Monday, October 19, 2009

मेरा मस्तिष्क और हृदय मेरा मन्दिर है ...

"न ही मन्दिरों की कोई आवश्यकता है और न ही क्लिष्ट दर्शन की। मेरा मस्तिष्क और हृदय मेरा मन्दिर है और दया मेरा दर्शन है।"

दलाई लामा

2 comments:

शिवम् मिश्रा said...

भैया दूज पर आपको ढेरों शुभकामनायें !

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

दलाईलामा का ये कथन जितना सत्य है उतना ही सुन्दर भी!!!!!!!!
आभार्!