इस धारणा के कारण
मुख्य कारण है माया (या मायान) कैलेंडर! करीब 250 से 900 ईसा पूर्व माया नामक एक प्राचीन सभ्यता स्थापित थी। ग्वाटेमाला, मैक्सिको, होंडुरास तथा यूकाटन प्रायद्वीप में इस सभ्यता के अवशेष खोजकर्ताओं को मिले हैं। ऐसी मान्यता है कि माया सभ्यता के काल में गणित और खगोल के क्षेत्र उल्लेखनीय विकास हुआ था। अपने ज्ञान के आधार पर माया लोगों ने एक कैलेंडर बनाया था। कहा जाता है कि उनके द्वारा बनाया गया कैलेंडर इतना सटीक निकला है कि आज के सुपर कम्प्यूटर भी उसकी गणनाओं में 0.06 तक का ही फर्क निकाल सके और माया कैलेंडर के अनेक आकलन, जिनकी गणना हजारों सालों पहले की गई थी, सही साबित हुए हैं। माया सभ्यता के लोगों की मान्यता थी कि जब उनके कैलेंडर की तारीखें खत्म होती हैं, तो धरती पर प्रलय आता है और नए युग की शुरुआत होती है और अवशेष में प्राप्त माया कैलेंडर की अन्तिम तारीख 21 दिसंबर 2012 है। इसीलिये माना जा रहा है कि 21 दिसंबर 2012 को पृथ्वी का विनाश हो जायेगा। फ्रांसीसी भविष्यवक्ता माइकल द नास्त्रेदम्स की 2012 में धरती के खत्म होने की एक भविष्यवाणी इस धारणा को और भी बलवती बना रही है।
इंटरनेट पर एक चर्चा यह भी है कुछ तथाकथित वैज्ञानिकों के अनुसार प्लेनेट एक्स निबिरू नामक एक ग्रह दिसंबर 2012 में धरती के अत्यन्त निकट से गुजरेगा और पृथ्वी से उसके टकरा जाने की बहुत अधिक सम्भावना है। यह टक्कर ठीक उसी प्रकार की टक्कर होगी जिसने पृथ्वी से डायनासॉर का नामोनिशान मिटा दिया था। यह भी कहा जा रहा है कि 2012 में सूर्य हमारी आकाशगंगा (मिल्की-वे) के ठीक मध्य से अलाइन करेगा। ऐसा 26 हजार साल में पहली बार होगा। फलस्वरूप बेइंतिहा ऊर्जा उत्पन्न होगी जिससे धरती अपनी धुरी से भी हट सकती है।
हॉलीवुड में तो 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर की लागत वाली 2012 नामक फिल्म भी बन गई। रोनाल्ड एमरिच द्वारा निर्देशित यह फिल्म 13 नवम्बर को दुनियाभर में एक साथ रिलीज भी कर दी गई हैं और अब बेतहाशा बिजनेस कर रही है।
क्या कहते हैं वैज्ञानिक इस बारे में
दुनिया भर के वैज्ञानिक इस धारणा को मात्र कपोल कल्पना ही मान रहे हैं। वे 2012 में किसी क्षुद्र ग्रह के पृथ्वी से टकराने की आशंका से भी इनकार कर रहे हैं। नासा को भी इस प्रकार की किसी घटना घटने का विश्वास नहीं है। नासा के प्रमुख वैज्ञानिक और 'आस्क द एस्ट्रोबायलॉजिस्ट' के चीफ डॉ. डेविड मॉरिसन का कहना है कि प्लेनेट एक्स निबिरू नामक किसी ग्रह, जिसके 2012 दिसंबर को पृथ्वी से टकराने की बात की जा रही है, का कोई अस्तित्व ही नहीं है।
हमारा भी यही तर्क है कि यदि माया सभ्यता के लोगों को पृथ्वी के विनाश के विषय में ज्ञात था तो उन्हें स्वयं अपनी सभ्यता के नष्ट होने के विषय में क्यों किसी प्रकार जानकारी नहीं थी?
चलते-चलते
काल करे सो आज कर आज करे सो अब्ब।
पल में परलय होयगी बहुर करेगा कब्ब॥
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26 comments:
काश !
माया तो चलो एक मुद्दे पर चिल्ला रहे है...नास्त्रेदमस को तो हर घटना की जानकारी थी!!! :)
लोगों को ऐसी बातों से मजा आता है, बस.
डराने का धंधा आज जोरों पर है..आपने खरा खरा लिखा है..बहुत कम लोग एसा कर रहे हैं.
बहुत बढिया आलेख लिखा .. मैं भी जल्द ही इसपर एक आलेख लिखने के लिए काम कर रही हूं .. लेकिन चलते चलते कह दूं ...
आज करना है सो कल कर कल करना है सो परसों ।
इतनी जल्दी क्या है भैया , जब पडी हुई है बरसों ।।
काल करे सो आज कर आज करे सो अब्ब।
पल में परलय होयगी बहुर करेगा कब्ब॥
यही है बस सर्वोच्च विचार !
