Saturday, February 13, 2010

तो अब हम भी चलें

मजबूरी है। जाना तो पड़ेगा ही। जिस प्रकार से संसार असार है उसी प्रकार से यह ब्लोगजगत भी असार है। कब तक बने रहेंगे यहाँ? कब तक सींग कटा कर बछड़ों में शामिल होते रहेंगे? कब तक नये लोगों को पुरानी बातें बता बता कर बोर करते रहेंगे? आखिर कब तक? हमारे कई साथी तो इस नश्वर संसार को ही छोड़ कर चले गये हैं अब तक और एक हम हैं कि साठ साल की उम्र होने के बावजूद भी लटके हुए हैं। ठीक वैसे ही जैसे कि शिरीष के फल सूख जाने पर भी पेड़ से लटके ही रहते हैं। फूल-पत्तियाँ झड़ जाती हैं पर ये सूखे और हवा में डोलते फल हैं कि लटके ही रहते हैं। वाह रे शिरीष के फल!

अरे भाई हमने तो हमारे टिप्पण्यानन्द जी के ब्लोग छोड़ने वाली धमकी वाले फॉर्मूले को आजमाने के लिये ये सब लिख डाला वरना पक्के बेशर्म हैं हम। आप हमें अगर भगाओगे भी तो भी नहीं जाने वाले। वैसे तीन चार दिनों के लिये थोड़ा दूर होना पड़ेगा हमें आप लोगों से, आखिर हमारी प्यारी भांजी की शादी जो है १६ तारीख को! सबसे बड़े मामा हैं हम उसके तो वहाँ रहना तो होगा ही हमें। वैसे काम वाम करने के लिये बहुत लोग हैं वहाँ पर, हमारा काम तो केवल उन लोगों के काम पर निगाह रखना ही होगा। फिर भी कोशिश यही रहेगी कि भले ही टिप्पणी कम कर पायें या नहीं ही कर पायें पर कम से कम हमारे पोस्ट तो नियमित रहें। याने कि छुट्टी लेने के बाद भी आप लोगों से मिलने का प्रयास करते ही रहेंगे।

----------------------------------------------------
"संक्षिप्त वाल्मीकि रामायण" का अगला पोस्टः

हनुमान जी का लंका में प्रवेश - सुन्दरकाण्ड (२)

13 comments:

संजय बेंगाणी said...

ठीक है जी आप उधर नजर रखना, हम आपकी जगह ब्लॉग जगत पर नजर रखेंगे :)

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

:)

Kulwant Happy said...

बधाई हो। सब कार्य मंगलमयी संपन्न हो।

Sanjeet Tripathi said...

badhai aur shubhkamanayein.

aaiye, tab tak ham hain na
;)

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

शुभ कार्य हेतु शुभकामना अवधिया साहब !

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

ये हुई पाठक खैंचू पोस्ट...:)

Khushdeep Sehgal said...

बहुत बहुत बधाई भांजी बिटिया की शादी के लिए...

पोस्ट के शुरू में तो लगा..ए लो...बस यही कसर रह गई थी...अवधिया जी भी चढ़ गए टंकी पर...

लेकिन फिर ध्यान आया कालिया का रीमिक्स डॉयलाग...

राज जी अभी तक आपने वो टंकी नहीं बनवाई जो अवधिया जी को अपने ऊपर चढ़वा सके...

जय हिंद...

अजित गुप्ता का कोना said...

भांजी की शादी अच्‍छे से करना और अच्‍छे से मायरा भरना। मामा जो ठहरे।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...

भांजी बिटिया तथा दुल्हे बेटे दोनों को हमारा स्नेहाशीष दिजिएगा।

Anil Pusadkar said...

बहुत बहुत बधाई हो।शादी के बाद लेकिन जल्दी से आ जाना तब तक़ सब मैं संभाल लूंगा।

प्रवीण said...

.
.
.
आदरणीय अवधिया जी,
तो ये बात है... शीर्षक ने तो डरा ही दिया था!

राज भाटिय़ा said...

अवधिया जी सब से पहले तो आप को भांजी बिटिया क शादी की बधाई, निगाह जरुर रखे हलवईयो पर लेकिन हमारे हिस्से की मिठाई जरुर अलग से रख ले :)
आप की पोप्स्ट पढ कर एक गीत याद आ गया... अजी छोड के अब कहा जाईयेगा....

डॉ टी एस दराल said...

अवधिया जी , आप बेफिक्र होकर भांजी की शादी में जाएँ।
आपकी सीट सुरक्षित रहेगी।
शुभकामनायें।