धान के देश में!
जी.के. अवधिया का ब्लॉग
Wednesday, May 7, 2008
बूढ़ा बरगद
सबकी सेवा करते करते
चलो आज मैं वृद्ध हुआ
तिरस्कार भी पाकर अब तक,
नहीं कभी भी क्षुब्ध हुआ
फोटो worth1000।com के सौजन्य से!
1 comment:
Udan Tashtari
said...
नमन बूढ़े बरगद को.
May 8, 2008 at 1:00 AM
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नमन बूढ़े बरगद को.
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