Monday, September 14, 2009

ऐसा भी होता है

जी हाँ ऐसा भी होता हैः

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7 comments:

Anil Pusadkar said...

अवधिया जी क्षमा बड़न को चाहिये।आप बड़े है बच्चों को आशिर्वाद दिजिये।

विवेक सिंह said...

हो सकता है कुछ पाठक सलीम के फोटू पर ही मर मिटे हों :)

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

अवधिया जी,
हा-हा-हां, मैंने कहा न कि जिनका कोई दीन-ईमान ही न हो, वे कुछ भी कर सकते है! कुछ भी कह सकते है, कोई सा भी मुखौटा लगा सकते है ! कीचड है, पत्थर फेंकने से फायदा ? हां, इनकी हरकते देख खून जरूर खौल जाता है और मन करता है कि.......!

राज भाटिय़ा said...

मुझे तो कुछ समझ नही आया ?

Anonymous said...

अरे ऐसा भी ...
हिंदी दिवस की आपको भी शुभकामना और बधाई .

Rakesh Singh - राकेश सिंह said...

हा...हा....हा ..... सही खबर दी है | पता नहीं सलीम मियां प्रचार के लिए क्या क्या करेंगे ..........|

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

हा हा हा....जी हाँ! मन्दी के चलते कभी कभी ऎसा भी करना पडता है:)