Thursday, October 1, 2009

स्पैम याने कि कचरा टिप्पणी क्या होती है

इंटरनेट से सम्बन्धित एक शब्द है स्पैम। स्पैम का अर्थ है रद्दी या कचरा। इंटरनेट में कुछ दुष्ट प्रकृति के विघ्नसन्तोषी लोग दो प्रकार के कार्य करते हैं पहला स्पैम ईमेल भेजना और दूसरा स्पैम टिप्पणी करना इनका कार्य ही है नेट में यहाँ वहाँ कचरा फैलाते रहना।

स्पैम ईमेलः स्पैम ईमेल याने कि अवांछित ईमेल तो आप लोगों के पास भी बहुत से आते होंगे और जाहिर है कि जबरन के ये ईमेल आपको सिर्फ क्रोध ही दिलाते होंगे।

स्पैम टिप्पणीः स्पैम याने कि कचरा टिप्पणी वह होती है जिसका ब्लॉग के विषयवस्तु के साथ किसी भी प्रकार का सम्बन्ध नहीं होता। ये टिप्पणीयाँ या तो प्रचार के लिए होती हैं या फिर लोगों को परेशान करके तमाशा देखने के लिए। नीचे देखिए मेरे अंग्रेजी ब्लॉग Positive Musing के पोस्ट्स में आए हुए कुछ स्पैम कमेंट्स का स्क्रीनशॉटः

पर इन स्पैम कमेंट्स को हमारे वर्डप्रेस का एकिस्मेट प्लगिन आराम से झेल लेता है और हमें परेशान करने से बचा लेता है।

हिन्दी ब्लॉग जगत का वातावरण बहुत साफ है क्योंकि हिन्दी ब्लॉग में ऊपर दिखाए स्क्रीनशॉट जैसे कचरा टिप्पणियाँ नहीं आती किन्तु विगत कुछ दिनों से हिन्दी में भी कचरा टिप्पणियाँ आनी शुरू हो गई हैं। उदाहरण के लिए देखें श्री सुरेश चिपलूनकर के पोस्ट "यदि कांग्रेस खत्म हो जाये, तो हिन्दू-मुस्लिम दंगे नहींहोंगे…- सन्दर्भ मिरज़ के दंगे Miraj Riots & Communal Politics by Congress" की टिप्पणी का स्नैपशॉटः

इस टिप्पणी को पढ़ने से ज्ञात होता है कि इसका पोस्ट के विषयवस्तु से किसी प्रकार से भी सम्बन्ध नहीं है और यह टिप्पणी केवल प्रचार करने के साथ ही साथ अन्य लोगों को परेशान करने के लिए ही की गई है।

ब्लोगर में वर्डप्रेस के एकिस्मेट जैसा कोई भी प्लगिन नहीं है जो कि ऐसी टिप्पणियों को झेल ले किन्तु टिप्पणी मॉडरेशन सक्षम करके ऐसी टिप्पणियों से अवश्य बचा जा सकता है।

चलते-चलते

हमें "लिखता क्या है अपने आप को ब्लोगर शो करता है" कहने वाले हमारे मित्र आ धमके हमारे पास।

हमने उनसे पूछा, "क्यों यार! याद है तीसेक साल पहले हम दोनों काश्मीर गए थे?"

"बिल्कुल याद है।"

"और वहाँ किसी होटल में जगह नहीं मिलने के कारण हम लोग एक धनवान विधवा के गेस्ट हाउस में ठहरे थे।"

"हाँ भई"

"उस विधवा ने इसी शर्त पर ठहरने दिया था कि गेस्ट हाउस से लगे उस विधवा के कमरे में हम दोनों में से कोई भी नहीं जायेगा।"

"बिल्कुल, बिल्कुल, मुझे आज भी याद है कि बड़े मजे में हमारी रात गुजर गई थी।"

"अबे, हमारी नहीं तेरी रात मजे में गुजरी थी क्योंकि तू उसके कमरे में गया था।"

"अरे नहीं गया था यार।"

"झूठ मत बोल, तू गया था। और जब उसने तुझसे तेरा नाम-पता पूछा था तो तूने उसे अपनी जगह मेरा नाम और पता बता दिया था।"

"चल मान लेता हूँ कि तू सही कह रहा है। पर इतने साल बीत जाने पर तू आज ये सब क्यों पूछ रहा है?"

"उस धनवान विधवा के वकील की चिट्ठी आई है मेरे पास इसलिए पूछ रहा हूँ ।"

अब मित्र ने कुछ कुछ परेशानी के स्वर में पूछा, "क्या लिखा है चिट्ठी में?"

"यही कि वो स्साली धनवान विधवा मर गई है और वसीयत में अपनी सारी जायजाद मेरे नाम कर गई है।"

19 comments:

Mishra Pankaj said...

सही है एक राम करके बन्दा है वो भी ऐसी हे स्पैम टिपणी करता है

Mohinder56 said...

भाई जी हम तो चाहते हैं कि हमारे ब्लाग पर स्पेंम ही सही थोक में टिप्पणियां आयें.. मगर नहीं आती तो क्या करें..

