बर्दाश्त करने की एक सीमा होती है..लेकिन कुछ लोग शायद उस सीमा को जानबूझकर लाँघने का प्रयास करने लगते हैं...
आपकी पोस्ट पढकर मुझे एक बन्दे का ख्याल आ गया --- यहाँ हमारे मोहल्ले में एक निहायत ही जाहिल किस्म का इन्सान रहता है, जो कि बेशर्मी की भी सारी हदें पार कर चुका है । गर उसे सरेआम बीच चौराहे पर खडा कर जूते भी मार लिए जाएं तो भी वो खडा मुस्कुराता रहेगा...ओर धीरे से इतना कह कर निकल लेगा कि "देख लूँगा" । लेकिन आजकल उसका देख लेने वाला टाईम नहीं आया :)
शठे शाठ्यम समाचरेत
कीचड पर पत्थर फेंकेंगे तो खुद ही गंदे होगे , इसीलिए तो कीचड़ से दामन बचाया जाता है:)
अपने सद्विचारों भरे लेकन से वास्ता रखिये और गैरज़रूरी बहस में न पडिये जिससे मन खराब हो॥
इसको कहते हैं आईटी का जवाब पत्थर से देना | बिलकुल ठीक किया है | ये वही खैरान्वी है जिसने एक महिला ब्लॉगर को डराया धमकाया था .....
इसकी नीचता का जवाब आपने बड़े शानदार ढंग से दिया है ......
मेरा भी यही मानना है की गन्दगी फैलानेवालों को छोड़ा ना जाय |
आपने तो धो डाला।
ईट का जवाब पहाड से :)
maja aa raha hai lahe raho awadiya ji best of luck
sir ji, bilkul thik kaha aap ne, is
---- ko to ----- jahag pe marna chahiye taki kisi ko dikha bhi na sake. yahi siddhnat mera bhi hai ki " KISI KO CHHEDO NAHI, KOI CHHDE TO USE CHHODO NAHI,
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