भारतवर्ष में पुरातनकाल से ही चाय के विषय में जानकारी थी। प्राचीनकाल में हमारे देश में प्रायः इसका प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता था। उन दिनों चाय की खेती नहीं होती थी बल्कि चाय के पेड़-पौधे पर्वतीय क्षेत्रों के वनों में स्वयं ही उग जाया करते थे। माना तो यह भी जाता है कि रामायणकाल में रावण के वैद्य सुषेण ने लक्ष्मण की मूर्च्छा दूर करने के लिये जिस संजीवनी बूटी का प्रयोग किया था वह भी चाय प्रजाति की ही एक वनस्पति थी और उसे लाने के लिये ही हनुमान जी को भेजा गया था। यह भी मान्यता है कि चाय की खोज गौतम बुद्ध ने की थी। कहा जाता है कि एक बार जब वे समाधिस्त अवस्था में थे तो उनके पेय पात्र में चाय की कुछ पत्तियाँ गिर गई थीं जिसे उन्होंने पी लिया था। चाय की खोज के विषय में और भी बहुत सी कहानियाँ प्रचलित हैं।
भारत में बागान बना कर बकायदा चाय की खेती करना ईस्ट इंडिया कम्पनी ने आरम्भ किया। पहला चाय बागान आसाम में सन् 1837 में स्थापित किया गया था। भारत में चाय को लोकप्रिय पेय बनाने का श्रेय भी अंग्रेजों को ही जाता है। बचपन में हमारी दादी हमें बताती थीं कि ब्रुक बांड, लिपटन आदि चाय कंपनी वाले लोग चाय के प्रचार के लिये ड्रमों में चाय लेकर मुहल्ले-मुहल्ले घूमते थे और घर-घर में लोटा-लोटा चाय मुफ्त में दिया करते थे। इस प्रकार से लोग चाय पीने के आदी हो गये।
आपको जान कर आश्चर्य होगा कि चाय के पेड़ की उम्र लगभग सौ वर्ष होती है किन्तु अधिक उम्र के चाय पेड़ों की पत्तियों के स्वाद में कड़ुआपन आ जाने के कारण प्रायः चाय बागानों में पचास साठ वर्ष बाद ही पुराने पेड़ों को उखाड़ कर नये पेड़ लगा दिये जाते हैं। चाय के पेड़ों की कटिंग करके उसकी ऊँचाई को नहीं बढ़ने दिया जाता ताकि पत्तियों को सुविधापूर्वक तोड़ा जा सके। यदि कटिंग न किया जावे तो चाय के पेड़ भी बहुत ऊँचाई तक बढ़ सकते हैं।
चाय के पेड़ के विषय में उपरोक्त जानकारी मुझे मेरे जलपाईगुड़ी प्रवास के दौरान वहाँ के लोगों से मिली थी इसलिये मेरी इस जानकारी को अधिकृत नहीं कहा जा सकता। ज्ञानी बन्धुओं से आग्रह है कि यदि यह सही है तो इसका अनुमोदन करें और गलत होने पर खंडन कर दें।
चलते-चलते
एक व्यक्ति एक रेस्टॉरेंट में चाय-नाश्ता के लिये रोज जाता था। वेटर को किसी न किसी बहाने से तंग करने में उसे बेहद मजा आता था इसलिये वह उसे रोज ही तंग किया करता था और टिप तो कभी देता ही नहीं था। कई महीने इसी प्रकार से बीत जाने पर एक दिन उसे लगा कि वह वेटर को नाहक सता कर बहुत गलत काम करता है। उसने निश्चय कर लिया कि आइंदे से वेटर को कभी नहीं सतायेगा और उसके साथ अच्छा व्यवहार करेगा।
उस रोज रेस्टॉरेंट में पहुँच कर उसने वेटर से कहा, "भाई, मुझे माफ कर देना। मैंने अब तक तुम्हें बहुत सताया है। अब से तुम्हें कभी भी नहीं सताउँगा और आज तुम्हें मोटी टिप भी दूँगा।"
वेटर बोला, "ठीक है साहब, तो फिर आज से मैं भी आपके लिये कप में चाय डालने से पहले थूका नहीं करूँगा।"
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20 comments:
रोचक लगी यह जानकारी ..चलते चलते मजेदार रहा ..शुक्रिया
बहुत अच्छी जानकारी है धन्यवाद और शुभकामनायें
चाय का इतिहास जान कर अच्छा लगा ....... अच्छा लगता है जानकार उसके बारे में जो रोज़ आपका साथी है ..... और आपका चुटकला भी मुस्कान दे गया ......
चाय का इतिहास जान कर अच्छा लगा ....... अच्छा लगता है जानकार उसके बारे में जो रोज़ आपका साथी है ..... और आपका चुटकला भी मुस्कान दे गया ......
हा-हा-हा- ग्रेट वेटर ! चाय की जानकारी अच्छी लगी !
चाय की जानकारी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद !!
Chay ki fasal ke bare mein yah to bahut hi gyanvardhak jaankari hai.
-is paudhe ki umr jaankar to wakayee ashchry hua.
चाय पर बहुत अच्छी जानकारी, ऊपर से नीचे तक मोहतरमाओं के कमेटस बीच में खा पी के नेट की गोदी में बैठा रहने वाला, खुदा खेर करे चलते चलते भी लाजवाब, एक दो महीने आपको कोई कतई परेशान नहीं करेगा न आक्रोश दिलाएगा, चटका न.2 और 3 भी मेरा है, विश्वास करें, झूठ तो मैं लाखों के लिए न बोलूं करोडों कोई अभी आफर(Joke) करता नहीं,
अवधिया जी,
दिन में पिये जाने वाले पेय की तो जानकारी दे दी...शाम ढलने के बाद कंठ में जाने वाले रस की भी जानकारी अगली पोस्ट में दीजिएगा...
आपने ये नहीं बताया कि वेटर को सच्चाई बयां करने के बाद टिप मिली या नहीं...
जय हिंद...
बहुत बढीया जानकारी|
चाय तो मेरा फेवरेट है| मै तो चाय रोटी खा कर ही कई वर्षों तक रह सकता हूं|
:)....:(...;)...):
एक बेहद ताजगी देने वाला आलेख !
चाय पीते-पीते 30 साल हो गये, लेकिन चाय के बारे में जानकारी आज ही हुई है।
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
चलते-चलते पढकर तो हमेशा की तरह मजा आ गया। सच में अब भी हंस रहा हूं।
प्रणाम स्वीकार करें
बहुत ही ज्ञानवर्धक पोस्ट !!!!!!!!!!
बहुत अच्छी जानकारी,यह वेटर भी बडा सयाना था
चलते चलते में बहुत गहरी सीख है..
चाय के बारे में तो आपने बहुत अच्छी जानकारी दे डाली....काफी कुछ नया जानने को मिला ।
बढ़िया जानकारी दी है।
घुघूती बासूती
रहीम जी से क्षमा याचना सहित
" रहिमन चाय राखिये बिन चाय सब सून
चाय बिना न ऊबरै अफसर बाबू प्यून "
Bahut hi sundar jankari di hai aapne sir ji dil se dhanyavaad 😍
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