ऐसा नहीं है कि हिन्दी के पाठक नहीं हैं। अवश्य हैं और पर्याप्त से अधिक संख्या में हैं। किन्तु उन्हें हिन्दी ब्लोग्स के विषय में जानकारी नहीं है। अतः सबसे पहले हमें हिन्दी पाठकों को हिन्दी ब्लोग्स के विषय में अवगत कराना होगा।
अब तक तो आप सभी लोगों को विदित हो ही गया होगा कि 'उड़न तश्तरी' जी ने एक अभियान छेड़ा है। मैं तो कहूँगा कि यह अभियान नहीं बल्कि एक महायज्ञ है। इस महायज्ञ को पूर्णाहुति तक लाने लिये आइये हम सभी श्री समीर लाल जी के साथ एक जुट हो कर युद्धस्तर का प्रयास करें।
इस बात में तो किसी प्रकार के सन्देह की गुंजाइश ही नहीं है कि हिन्दी ब्लोग्स के पाठकों की संख्या बहुत ही कम या नहीं के बराबर ही है। हम ही लिखते हैं और हम ही एक दूसरे के ब्लोग्स को पढ़ते तथा उन पर टिप्पणी भी करते हैं। किन्तु अब हमें अपने सिवा अन्य पाठकों की संख्या बढ़ानी ही होगी।
समीर लाल जी की टिप्पणी से प्रेरित हो कर मैंने अपने एक परिचित को तो 'ब्लागिया' बना ही दिया। 'नौसिखिया' नाम रखा है उन्होंने अपने ब्लोग का। वे धमतरी के रहने वाले हैं और रायपुर में कार्यरत हैं। जानना चाहेंगे कि अपने ब्लोग में पहला पोस्ट करने के तत्काल बाद उन्होंने क्या किया? उन्होंने तुरन्त फोन उठाया और धमतरी के अपने 8-10 मित्रों से अपने ब्लोग को देखने और पढ़ने का आग्रह किया। उनके मित्र जब उनके ब्लोग को देखेंगे तो अवश्य ही उन्हें अन्य हिन्दी ब्लोग्स के विषय में जानने की उत्सुकता तो होगी ही और धीरे-धीरे वे हम सब लोगों के ब्लोग्स जान ही लेंगे। इस प्रकार से कम से कम एक हिन्दी ब्लोगर और 8-10 हिन्दी पाठकों की संख्या तो बढ़ ही गई। ऐसे पाठकों की जो कि'अन्य पाठक' की श्रेणी में आयेंगे अर्थात् स्वयं ब्लोगर नहीं हैं।
तो मेरा अनुरोध है कि आप भी श्री समीर लाल जी का कहना मान कर कम से कम अपने एक परिचित को अवश्य ही हिन्दी ब्लोगर बनायें। वास्तव में यह हिन्दी की बहुत बड़ी सेवा होगी।
2 comments:
इस कार्य के लिए आपको धन्यवाद,
निश्चित ही अधिक पाठक लाना एक अति आवश्यक कार्य है. प्रयास जारी रखें.
बहुत आभार.
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