वैसे हम स्पेम टिप्पणियां आने की बजह जानते हैं.. ऐसा ज्यादा तर लम्बी पोस्ट पर होता है... वो इसलिये कि किस के पास टाईम है पढने का मगर टिप्पणी तो करनी ही है सो दूसरों की टिप्पणी को आधार बना कर कुछ न कुछ चेपने की बिमारी से यह सब होता है....

खुदा खैर करे

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

अवधि्या जी आप मन सन्सो मा डार देव,बधई आप ला स्पैम के सुग्घर जनकारी के देव कि धनवान विधवा के धन के जऊन दुनो मितान मन सन्झर-मिन्झर पाये हव तेखर,ये दे ला मै हा आप मन उपर छोड्त हव,बने सुन्दर बतायेव आप ला गाडा-गाडा बधई,

Unknown said...

@ alit sharma

सन्सो करे के कोनो बात नइ ये संगी, बस अपन ब्लॉग माँ टिप्पणी मॉडरेशन भर ला सक्षम कर के रखे रहौ।

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

क्या अवधिया जी,
आप भी न, भई, मोहल्ले की गली में जब सुबह-सुबह एक आवाज कानो में पड़ती है...................कब... बा...बा..डी ...............! तो इंसान के दिमाग में क्या तस्बीर उभरती है ? ......................कबाड़ से लदी एक साइकिल पर बैठा कबाड़ी ! अब अगर आप उससे यह उम्मीद लगाने लगो कि वह फलो की टोकरी लाद कर ला रहा होगा तो गलती किसकी है ?

admin said...

सही कहा, पर आजकल तो स्पैम ब्लॉग भी बनने लगे हैं।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arif said...

आपकी बात सही है!!!

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

अवधिया जी, पोस्ट पर तो बाद में बात करते हैं,सबसे पहले तो आपको लखपति/करोडपति बनने की बधाई....उस विधवा की जायदाद लाखों/करोडों में तो होगी ही:))

अब पोस्ट की बात की जाए तो आपका कहना सही है कि इसका एकमात्र हल सिर्फ टिप्पणी माडरेशन ही है......अब कचरा फैंकने वाले तो बाज आने से रहे..इसलिए यही एक उपाए बचता है कि घर के दरवाजे को साँखल लगा ली जाए...
लेकिन एक दिक्कत तो फिर भी है कि चाहे हम लोग अपने घर में कचरा न फैकने दें,लेकिन मोहल्ले में फैले कचरे की बदबू तो जीना हराम करेगी ही..तो उसका क्या हल किया जाए?

Chandan Kumar Jha said...

बढ़िया रही यह स्पेम चर्चा ।

बेरोजगार said...

अवधिया जी धन्यवाद,आप मुझे प्रोत्साहित करते हैं लिखने के लिए!!

राज भाटिय़ा said...

अजी समय समपर आप जब भी कोई नया ब्लांग देके तो उस की प्रोफ़ाई जरुर चेक करे, मेने पिछले दिनो कई ऎसे ब्लांग देखे ओर अपने मित्रो को साबधान भी किया था, क्योकि हम ही एक दुसरे की मदद कर सकते है.
धन्यवाद

Rakesh Singh - राकेश सिंह said...

टिप्पणी moderation के बाद भी गंध फ़ैल रही है, हाँ moderation के बाद गंध थोडी कम जरुर हो गई है | ब्लोग्वानी पे उनके हेडिंग पढ़ के इतना गुस्सा आता है की क्या बताऊँ .... कुछ तो करना चाहिए इसका ....

शरद कोकास said...

इस तरह अच्छी जानकारी से लैस करने का यह प्रशंसनीय कार्य आप कर रहे हैं \धन्यवाद ।

Khushdeep Sehgal said...

अवधिया जी...वसीयत तो ठीक है लेकिन विधवा जो पप्पू साथ छोड़ गई है, अगर उसका डीएनए टेस्ट करा दिया गया, तो फिर क्या होगा...

Unknown said...

@ खुशदीप सहगल

अरे! मरने के पहले विधवा ने पप्पू को आपके पास भेज दिया? क्या चक्कर है भइ?

मुझे तो डर है कि अगर उसका डीएनए टेस्ट करा दिया गया तो कहीं आप न लपेटे में आ जाएँ।

Khushdeep Sehgal said...

अवधिया जी,
कश्मीर आप गए थे, मुझे तो कभी वहां जाने का सौभाग्य ही नहीं मिला...और ये पप्पू तो अभी से ही ब्लॉगिंग के टिप्स, टिप्पणियों के तरीके... कंप्यूटर का ज्ञान... पता नहीं क्या-क्या देने लगा है...माज़रा क्या है...कहीं जीन्स तो नहीं बोल रहे...

Unknown said...

@ खुशदीप सहगल

चलिए खुशदीप जी, मैं ही हार मान लेता हूँ, आप जीते!

पर सरे आम मेरी पोल तो मत खोलिए, प्लीज़।

jayanti jain said...

Useful information, Akismet also saved me

Gyan Dutt Pandey said...

धनवान बनने की बधाई।