अवधिया जी !
आपने कहा ---
'' काल करे सो आज कर आज करे सो अब्ब।
पल में परलय होयगी बहुर करेगा कब्ब॥''
परन्तु आज का सच तो यह हो गया है ---
'' आज करै सो काल्हि कर , काल्हि करै सो परसों |
जल्दी जल्दी क्यों करता है , जीना है तो बरसों | | ''
अब कौन सुनने वाला है ...!...
जो होगा जब होगा देख लेगे........अभी तो बहुत काम बाकी है !
मेरा तो यह मानना है कि भविष्य के गर्त में क्या छिपा हुआ है, यह किसी भविष्यवाणी के द्वारा जानना पूर्ण संभव नहीं है। हां, ये जरुर मान लेता हूं कि २०१२ में विनाश हो या न हो, २०१२ नामक फिल्म को इससे जरुर काफी धन का लाभ होगा।
भविष्य की बातें संभावनात्मक वाक्यों में ही कही जाती हैं। और इनके भी दो पहलू होते हैं....
ज्योतिषियों और भविष्यवक्ताओं को महामुनि का शाप है कि वे खुद के बारे में कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकते।
ऐसी बेसिरपैर की भविष्यवाणियाँ हर कहीं होती रहती हैं। ब्लॉगजगत भी तो अछूता नहीं रहा इनसे।
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सिर पर मंडराता अंतरिक्ष युद्ध का खतरा।
परी कथाओं जैसा है इंटरनेट का यह सफर।
चलिये हम हर मुसिबत का सामना करने को तेयार है, देखे कब आती है प्रलय.....
इस बात की चर्चा तो आजकल बच्चे भी लोगों से सुनकर करने लगे हैं .
पिक्चर की प्रोमोशन के लिए मीडिया को पैसा मिला और मीडिया बन गया भोंपू!!......... पैसे के लिए तो हमारा मीडिया कुछ भी करने को तैयार है.........
सोचना क्या जो भी होगा देखा जाएगा ..:)
itte bade bade sankaton ko bhugat liya avadhiya ji.........
ab pralaya ko bhi dekh lenge...
ab aur kuchh dekhne me maza raha bhi nahin...
koi mega show kare kudarat ! toh hi paisaa vasool hoga.......
अवधिया जी, प्रलय की कोई भी सम्भावना देखते ही मुझे जल्दी से जल्दी सूचित कीजियेगा, ऐसा न हो कि मैं ब्लॉग लिखता रह जाऊं और प्रलय आ जाये, पोस्ट ही न कर पाऊं…।
इसीलिये आजकल मैंने माइक्रो पोस्ट की संख्या बढ़ा दी है, पता नहीं कब प्रलय आ जाये और मन की बात मन में ही रह जाये… :) :)
अभी तीन साल बाकी हैं! :)
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आदरणीय अवधिया जी,
२०१२ की यह तारीख याद रखियेगा, बीतने पर मजाक उड़ाने व पोस्ट लिखने के लिये अच्छा टॉपिक मिलेगा हम सब को...
आओ अंगीकार करें 'शाश्वत सत्य' को.......प्रवीण शाह
कुछ नहीं होने वाला......ये सब मीडिया प्रयोजित खेल है...बात का बतंगड बनाना इन्हे खूब आता है । ऎसी कोई न कोई भविष्यवाणी हर 5-10 सालों बाद सुनने को मिल ही जाती है.....इसलिए डोन्ट चिन्ता टेक हौंसला :)
माया नाम की यही तो माया है...कहती कुछ है और होता कुछ और ही है...
जय हिंद...
सटीक टिप्पणी।
वैसे भी ऐसी खबरें चैनल वगैरह के 'फिलर' का काम करती हैं। उनकी दुकान चलती रहनी चाहिये।
इस उहा-पोह में अच्छी जानकारी..!
chaahte to hum sabhi yahi hain ki aisa koi big bang na ho. par jahan tak maya sabhyata ki baat hai to jab hamare supar computer bhi uski garna ko nahi nakar sake to hum log to sirf kalpna par tark karten hai, aur kalpna me kitani sacchayee hoti hai, yah bhi hum log acchi tarah se janten hain. Ek baat aur France ke nashtre damash ne apne jivan ka ek bara hissa garna karne me hi gujara hai, unki garnao ko hum itani aashani se kaise nakar sakten hain? Phirbhi HOGA WAHI JO RAAM RACHI RAKHA.
JAI HIND
Mera Kathan hain Ki Jo Bhi Socho Turant Karo Is Liye Agar Aaj Ham Jo Soch Rahe Hain usako Kal Na Kare Turant
aaj ke log yeh sochate hain mai bahut hi mahan hu magar jo yeh sochata hain wah bahut hi murkh byakti hain
mera manna hai ki jiska janam hua hai woh khatum bhi hoga.uski umar kitni lambi ha yeh alag baat hai
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